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सफाई कर्मी को नायक बनाने के लिए पालिका में बड़ा फर्जीवाड़ा

डुप्लीकेट फाइल बनाकर ईओ के फर्जी हस्ताक्षर करने के बाद जारी करा दिया आदेश पत्र, पोल खुलने पर नियुक्ति हुई निरस्त

सफाई कर्मी को नायक बनाने के लिए पालिका में बड़ा फर्जीवाड़ा
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका पालिका परिषद् में एक वार्ड में कार्यरत सफाई कर्मचारी को सफाई नायक के पद पर नियुक्त करने के लिए एक गहरी साजिश के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया। सफाई कर्मचारी की मूल पत्रावली से दस्तावेज निकलवाकर पहले डुप्लीकेट फाइल तैयार कराई गई और फिर पूरी सफाई से विभागीय नोटिंग तैयार करते हुए अधिशासी अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करने के बाद सफाई कर्मचारी की सफाई नायक के पद पर वार्ड में नियुक्ति का आदेश भी जारी करा लिया गया। इसकी पोल खुली तो हाथों-हाथ ही आदेश पत्र वापस मंगाकर नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया। मामले को लेकर पालिका में पूरी हलचल है। इसमें एक अधिकारी सहित कई कर्मचारी की गर्दन फंसती नजर आ रही है।

नगरपालिका परिषद् में सफाई नायक जैसे पद पर नियुक्ति को लेकर भी गंभीर फर्जीवाडा करने का मामला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार रमाकांत पुत्र रमेश कुमार पालिका में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत है। रमाकांत ने पालिका में सफाई नायक पद पर नियुक्ति देने के लिए करीब एक साल पहले प्रयास शुरू किये थे। इसके लिए शहर के वार्ड 52 की सभासद नवाब जहां पत्नी वाजिद अली के वार्ड से जुलाई 2024 में सफाई नायक मदन कुमार रिटायर्ड हुए थे, तो सभासद नवाब जहां ने अपने वार्ड में नया सफाई नायक नियुक्त करने के लिए रमाकांत के पक्ष में पत्र पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप को दिया था। इस पर अध्यक्ष ने अधिशासी अधिकारी के लिए आदेश करते हुए पत्र पालिका में भेज दिया था। इसके साथ ही इस पर कार्यवाही प्रारम्भ हो गई थी। संबंधित पटल लिपिक ने सभासद के पत्र और अध्यक्ष व ईओ के आदेश पर पत्रावली तैयार कर विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ करा दी थी, लेकिन इस पर अंतिम आदेश जारी नहीं हो पा रहे थे। वहीं रमाकांत लगातार ही प्रयासों में जुटे हुए थे कि उनको भी कार्यवाहक सफाई नायक का पद दे दिया जाये। करीब एक साल से रूकी इस पत्रावली को लेकर अब गंभीर फर्जीवाडा सामने आया है, जिससे पालिका में हलचल मची है।

बताया गया कि अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह के अवकाश पर जाते ही उनके फर्जी हस्ताक्षर पत्रावली पर कराकर रमाकांत को सफाई कर्मी से कार्यवाहक सफाई नायक बनाने का आदेश पत्र जारी कर दिया गया। यह आदेश नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल कुमार की ओर से जारी हुआ। पत्र जारी होने के कुछ ही घंटों में इस फर्जीवाडे की पोल खुली तो हड़कम्प मच गया। एनएसए डॉ. अतुल ने आदेश पत्र वापस मंगाते हुए यह नियुक्ति निरस्त करने का नया आदेश जारी कर दिया। इसमें उनका कहना है कि यह प्रकरण जुलाई 2024 से ही चल रहा है, पत्रावली विभाग के लिपिक के पास ही लंबित चल रही थी। मुख्य कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी ने उनके समक्ष पत्रावली प्रस्तुत करते हुए बताया कि अवकाश पर जाने से पहले ही ईओ इस पर हस्ताक्षर कर गई हैं। उन्होंने पत्रावली की नोटिंग पर ईओ के हस्ताक्षर देखे तो उन्होंने भी हस्ताक्षर कर आदेश जारी करने की स्वीकृति प्रदान कर दी। बाद में पता चला कि ईओ के हस्ताक्षर फर्जी हैं तो उन्होंने तत्काल ही नियुक्ति आदेश को निरस्त कर दिया। इस मामले में ईओ को भी जानकारी दे दी गई है। पत्रावली पर विभागीय लिपिक के भी हस्ताक्षर हैं।

ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि उनको फोन पर जानकारी मिली थी कि किसी सफाई कर्मचारी को सफाई नायक के पद पर नियुक्त करते हुए वार्ड 48 में तैनात करने का आदेश नगर स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से जारी किया गया है। यह प्रकरण उनकी जानकारी में नहीं होने के कारण उन्होंने फोन कर जवाब मांगा तो फर्जी हस्ताक्षर होने का प्रकरण सामने आया और तत्काल ही एनएसए ने नियुक्ति आदेश निरस्त कर दिया है। उनका कहना है कि जिस पत्रावली पर नोटिंग कर उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गये हैं, वो मूल पत्रावली भी नहीं है, वो विभागीय लिपिक के पास ही मौजूद है। उसकी डुप्लीकेट फाइल बनवाकर पूरी साजिश के साथ यह कृत्य किया गया है। कहा कि उनके सामने कभी रमाकांत नामक सफाई कर्मी की ऐसी कोई पत्रावली आई ही नहीं है। अवकाश से लौटने के बाद वो इस पूरे प्रकरण की जांच करायेंगी। प्रथम दृष्टया इसमें कई लोगों की मिलीभगत नजर आ रही है। यह अनुचित ढंग से आर्थिक लाभ लेने का मामला भी प्रतीत हो रही है। संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जायेगा।

19 वार्डों में सफाई नायक, 36 में कार्यवाहक तैनात

मुजफ्फरनगर। सफाई कर्मचारी को सफाई नायक बनाकर वार्ड में नियुक्त करने के प्रकरण में मुख्य कार्यालय में तैनात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की गहरी साजिश सामने आ रही है। यह जांच के बाद ही साफ हो पायेगा कि इसमें अन्य कौन लोग शामिल रहे है। एनएसए डॉ. अतुल का कहना है कि पालिका में शासन से काफी वर्षों से सफाई नायक के पदों पर भर्ती नहीं हुई है। ऐसे में पालिका के 55 वार्ड में से केवल 19 वार्ड में ही सफाई नायक मूल पद पर तैनात हैं, 36 वार्डों में व्यवस्था बनाने के लिए सफाई कर्मियों को ही कार्यवाहक सफाई नायक बनाकर तैनात किया गया है।

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