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आंगनवाडी कर्मचारियों ने धरना देकर उठाई अपनी समस्या

केन्द्र सरकार से की न्यूनतम वेतन तय कर बुनियादी सुविधाएं बढ़ाये जाने की मांग

आंगनवाडी कर्मचारियों ने धरना देकर उठाई अपनी समस्या
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मुजफ्फरनगर। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के द्वारा केन्द्र सरकार के द्वारा लाये जाने वाले आगामी आम बजट में उनकी समस्याओं का समाधान भी कराने की मांग की है। संघ ने आंगनबाडी कर्मियों के लिए न्यूनतम वेतन और पेन्शन के साथ ही आंगनबाडी केंद्र में बुनियादी सुविधाएँ बढ़ाने और लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण पोषाहार हेतु वित्तीय आवंटन भी बढ़ाये जाने की मांग के साथ ही अनेक स्थानीय समस्याओं के निस्तारण के लिए बुधवार को धरना दिया।

महिला ऑगलबाड़ी कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष कृष्णा प्रजापति के नेतृत्व में आंगनबाडी कर्मियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम कार्यालय पर धरना दिया। इस दौरान केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा गया। इसमें कहा गया कि भाजपा ने 2014 के चुनावों में हमारे काम करने की स्थिति में सुधार करने का वादा किया था, उसने 2018 में चुनावों से ठीक पहले हमारे पारिश्रमिक में मामूली वृ(ि करने से पहले चार साल और हमारे द्वारा अनगिनत संघर्षाे और हड़तालों का इंतजार किया। दूसरी भाजपा सरकार जिसने आईसीडीएस को मजबूत करने का वादा किया है, उसने पूरे पांच साल में हमारे वेतन में एक भी रुपया नहीं बढ़ाया है। यहां तक कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को 2022 में ग्रेच्युटी देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी सरकार ने लागू नहीं किया, जिसके लिए हमारी यूनियन ने लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की।

आईसीडीएस को मजबूत करने पर पोषण मिशन, पोषण वाटिका, पोषण भी पढ़ाई भी, सक्षम आंगनवाड़ी आदि जैसे कई प्रचार नारे, योजनाएं और भाषण दिए हैं, लेकिन बढ़ाने के बजाय, कोविड महामारी के दौरान भी बजट आवंटन में भारी कटौती की गई। मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को आगे बढ़ाने में दिखाई देता है, जिसे उन्होंने पहले ही शुरू कर दिया है। भाजपा सरकार के पिछले अंतरिम बजट में आईसीडीएस बजट से 300 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। अब एनडीए सरकार इस साल जुलाई में 2024-25 का पूरा बजट पेश करने जा रही है। हमारी मांग है कि आईसीडीएस को पूर्ण बुनियादी ढांचे और अच्छी गुणवत्ता वाले भोजन के लिए पूर्ण आवंटन किया जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारियों के रूप में नियमित किया जाए। नियमितीकरण लंबित रहने तक, 45वीं आईएलसी सिफारिश को लागू किया जाए, न्यूनतम वेतन 26000 रुपये प्रति माह, पेंशन 10000 रुपये प्रति माह, पीएफ, ईएसआई आदि की सुविधा दी जाये। किसी भी रूप में आईसीडीएस का निजीकरण नहीं किया जाए। प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से प्रतिभा त्यागी, फुलमेश, रामदुलारी, नाजरीन, मुकेश रानी सहित अनेक आंगनबाडी कार्यकर्ता मौजूद रहीं।

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