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भाकियू का शक्ति प्रदर्शन-हाईवे पर रहेगा किसानों का कब्जा, पुलिस अलर्ट

किसान आंदोलन के समर्थन में भाकियू कार्यकर्ता आज किसान आंदोलन के समर्थन में हाईवे पर ट्रैक्टर श्रृंखला बनाएंगे। ऐसे में कई स्थानों पर जाम भी लगाया जा सकता है।

भाकियू का शक्ति प्रदर्शन-हाईवे पर रहेगा किसानों का कब्जा, पुलिस अलर्ट
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मुजफ्फरनगर। दिल्ली कूच के लिए पंजाब और हरियाणा के बाॅर्डर पर चल रहे संयुक्त किसान मोर्चा के किसान आंदोलन के समर्थन में आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईवे पर भाकियू कार्यकर्ता और किसान ट्रैक्टर श्रंखला बनाएंगे। किसानों के हाईवे पर उतरने और ट्रैक्टर श्रृंखला बनाने के मद्देनजर पुलिस अलर्ट है। हाईवे के सभी थानों की पुलिस को सुरक्षा व व्यवस्था बनाने के लिए आदेश किए गए हैं। एक बार फिर से नेशनल हाईवे पर किसानों का पूरी तरह से कब्जा होने जा रहा है। ऐसे में हाईवे पर दिल्ली से देहरादून और उत्तराखंड से दिल्ली की ओर का सफर भारी मुसीबत भरा रह सकता है, क्योंकि किसान शाम तक हाईवे पर जमा रहेगे और कहीं भी जाम लगाया जा सकता है। ऐसे में अनावश्यक रूप से हाईवे पर निकलने से बचने में ही समझदारी है।

भाकियू मुजफ्फरनगर में जिले की सीमा 11 बजे से प्रभावित रहेगी। इस समय किसान हाईवे पर उतरेगा। पुरकाजी के भूराहेड़ी से खतौली के भंगेला गांव तक ट्रैक्टर श्रंखला बनाएगी। हाईवे पर सुबह से ही ट्रैक्टर की लाइन दूर तक लग जाएगी। जिस कारण हाईवे का यातायात भी प्रभावित हो सकता है। इस समस्या को देखते हुए एसएसपी अभिषेक सिंह ने हाईवे पर पड़ने वाले थाना पुरकाजी, छपार, नई मंडी, मंसूरपुर व खतौली के थाना प्रभारियों को सुरक्षा व व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलर्ट किया है। पुलिस अधिकारियों को भी सुबह से ही भ्रमण के लिए निर्देशित किया गया है। परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस को आवश्यक व्यवस्था बनाने के लिए कहा है।


भाकियू मेरठ में आज 11.30 बजे भारतीय किसान यूनियन हाईवे पर विरोध प्रदर्शन करेगी। एनएच 58, मोहद्दीनपुर, सकौती, कैलाशी अस्पताल, एनएच 58 पर पड़ने वाले गांव के किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ हाईवे पर पहुंचेंगे। हाईवे की बाईं लेन भाकियू के कब्जे में रहेगी। जबकि भाकियू नेता राकेश टिकैत ने किसानों से हाईवे की एक साइड ही प्रदर्शन के लिए चुनने की अपील की है। ताकि दूसरे साइड से यातायात को सुचारू किया जा सके।


बता दें कि ट्रैक्टर श्रंखला बनाए जाने वाले हाईवे से एक नहीं दर्जन भर गांवों के हजारों लोगों का रोजाना आना-जाना होता है। वहीं उत्तराखंड से भी हजारों छोटे बड़े वाहन गुजरते हैं। दिल्ली से भी हाईवे पर यूपी और उत्तराखंड के लिए सैंकड़ों वाहन सवेरे से ही दौड़ने लग जाते हैं। इन वाहनों में सवार लोगों को भी परेशानी हो सकती है।

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