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KISAN ANDOLAN-बिहार में किसानों की अरेस्टिंग पर राकेश टिकैत नाराज

किसान नेता ने सरकार को चेताया-विश्वास बहाली को बातचीत का दरवाजा खोले सरकार, वरना हमारे लिए दिल्ली दूर नहीं

KISAN ANDOLAN-बिहार में किसानों की अरेस्टिंग पर राकेश टिकैत नाराज
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मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने देशभर में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो साझा की है। उन्होंने बिहार के आंदोलन पर बात करते हुए कहा कि बिहार के आंदोलन में शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्नान पर मौन जुलूस निकाला जाना तय था, लेकिन रात्रि से ही पुलिस ने यूनियन के नेताओं और किसानों पर अत्याचार शुरू कर दिया है। वहां पर रात में ही नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। किसान संगठनों और एसकेएम के लोगों को दबाया जा रहा है। उनके घरों पर दबिश दी जा रही है। गिरफ्तारियां भी की जा रही हैं। सुबह भी पहरा सख्त किया गया है। राकेश टिकैत ने कहा कि औरंगाबाद में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली प्रस्तावित है। इससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री को उनका किसानों से किया गया वादा याद दिलाने के लिए एसकेएम ने शुक्रवार को मौन जुलूस का आह्नान किया था। इसी को लेकर पुलिस ने सख्ती की है।


राकेश टिकैत ने कहा कि झारखंड के बलामो जिले के मंडल क्षेत्र में एक डेम बनाया गया है, जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री ने रखी थी। वो बनकर तैयार है, केवल फाटक लगाये जाने हैं। इसके लिए कुछ पैसा किसानों को जाना है, जो उससे विस्थापित किये जायेंगे। इस डेम से छत्तीसगढ़ और झारखंड के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। 80 प्रतिशत पानी बिहार को जायेगा, बिहार के जहानाबाद और औरंगाबाद को बड़ा लाभ मिलेगा। ये लोग किसानों को बर्बाद करना चाहते हैं। बिहार में मंडी नहीं है और बाजार समिति बंद हैं। बिहार में खेती न हो और वहां पर खेतिहर मजदूर ज्यादा तैयार हों, यही पाॅलिसी है। बिहार में आंदोलन इसलिए लोग कर रहे हैं। वहां पर भूमि अधिग्रहण में मुआवजा भी नहीं मिलता है। वहां पर सरकार से यही मांग है कि आंदोलन के लिए निकले लोगों को गिरफ्तार करना, घरों में बंद करना गलत है, उनको रिहा किया जायेगा।


राकेश टिकैत ने कहा कि बिहार से आंदोलन के लिए उठ रही चिंगारी आगे बढ़ेगी। बिहार में यही मांग है कि कंपनी ने 1700 करोड़ खाकर भी डेम पूरा नहीं किया है। इसी तरह से पंजाब में भी आंदोलन चल रहा है, वहां किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है, बोलने पर लाठियां चल रही हैं। हरियाणा के किसान वहां पर पहुंचे तो उन पर भी अत्याचार किया गया है। आज हरियाणा में एसकेएम की मीटिंग है। आगे भी बड़ी मीटिंग होंगी।


मांग यही है कि आंदोलन में पंजाब बाॅर्डर पर गिरफ्तार किसानों को अविलम्ब रिहा किया जाये, नहीं तो बड़ा आंदोलन करने से कोई नहीं रोक पायेगा। देश की किसानों की जमीन लूटने का काम छोड़कर सरकार बातचीत का माहौल तैयार किया जाये। सरकार किसानों की बात सुने और उनके भीतर विश्वास जगाने का काम करे। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को कमजोर न समझे। किसानों के लिए दिल्ली दूर नहीं हैं, किसानों ने ट्रैक्टर मार्च से यह साबित कर दिया है। हम सभी किसान हैं और पंजाब और हरियाणा सहित देशव्यापी आंदोलन में किसानों के साथ हैं।

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