STRIKE---साल के पहले दिन चक्का जाम, रोडवेज को 24 लाख का फटका
नए सड़क दुर्घटना कानून बनाने की बात पर रोडवेज डिपो के चालक-परिचालकों ने की हड़ताल, जिले में मुजफ्फरनगर और खतौली डिपो से नहीं चलीं बसें, कानून वापसी की मांग को लेकर किया प्रदर्शन
मुजफ्फरनगर। सोशल मीडिया पर छाए देश में नए सड़क दुर्घटना कानून बनाये जाने के समाचारों से सरकारी और निजी वाहन चालक दहशत में हैं। आज इसी को लेकर साल के पहले ही दिन चालकों ने चक्का जाम कर दिया। जनपद के मुजफ्फरनगर और खतौली रोडवेज डिपो के चालक और परिचालक भी बसों को छोड़कर चक्का जाम करते हुए हड़ताल पर चले गये। सवेरे से डिपों से एक भी बस नहीं निकलने पर यात्रियों को शीतलहर के प्रकोप के बीच सफर करने के लिए भारी परेशानियों से दो चार होना पड़ा। चालकों को समझाने के लिए परिवहन विभाग के अधिकारियों के द्वारा कई दौर की वार्ता भी की गई, लेकिन चालक और परिचालक नए दुर्घटना कानून को लेकर इतने खौफजदा नजर आये कि उन्होंने किसी भी आश्वासन को मानने से इंकार कर दिया और हड़ताल पर डटे रहे। मुजफ्फरनगर रोडवेज डिपो पर चालकों की हड़ताल के कारण 195 बसों के पहिये थमने के कारण साल के पहले ही दिन डिपो को करीब 24 लाख रुपये का घाटा उठाना पड़ा।
नए साल के पहले ही दिन रोडवेज बसों का अचानक चक्का जाम होने से तमाम यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रोडवेज बसों के चालकों ने रोडवेज बस स्टैंड पर जाकर बसों का चक्का जाम कर दिया। किसी भी बस को डिपो के बाहर नहीं निकलने दिया। सवेरे जो बेस डिपो से निकलकर मार्ग पर चली गई थी बताया गया है कि उन्हें भी रास्ते में रोक कर खड़ा कर दिया गया। अचानक हुए रोडवेज बस चालकों के चक्का जाम से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रास्ते में बस रुकने से परेशान यात्रियों ने ई-रिक्शा की सवारी का प्रयास किया तो कहीं कहीं चालकों ने ई रिक्शा चलाने का भी विरोध किया और हंगामा हुआ।
मुजफ्फरनगर रोडवेज डिपो के एआरएम भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि आज ट्रक ट्रांसपोर्टरों ने नए दुर्घटना कानून बनाने की बात पर हड़ताल कर दी। इसी के बीच रोडवेज चालकों ने भी चक्का जाम कर प्रदर्शन किया और हड़ताल पर चले गये। बस स्टैंड पर बसों को बाहर नहीं निकलने दिया है। उन्होंने बताया कि आसपास के जिलों में भी ऐसी ही स्थिति बताई गई है। दो बार चालकों और परिचालकों को समझाने के लिए उनके साथ वार्ता भी की गयी, लेकिन वो बेनतीजा ही साबित हुई है। रोडवेज डिपो के केन्द्र प्रभारी राजकुमार तोमर ने बताया कि डिपो से इन दिनों 195 परिवहन और अनुबंधित बसों का संचालन किया जा रहा है। चालकों द्वारा चक्का जाम कर दिये जाने के कारण सभी बसें खड़ी हो गई। बस नहीं चलने के कारण सोमवार को डिपो को करीब 24 लाख रुपये का घाटा उठाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि गर्मियों में डिपो की एक दिन की आय करीब 30 लाख रुपये होती है, लेकिन सर्दियों में कोहरे के दिनों में यह 24-25 लाख पर आ जाती है। उधर खतौली डिपो से भी रोडवेज बसों का संचालन नहीं हो पाया और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। खतौली डिपो से कई बसों को रास्ते में ही रोक दिया गया था।
डग्गामार की रही चांदी, लिफ्ट मांगते दिखे यात्री
मुजफ्फरनगर। देशव्यापी चालकों की हड़ताल के चलते रोडवेज बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है। सरकार द्वारा बनाए गए नए मोटर कानून से नाराज बस चालकों की हड़ताल शुरू हुई। नए कानून के विरोध में सोमवार को रोडवेज बस, ट्रकों समेत प्राईवेट बसों के चालक व परिचालक हड़ताल पर चले गए। जिस कारण परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई। लोगों को लिफ्ट मांगकर, डग्गामार व निजी वाहनों में सफर कर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। वहीं प्राईवेट वाहन चालकों की चांदी रही। उन्होंने यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाया और कई गुना किराया वसूला। पूरे दिन यात्री परेशान दिखाई दिए।