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सभासद राजीव और ईओ प्रज्ञा में लगी अनोखी शर्त

मंडलायुक्त की शिकायत को लेकर बोर्ड मीटिंग में हंगामा, सभासद राजीव शर्मा ने लगाया अपमानित करने का आरोप, ईओ बोली-लिखकर दोगे तो जताऊंगी खेद

सभासद राजीव और ईओ प्रज्ञा में लगी अनोखी शर्त
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की बोर्ड मीटिंग में सभासद राजीव शर्मा और ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह पूरी तरह से आमने सामने नजर आये। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ मार्ग पर इमरजेंसी लाइट लगवाये जाने के प्रस्ताव पर चल रही बहस के दौरान जब मुद्दा स्ट्रीट लाइट के कार्यों को नहीं कराने का उठा तो ईओ ने सटीक टिप्पणी कर दी कि सभासदों की शिकायत पर ही पथ प्रकाश के सारे काम रूक गये हैं। इसी को लेकर विवाद गहरा गया और सभासद राजीव शर्मा व ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह के बीच एक अनोखी शर्त लग गईं, जिसका गवाह पूरा सदन बना।

दरअसल, पालिका बोर्ड मीटिंग के दौरान सभासद रजत धीमान ने ऐतराज जताया था कि पथ प्रकाश के लिए कोई भी काम नहीं हो रहा है, वार्डों के साथ ही कांवड़ मार्ग पर विद्युत पोल और लाइट लगाने का काम भी नहीं हुआ है, ऐसे में पालिका इमरजेंसी लाइट लगाने पर मोटा खर्च करने जा रही है, यदि ये पोल समय से लगवा लिये जाते तो यह खर्च बच सकता था। ईओ डॉ. प्रज्ञा ने इस पर पथ प्रकाश प्रभारी जेई जितेन्द्र सैनी से जवाब मांगा तो उन्होंने बताया कि मंडलायुक्त द्वारा कराई जा रही जांच के कारण ही पथ प्रकाश के सभी टैण्डर रूक गये हैं।


इसी पर ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने रजत को कहा कि आपके ही साथी सभासदों की शिकायत पर मंडलायुक्त द्वारा कराई जा रही जांच के कारण विकास कार्या ठप हो गये हैं, इसको लेकर सभासद राजीव शर्मा ने कड़ा ऐतराज व्यक्त करते हुए कहा कि यह सभासदों का अपमान है, किसी भी सभासद ने पथ प्रकाश में लाइट खरीद या अन्य किसी कार्य की शिकायत नहीं की है। ईओ डॉ. प्रज्ञा ने भी दृढ़ता दिखाते हुए अपनी बात रखी और मोबाइल फोन निकालकर मंडलायुक्त की जांच आदेश वाली चिट्ठी को सदन में ही पढ़कर सुनाया। सभासद राजीव शर्मा ने भी अपनी शिकायत का पत्र सदन में पढ़कर सुनाया और तथ्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि उन्होंने पार्किंग के ठेकों के सन्दर्भ में शिकायत की है। मंडलायुक्त ने पालिका से जुड़ी सभी शिकायतों को एक ही आदेश के साथ तिथि और बिन्दुवार शामिल किया है। पथ प्रकाश की शिकायत शिव कंस्ट्रक्शन की ओर से की गई है।

ईओ पर सभासदों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सदन में ही खेद व्यक्त करने और शब्द वापस लेने की मांग की। इसको लेकर वो काफी देर तक हंगामा करते रहे। इस पर ईओ डॉ. प्रज्ञा ने उनके सम्मुख यह शर्त रख दी कि वो लिखित में यह बात प्रस्तुत करें कि उनके द्वारा पथ प्रकाश के लिए कोई शिकायत नहीं की गई है तो वो भी सभा बुलाकर अपने इन शब्दों को वापस लेकर खेद व्यक्त कर देंगी। दोनों के बीच इस अनोखी शर्त को लेकर कई तरह की चर्चा का दौर भी शुरू हो गया है। सभासद का कहना है कि वो लिखकर देने को तैयार हैं, तो ईओ भी अपनी बात पर कायम हैं कि वो उसी दिन सभा में खेद जताने को तैयार हैं। अब इस सभा का सभी को इंतजार है।

आईजीएल के गडढों को लेकर ईओ ने दिये सर्वे के निर्देश, जेई से मांगी रिपोर्ट

मुजफ्फरनगर। आईजीएल के द्वारा गैस पाइप लाइन बिछाये जाने के दौरान सड़क को खोदकर किए गये गडढों को लेकर पालिका का बड़ा झोल सामने आ रहा है। सभासद नौशाद खान, नवीनत गुप्ता, प्रशांत गौतम, देवेश कौशिक, मनोज वर्मा, राजीव शर्मा और रजत धीमान आदि ने निर्माण विभाग के द्वारा लाये गये प्रस्ताव संख्या 494 का कड़ा विरोध करते हुए इसे धांधली करार दिया। नौशाद खान ने बताया कि योगेन्द्र पुरी में पूर्व में ठेका छोड़कर कार्य कराया जा चुका है, फिर भी वहां का कार्य शामिल किया गया है। रजत ने कहा कि उनके वार्ड में 39 लाख रुपये से आईजीएल के गडढे भरवाने का काम पूरा हो चुका है, लेकिन इस बार भी शामिल कर लिया गया है। नवनीत ने कहा कि सड़क बन चुकी है लेकिन वहां के गडढों को शामिल कर ठेका छोड़ा जा रहा है। इसमें मिलीभगत के आधार पर धांधली होने के आरोप में सदन ने जांच की मांग की। कार्यवाहक एई कपिल कुमार ने बताया कि आईजीएल द्वारा जो सूची उपलब्ध कराई गई है, उसी के अनुसार टैण्डर निकाले गये। चेयरपर्सन ने प्रकरण में जांच के लिए आदेश दिये तो ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने निर्माण विभाग को सम्बंधित स्थलों का भौतिक सत्यापन करने के लिए सर्वे कराने के निर्देश दिये हैं, इस सम्बंध में दो दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। शिकायत सही पाई गई तो इस प्रस्ताव को निरस्त करते हुए वास्तविक स्थिति सामने आने के बाद ही दोबारा टैण्डर प्रक्रिया पूर्ण करने का काम किया जायेगा।

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