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राहत इंदौरी सुपुर्दे ए खाक

मशहूर शायर, कवि और गीतकार राहत इंदौरी उर्फ राहतउल्ला कुरैशी की मौत के बाद उनके परिजनों ने कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को सुपुर्दे ए खाक कर दिया।

राहत इंदौरी सुपुर्दे ए खाक
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इंदौर। मशहूर शायर, कवि और गीतकार राहत इंदौरी उर्फ राहतउल्ला कुरैशी की मौत के बाद उनके परिजनों ने कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को सुपुर्दे ए खाक कर दिया। पर्सनल प्रोटेक्शन किट (पीपीई) पहने उनके परिवार जनों ने उनका अंतिम संस्कार किया। इस दौरान परिवार के ही चंद लोग मौजूद रहे। उनकी आकस्मिक मौत से परिजनों के साथ ही उनके प्रशंसक भी गहरे सदमे में हैं।

आधिकारिक जानकरी के अनुसार सोमवार को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद 70 वर्षीय राहत इंदौरी को यहां उनके गृह नगर इंदौर के एक निजी अस्पताल (कोविड़ केयर) में भर्ती किया गया था। जहां कल शाम उपचार के दौरान उन्हें हृदयघात हुआ और उनका निधन हो गया। निधन के पश्चात उनके शव को कल रात एम्बुलेंस के माध्यम से यहां छोटी खजरानी स्थित कब्रिस्तान में लाया गया। जहां पीपीई पहने उनके लगभग 15 परिवार जनों ने नमाज ए जनाजा अदा कर उनका अंतिम संस्कार किया। राहत इंदौरी के बेटे और शायर सतलज राहत ने बताया कि पिता राहत इंदौरी लाकडाउन के बाद से ही पूरे समय घर पर थे। इस बीच वे केवल अपने स्वास्थ्य की जांच कराने अस्पताल जाते-आते रहें। उनका अचानक यू दुनिया से रुख्सत हो जाने से पूरा परिवार स्तब्ध हैं। वह लगातार स्वस्थ महसूस कर रहे थे। ट्विटर पर भी अपने प्रशंसकों को अपडेट दिया और जल्द ही खुद के स्वस्थ होकर लौटने की उम्मीद भी जाहिर की। राहत इंदौरी एक जिन्दादिल इंसान थे। उन्होंने अपने जीवन में कई बड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए यह बुलन्दी हासिल की। उन्होंने अपने जीवन में दो शादियां की थी। एक शादी शायरा अंजुम रहबर से उनकी हुई थी। उनके पिता कपडा मिल में कर्मचारी थे। उनका अंतिम संस्कार कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार ही किया गया।

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