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सीएमओ आफिस पर दो कर्मचारी कोरोना पाजिटिव

उपचार किट देकर दोनों कर्मचारियों को कराया होम आइसोलेट, अधिकारी व कर्मचारी जांच कराने में जुटे

सीएमओ आफिस पर दो कर्मचारी कोरोना पाजिटिव
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मुजफ्फरनगर। जनपद में कोरोना का प्रभाव इस कदर चिंताजनक हो चुका है कि समीक्षा के दौरान लखनऊ से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मुजफ्फरनगर में ज्यादा ध्यान देने के लिए अफसरों को हिदायत देनी पड़ी, लेकिन इसका असर होता नजर नहीं आ रहा है। खुद स्वास्थ्य विभाग बड़े स्तर पर लापरवाही बरत रहा है। आज सीएमओ दफ्तर में ही दो कर्मचारी कोरोना पाजिटिव पाये गये, लेकिन उनको कोविड एल-1 हास्पिटल में भर्ती कराने के बजाये स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक एक उपचार किट हाथ में थमाकर अकेले ही घरों की ओर रवाना कर दिया गया। इन लोगों के द्वारा बाजार में कहां कहां जाकर कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाया जा सकता है, इसकी कोई चिंता ही स्वास्थ्य विभाग को नहीं नजर आयी। दवाई लेकर यह दोनों कर्मचारी स्वयं ही अपने वाहन से घर की ओर रवाना हो गये।

कोरोना का मामला जनपद में जितना भयावह रूप लेकर सामने आ रहा है, उतनी ही लापरवाही हर स्तर पर सामने आ रही है। कोरोना मरीज मिलने के बाद हड़कम्प की स्थिति तो मिलती है, लेकिन पूर्व में जिस प्रकार कोरोना मरीज मिलने पर उसको लेकर स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासन और सामाजिक स्तर पर लोग सावधानी बरतते थे, वह कहीं नजर नहीं आती है। सीएमओ कार्यालय में आज दो कर्मचारी कोरोना पाजिटिव पाये गये। इसको लेकर कार्यालय में हड़कम्प मचा नजर आया।

इन दोनों कर्मचारियों को सीएमओ कार्यालय से ही कोरोना के उपचार के लिए निर्धारित फार्मूले के अन्तर्गत दवाईयों की एक पूरी किट उपलब्ध कराते हुए घर में आइसोलेट रहने की हिदायत के साथ अकेले ही घर जाने के लिए सीएमओ दफ्तर से रवाना कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार कपिल कुमार और एक अन्य युवक सीएमओ कार्यालय में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर कार्यरत है। कपिल कुमार की पिछले दो तीन दिनों से तबियत कुछ खराब चल रही थी। कपिल बीते दिन कार्यालय आने के बाद छुट्टी लेकर चला गया। आज फिर से वह कार्यालय आया तो तबियत में सुधार नहीं होने पर कार्यालय के अधिकारियों ने उसको अपना कोविड टेस्ट कराने की सलाह दी। कपिल ने अपने साथ ही काम करने वाले एक अन्य कम्प्यूटर आपरेटर की भी जिला अस्पताल में कोविड टेस्ट सेंटर पर कोविड जांच करायी। रैपिड एंटीजन टेस्ट में कपिल और उसका साथी कर्मचारी पोजिटिव पाये गये है। इन दोनों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट बाद में स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध होगी, लेकिन रेपिड टेस्ट में ये दोनों कर्मचारी पाजिटिव आये तो कार्यालय में हड़कम्प की स्थिति बन गयी।

यहां पर उपस्थित विभागीय अफसरों ने इन दोनों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित उपचार किट में शामिल दवाईयों का पैकेट थमाया और बेहतर खानपान, गर्म पानी व काढ़ा पीने की सलाह देते हुए उनको अकेले ही घर भेज दिया गया। इन दोनों कर्मचारियों से उनके घर पर परिजनों की जानकारी ली गयी। होम आइसोलेट के नियम कायदे को दरकिनार करते हुए दोनों को घर पर ही रहने की हिदायत के साथ रवाना कर दिया गया। जबकि उनको सरकारी एम्बेलेंस में घर पर छोड़ना चाहिए था और घर पर होम आइसोलेशन के लिए तय नियमों के अन्तर्गत व्यवस्था को भी देखा जाना चाहिए था, लेकिन इसमें घोर लापरवाही बरती गयी।

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