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इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस-केजीएमयू में लाशों के सड़ने का खतरा

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की नई लहर बेहद भयावह तस्वीर सामने लाने लगी है। स्कूल काॅलेज के बाद अब यूनिवर्सिटी में भी संक्रमण के खौफ से ताला लगने लगा है।

इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस-केजीएमयू में लाशों के सड़ने का खतरा
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की नई लहर बेहद भयावह तस्वीर सामने लाने लगी है। स्कूल काॅलेज के बाद अब यूनिवर्सिटी में भी संक्रमण के खौफ से ताला लगने लगा है। इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस को बन्द कर दिया गया है। इसके साथ ही केजीएमयू से भी डराने वाली खबर सामने आ रही है। इस मेडिकल यूनिवर्सिटी में पोस्टमार्टम हाउस पर लाशों के सड़ने का खतरा बन रहा है।

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में कोरोना वायरस संक्रमण ने सारी व्यवस्थाओं को छिन्न भिन्न कर दिया है। इस मेडिकल यूनिवर्सिटी में कई विभागों में मरीजों के उपचार और परामर्श की सुविधा को बंद करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार केजीएमयू में संक्रमण को देखते हुए कई विभागों की ओपीडी बंद कराने की तैयारी चल रही है। इस व्यवस्था के बाद यहां पर डिजिटल ओपीडी की माध्यम से मरीजों को देखा जाएगा। 12 अप्रैल से संवेदनशील विभागों को छोड़कर सभी ओपीडी बंद कर दी जायेंगी। इसके साथ ही केजीएमयू पोस्टमार्टम हाउस में आटोप्सी ना होने से अफरातफरी का आलम बनने लगा है। यहां पर तैनात 10 कर्मचारी कोरोना पाजिटिव आ जाने के बाद यहां पर सिर्फ एक कर्मचारी मौजूद बचा है। इससे पोस्टमार्टम नहीं हो पायेंगे और लाशों के सड़ने का डर सता रहा है। जिन लोगों के शव यहां पर पोस्टमार्टम के लिए रखवाये गये हैं, उनके परिजन जल्द ही पोस्टमार्टम कराये जाने की गुहार अस्पताल प्रबंधन से लगा रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण सारी व्यवस्था ही बिगड़ गयी हैं।

दूसरी ओर कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस और संगठक कालेज 21 अप्रैल तक बंद कर दिये गये हैं। संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए आनलाइन परीक्षाएं भी अगले आदेश तक स्थगित कर दी गयी हैं। आनलाइन टीचिंग जारी रहेगी। राज्य की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण के शुक्रवार को 9 हजार से ज्यादा केस सामने आने के कारण डीएम ने दिया सीएमएस स्टेशन रोड सील करने का आदेश जारी कर दिया है। इस क्षेत्र में कोरोना के बेतहाशा बढ़ते मामलों के चलते जिलाधिकारी द्वारा यह सख्त फैसला लिया गया है।

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