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किसानों के लिए डेथ वारंट कृषि कानूनः केजरीवाल

किसान आंदोलन के समर्थन आम आदमी पार्टी की मेरठ में आज आयोजित महापंचायत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा किसानों को पूंजीपतियों का मजदूर बनाने चाहते हैं मोदी।

किसानों के लिए डेथ वारंट कृषि कानूनः केजरीवाल
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मेरठ। किसान आंदोलन को लगातार समर्थन व्यक्त कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आज यहां पर आयोजित किसान महापंचायत में पहुंचे किसानों को केन्द्र सरकार की नीतियों के प्रति सचेत करते हुए कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी किसानों को पूंजीपतियों का मजदूर बनाने के लिए ही ये तीन कृषि कानून लाये हैं। उन्होंने इन तीनों कानूनों को किसानों के लिए मौत का फरमान बताते हुए कहा कि भाजपा ने देश को गिरवी रखने के अलावा कभी कुछ नहीं किया है।

रविवार को जनपद के रोहटा बाईपास पर स्थित संस्कृति रिसोर्ट में आयोजित किसान महापंचायत में पहुंचे आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भाजपा पर तीखा हमला किया। कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर केजरीवाल ने केन्द्र सरकार और भाजपा को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि दिल्ली बार्डर पर किसानों के साथ सरकार की शह पर जो कुछ किया गया, वह निंदनीय है। यहां किसान आंदोलन से दो सौ से ज्यादा किसान शहीद हो गये हैं। सरकार ने कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा पिछले 25 साल में साढ़े तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। अब किसान दिल्ली के बार्डर पर शहादत क्यों दे रहे हैं, क्योंकि उनकी जिंदगी और मौत पर बात आ गई है। केन्द्र सरकार जो कानून लाई है, उसके लागू होने पर सभी किसानों की खेती पूंजीपति के हाथ में चली जाएगी और किसान अपने खेत में मजदूर बन जाएगा।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी पार्टी की सरकारों ने 70 सालों में किसानों को धोखा दिया है। किसान 70 साल से अपनी फसल का सही दाम मांग रहे हैं। सभी के चुनावी घोषणापत्र में लिखा होगा कि हम जीतेंगे तो सही दाम दे देंगे। लेकिन अगर सही दाम दे देते तो किसान आत्महत्या नहीं करता। उन्होंने कहा आज अपने देश का किसान बहुत ज्यादा पीड़ा में है। किसान भाई परिवार समेत 95 दिनों से कड़कती ठंड में दिल्ली के बार्डर पर धरने पर बैठा है। 250 से ज्यादा किसान भाइयों की शहादत हो चुकी है। लेकिन सरकार के सिर पर जूं नहीं रेंग रही है।

केजरीवाल ने कहा किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं, कीले ठोकी जा रही हैं। ऐसा तो अंग्रेजों ने हमारे किसानों पर इतने जुल्म नहीं किए थेए भाजपा ने तो अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया। अब ये हमारे किसानों पर झूठे मुकदमे कर रहे हैं। उन्होंने कहा भाजपा ने 2014 के घोषणापत्र में कहा था कि हम स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे। इसके बाद किसानों ने इन्हें जमकर वोट दिया। उन्होंने कहा भाजना ने तीन साल बाद सुप्रीम कोर्ट के एफिडेविट में लिखा कि वो एमएसपी नहीं देंगे। इन्होंने किसानों की पीठ में छुरा मारा है। केंद्र सरकार ने नौ स्टेडियम को जेल बनाने के लिए पत्र भेजा थाए जिसकी फाइल इन्होंने मेरे पास भेजी। लेकिन हमने फाइल क्लियर नहीं किया। अगर हम जेल बनाने देते तो ये किसानों को वहां कैद कर लेते और सारा आंदोलन खत्म हो जाता।

किसान महापंचायत के दौरान अरविन्द केजरीवाल ने भारत माता की जय, इंकलाब जिन्दाबाद और वन्देमातरम के नारे लगाये। इसके बाद उन्होंने मेरठ की धरती को क्रांतिकारी भूमि बताते हुए मंच पर मौजूद खाप पंचायतों के चौधरियों को नमन किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि आज देश का किसान बहुत ज्यादा पीड़ा में है, दुखी है। 95 दिन से किसान अपनी बात केन्द्र सरकार को समझाने का प्रयास कर रहा है। कड़कती ठण्ड में दिल्ली बार्डर पर अपने परिवार और बच्चों के साथ धरने पर बैठा हुआ है। ऐसा आंदोलन करने के लिए किसी को मजा नहीं आता है। 250 से ज्यादा किसानों की शहादत इस आंदोलन में हो चुकी है, यह कोई मजाक नहीं है, गंभीर स्थिति है। पिछले 70 साल में इस देश के किसान ने केवल और केवल धोखा ही देखा है। सभी सरकारों ने, राजनीतिक दलों के हाथों किसान ठगा गया है। किसान 70 साल से ज्यादा कुछ नहीं, सरकार से केवल फसल का सही दाम मांग रहा है।

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