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रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी केजीएमयू कर्मियों का हाथ, 10 गिरफ्तार

आपदा में अवसर की तलाश में जुटे कुछ लोगों की अमानवीय हरकतों पर पूरी इंसानियत शर्मशार है। कोरोना संक्रमण के बीच रेमडेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी बड़े पैमाने पर सामने आई है। इस गोरखधंधे में डाक्टर और मेडिकल स्टाफ भी संलिप्त पाया जा रहा है। अब यूपी पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए इसमें केजीएमयू के कर्मचारियों की मिलीभगत का भंडाफोड़ किया है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी केजीएमयू कर्मियों का हाथ, 10 गिरफ्तार
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लखनऊ। आपदा में अवसर की तलाश में जुटे कुछ लोगों की अमानवीय हरकतों पर पूरी इंसानियत शर्मशार है। कोरोना संक्रमण के बीच रेमडेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी बड़े पैमाने पर सामने आई है। इस गोरखधंधे में डाक्टर और मेडिकल स्टाफ भी संलिप्त पाया जा रहा है। अब यूपी पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए इसमें केजीएमयू के कर्मचारियों की मिलीभगत का भंडाफोड़ किया है।

उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसी बीच जीवन रक्षक दवाओं और इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने तीन अलग-अलग जगहों से 10 आरोपियों को पकड़ा है। जिनके कब्जे से लाखों रुपए कीमत के 138 रेमेडीसिविर इंजेक्शन और नगदी बरामद हुई है। चैकाने वाली बात यह किंग जार्ज मेडिकल कालेज के आधा दर्जन स्टाफ इस कालाबाजारी में शामिल मिले हैं। लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के निर्देश पर एसीपी चैक के नेतृत्व में यह कालाबाजारी करने वाले पकड़े गए हैं। बीती रात भी चार ऐसे जालसाजों को गिरफ्तार किया था। जिनकी निशानदेही पर लखनऊ पुलिस लगातार छापेमारी कर रही हैं।

लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने राजधानी के नाका और अमीनाबाद इलाके में कार्यवाही करते हुए जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडिसिविर की बड़ी खेप बरामद की। नाका पुलिस ने इंजेक्शन कि कालाबाजारी करने वाले 4 आरोपियों मनका पुर, गोंडा निवासी राम सागर, राजाजीपुरम, तालकटोरा निवासी अमनदीप मदान, बनिया खेड़ा, मोहनलालगंज निवासी अंकुर वैश्य और संडीला हरदोई निवासी अंशु गुप्ता को पकड़ा है। आरोपियों के पास से 116 रेमडीसीविर इंजेक्शन और 1,94,310 रुपए नगद बरामद हुआ है। जबकि अमीनाबाद पुलिस ने कश्मीरी मोहल्ला निवासी आमिर अब्बास और याहियागंज चैक निवासी सौरभ रस्तोगी को दबोचा। जिनके पास से 11 इंजेक्शन और 39 हजार रुपए की नगदी बरामद की है। सभी आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया है।

पुलिस का कहना है कि उन्हें शिकायत मिली थी कि कुछ लोग जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे हैं और मंहगे दामों पर पीड़ित के परिवार वालों को बेच रहे हैं। जिस पर पुलिस ने कार्यवाही कर गिरोह को दबोच लिया। जिस मेडिकल कालेज को पूरे प्रदेश का नाज रहता है। उसी मेडिकल कालेज में खुलेआम असली रेम डे सीवर इंजेक्शन की जगह नकली इंजेक्शन बेचे जा रहे थे। ये काम भी वहीं का स्टाफ कर था था। पुलिस ने इंजेक्शन की कालाबजारी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 4 लोगों को दबोचा है। आरोपियों के पास से नकली इंजेक्शन और नगदी बरामद हुई है। मनाकनगर पुलिस को शिकायत मिली थी कुछ लोग नकली रेम डे सिवी र इंजेक्शन की कालाबजारी कर रहे हैं। जिस पर पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए सुल्तानपुर निवासी विकास दुबे, खदरा हसनगंज निवासी कौशल शुक्ला, सोनभद्र निवासी अजीत मौर्य और देहात कोतवाली बलरामपुर निवासी राकेश तिवारी को गिरफ्तार किया।

इनके कब्जे से 91 नकली रेमडे सीवर इंजेक्शन और 5250 रुपए के अलावा एक स्कूटी बरामद हुई है। आरोपी विकास दुबे गैंग का सरगना बताया जा रहा है। आरोपी केजीएमयू में नर्सिंग तृतीय वर्ष का छात्र है और वहीं हास्टल में रहता है। सभी आरोपी पीड़ितों के परिजनों को झांसा देकर नकली इंजेक्शन को असली बताकर 15000 रुपए की मोटी रकम वसूल कर रहें थे। बताया जा रहा है कि आरोपी विकास दुबे के अलावा आरोपी अजीत मौर्य केजीएमयू के लारी हास्पिटल में ओटी टेक्नीशियन के पद पर है जबकि राकेश तिवारी क्वीन मेरी हास्पिटल में स्टाफ नर्स है और कौशल शुक्ला भी सीतापुर से डी फार्मा की पढ़ाई कर चुका है।

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