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पाकिस्तान ने स्वीकार किया, भारत ने किया बड़ा नुकसान

पाक पीएम ने दी गीदड़ भभकी मिसाइल अटैक का लेकर रहेंगे बदला, जनता ने मांगा साथ

पाकिस्तान ने स्वीकार किया, भारत ने किया बड़ा नुकसान
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नई दिल्ली। पहलगाम में निर्दोष महिलाओं का सिंदूर उजाड़कर आतंक फैलाने वाले कायरों को जवाब देने के लिए भारतीय सेना की स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान में पूरी खलबली मची है। भारत ने फिर भी रिहाइशी इलाकों को छोड़कर आतंक के लॉन्च पैड बने आतंकी शिविरों को निशाना बनाया। भारत की इस कार्यवाही पर बिलबिलाये पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जवाब देने की गीदड़ भभकी दी है।


भारत ने सात मई को एक बजे सट्राइक शुरू की और 25 मिनट में पाक को ऐसा जवाब दिया, जो वो हमेशा याद रखेगा। इसके करीब दो घंटे बाद पाक पीएम शहबाज शरीफ ने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए पाकिस्तान के पांच ठिकानों पर हमला होने की पुष्टि की है। अपने पोस्ट में पाक पीएम ने कहा कि दुश्मन ने पाकिस्तान के भीतर पांच स्थानों पर हमला किया है। पाकिस्तान को इस अकारण भारतीय हमले का निर्णायक जवाब देने का पूरा अधिकार है। पूरा देश अपने सशस्त्र बलों के पीछे एकजुट है।

इसके साथ ही पाकिस्तान सेना के अफसरों ने मगरमच्छ के आंसू बहाना शुरू कर दिया है। डॉन न्यूज के अनुसार इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि दोनों देशों के बीच तीव्र तनाव के बीच भारत ने कोटली, बहावलपुर और मुजफ्फराबाद में मिसाइल हमले किए हैं। यह एक कायरतापूर्ण हमला है। उन्होंने सुबह 4.08 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए खुद कबूल किया कि भारत की ओर से छह इलाकों में विभिन्न हथियारों से कुल 24 ठिकानों को निशाना बनाया गया। कहा कि इन छह इलाकों में हमारे क्षति आकलन के आधार पर आठ पाकिस्तानी मारे गए हैं। 35 घायल हुए हैं और दो लापता हैं।

बंग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद पहली बार बड़ी कार्यवाही

नई दिल्ली। भारत ने 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तान पर ऐसा हमला किया है, जिसमें थल-वायु और नौसेना ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की है। सेना ने समन्वय के साथ जिस ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया है, उसमें केवल आतंकवादी ठिकानों पर अत्याधुनिक मिसाइलों से स्ट्राइक की गई है। 1971 के बाद पहली बार भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त अभियान में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। 1971 में हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई में संयुक्त रूप से काम किया है।

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