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चेयरपर्सन ने लिखी चिट्ठी-नहीं चाहिए बेकारा जेई

मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद् में डीएम से किया था अतिरिक्त जेई सिविल भेजने का आग्रह, प्रशासन ने जिसे भेजा उससे पालिका प्रशासन कर चुका है पहले ही तौबा

चेयरपर्सन ने लिखी चिट्ठी-नहीं चाहिए बेकारा जेई
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में कार्यरत जेई कपिल कुमार के साथ कई मुद्दों पर नाराजगी के चलते पाला खींचने वाली चेरपर्सन अंजू अग्रवाल ने अब जिला प्रशासन के द्वारा पालिका में दूसरे विभाग से एक अतिरिक्त जेई निर्माण विभाग में तैनात करने के फैसले पर भी विवाद खड़ा हो गया है। चेयरपर्सन ने एडीएम ;प्रशासनद्ध द्वारा जारी किये गये इस आदेश को निरस्त करने की मांग करने के साथ ही लोक निर्माण विभाग के दो जेई सिविल के नाम सुझाते हुए उनमें से किसी एक की तैनाती पालिका में करने के लिए एडीएम को पत्र लिखा है।

नगरपालिका परिषद् में निर्माण विभाग में कार्यरत जेई कपिल कुमार की कार्यशैली को लेकर चेयरपर्सन खासी नाराज चल रही है। जेई द्वारा शहर के विकास के लिए तय किये गये उनके ड्रीम प्रोजेक्ट वाले कार्यों का व्ययानुमान नहीं बनाने के साथ ही अन्य मुद्दों को लेकर चेयरपर्सन ने जेई कपिल कुमार को दो बार नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। इसी बीच चेयरपर्सन ने पालिका में निर्माण विभाग के कामकाज को पटरी पर लाने के लिए जिला प्रशासन से एक अतिरिक्त जेई की तैनाती करने के लिए आग्रह किया था। इसको लेकर उन्होंने जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखी थी। चेयरपर्सन के इस आग्रह को जिला प्रशासन ने स्वीकार तो किया, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर जिस जेई ;सिविलद्ध की अतिरिक्त कार्यभार देकर पालिका में तैनाती की गयी, उनकी कार्यप्रणाली चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को अखरती रही है। प्रशासन के इस आदेश को अब चेयरपर्सन ने निरस्त करने के साथ ही दूसरे जेई की तैनाती करने के लिए एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह को चिट्ठी भेजकर यहां पर भेजे गये जेई की कार्यप्रणाली का पूरा चिट्ठा ही खोलकर रख दिया है।

सेल्वा कुमारी ने भी पालिका में यही जेई भेजा था

एडीएम प्रशासन को भेजे अपने पत्र में चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने कहा है कि जिलाधिकारी से पिछले दिनों अनुरोध किया गया था कि नगर पालिका परिषद, मुजफ्फरनगर में निर्माण विभाग में अत्याधिक कार्य होने के कारण तथा 02 अवर अभियन्ता निर्माण के सृजित पद होने के सापेक्ष मात्र 01 अवर अभियन्ता की तैनाती होने के कारण विकास कार्य सम्पन्न नहीं हो पाने की समस्या को देखते हुए एक अवर अभियन्ता को प्रतिनियुक्ति पर पालिका में तैनात किया जाये। डीएम के स्तर से उनके अनुरोध को स्वीकार किया गया और 25 मई 2022 को जारी आदेश में विकास कुमार, अवर अभियन्ता ;सिविलद्ध ड्रेनेज खण्ड सिंचाई विभाग, मुजफ्फरनगर की पालिका में तैनाती करने की जानकारी मिली है। चेयरपर्सन ने इस पर ऐतराज जताते हुए कहा कि विकास कुमार, अवर अभियन्ता की पूर्व में तत्कालीन जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. द्वारा पालिका में विकास कार्यों को सम्पन्न कराने हेतु तैनाती की गयी थी। इसके बाद इनकी विभागीय हितों के विपरीत एंव भ्रष्टाचार में संलिप्तता रहने की कार्यशैली होने की अनभिज्ञता के चलते इन्हें उनके द्वारा पालिका में योगदान करा दिया गया था।

ठेकेदार से बनाया गठजोड़, बिना बताये छोड़ा कामकाज

चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल का आरोप है कि जेई विकास कुमार के द्वारा पालिका में पूर्व तैनाती के दौरान मात्र ठेकेदारगण के साथ गठजोड में ही अपना समय अपव्यय किया गया एंव घर बैठे ही बिना स्थलीय निरीक्षण और पैमाइश किये गये अनेक आवश्यक कार्यों के व्ययानुमान आधे अधूरे तैयार कराते हुए उनकी निविदा आदि की प्रक्रिया पूर्ण करायी गयी। फलस्वरूप बिना पैमाइश के तैयार किये गये व्ययानुमान निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात भी कार्य आज तक भी स्थलों पर महत्वपूर्ण विकास कार्य सम्पन्न नहीं हो पाये हैं। चेयरपर्सन ने कहा कि विकास कुमार अवर अभियन्ता इतने गैर जिम्मेदार एंव नियम विरू( कार्य करने में तत्पर रहे कि वह बिना उनसे कार्यमुक्त प्रमाण प्राप्त करे ही पालिका से स्वेच्छाचारिता अपनाते हुए अनुशासनहीनता कर पूर्व में चले गये थे। चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने एडीएम को फोन पर भी यह सारी जानकारी दी। अब चिट्ठी लिखकर विकास कुमार, अवर अभियन्ता के किये गये तैनाती आदेशों को निरस्त एंव परिवर्तित करते हुए इनके स्थान पर अन्य योग्य अवर अभियन्ता की स्थानीय स्तर से तैनाती करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने सुझाव दिया है कि विकास कुमार, अवर अभियन्ता (सिविल) निर्माण खण्ड-प्रथम, लोक निर्माण विभाग, मुजफ्फरनगर अथवा इसी निर्माण खण्ड के पूर्व में पालिका में रहे मनोज कुमार, अवर अभियन्ता (सिविल) की तैनाती अतिरिक्त कार्यभार के रूप में की जाये।

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