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रेलवे रोड कट बंद करने पर आक्रोश, अफसरों का घेराव

साकेत और बसंत विहार के लोगों ने बुल्डोज़र के सामने खड़े होकर किया हंगामा

रेलवे रोड कट बंद करने पर आक्रोश, अफसरों का घेराव
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मुजफ्फरनगर। रेलवे विभाग द्वारा साकेतदृबसंत विहार को रेलवे माल रोड से जोड़ने वाले कट को बंद कराने की कार्रवाई ने मंगलवार को पूरे इलाके में विस्फोटक माहौल खड़ा कर दिया। जैसे ही बुल्डोज़र लेकर अधिकारी मौके पर पहुंचे, वैसे ही सैकड़ों लोग घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए। महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने मोर्चा संभाल लिया और बुल्डोज़र के आगे खड़े होकर ज़ोरदार विरोध किया। देखते ही देखते यह शांत इलाका प्रदर्शन और हंगामे के गढ़ में बदल गया।

शहर के मौहल्ला साकेत और बसंत विहार को रेलवे माल रोड से जोड़ने वाले प्रमुख कट को बंद करने की कार्रवाई ने मंगलवार को पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी। जैसे ही रेलवे अधिकारी बुल्डोज़र लेकर मौके पर पहुंचे, वैसे ही सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोगकृमहिलाएं और पुरुषकृकट पर एकत्रित हो गए और अधिकारियों के फैसले के खिलाफ ज़ोरदार विरोध शुरू कर दिया। भीड़ ने बुल्डोज़र के सामने खड़े होकर कट को बंद न करने की मांग की और हंगामा शुरू हो गया। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस बल को भी मौके पर पहुंचना पड़ा और कड़ी मशक्कत के बाद माहौल को नियंत्रित किया जा सका।


स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कट क्षेत्र की लाइफलाइन है, जो साकेत और बसंत विहार को जेल फाटक से होते हुए अंसारी रोड, थाना सिविल लाइन, पुलिस लाइन और अन्य महत्वपूर्ण मार्गों से जोड़ता है। सबसे अहम बात यह है कि यह रास्ता पूरी तरह जाम से मुक्त रहता है, जिससे लोगों को समय और ईंधन दोनों की बचत होती है। प्रदर्शनकारियों ने चेताया कि कट बंद होने से साकेत का मुख्य मार्ग ट्रैफिक दबाव झेल नहीं पाएगा और पूरे इलाके में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। इसके अलावा इमरजेंसी सेवाओं की आवाजाही भी बुरी तरह प्रभावित होगी।

लोगों ने बताया कि कट से कुछ ही दूरी पर स्थित मंदिर तक श्रद्धालु इसी मार्ग से पहुंचते हैं। अगर यह रास्ता बंद हो गया तो श्रद्धालुओं की आस्था पर भी असर पड़ेगा। नागरिकों ने रेलवे विभाग से अपील की कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए कट को बंद करने का निर्णय वापस लिया जाए। रेलवे अधिकारियों और पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद प्रदर्शन देर तक चलता रहा। स्थानीय लोगों ने साफ कहा कि क्षेत्र के हितों को नज़रअंदाज़ किया गया तो आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है। वहीं रेलवे के अधिकारियों का कहना था कि इस कट के कारण रेलवे प्लेटफार्म को ही सड़क की तरह प्रयोग किया जाता है। जबकि इससे दुर्घटना घटित होने का खतरा भी बना हुआ है।

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