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मुखिया का आदेश-भाकियू का कोई नेता-कार्यकर्ता न करे प्रत्याशियों का प्रचार

टिकैत परिवार के बागी धर्मेन्द्र को छोड़कर आने वाले पहलवान का भी बढ़ाया कद, प्रदेश कमेटी में बनाया गया उपाध्यक्ष

मुखिया का आदेश-भाकियू का कोई नेता-कार्यकर्ता न करे प्रत्याशियों का प्रचार
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मुजफ्फरनगर। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सिसौली के किसान भवन पहुंचकर चुनावी मैदान में उतरे सभी दलों के प्रत्याशियों और केन्द्र एवं यूपी सरकारों के मंत्रियों के द्वारा भारतीय किसान यूनियन के शीर्ष नेतृत्व को सलाम ठोंका जा रहा है। इस बीच भाकियू नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि वो वोट के अधिकार पर कोई पाबंदी नहीं लगायेंगे और न ही किसी का समर्थन या विरोध करेंगे। बल्कि जिसकी जहां मर्जी है, यूनियन का वो सिपाही वहीं वोट कर सकता है, लेकिन इसी बीच आज यूनियन के मुखिया ने एक सख्त संदेश जारी करते हुए यूनियन के नेताओं और कार्यकर्ताओं के द्वारा किसी भी दल के प्रत्याशियों के लिए चुनावी प्रचार करने या उनके साथ सियासी सभा के दौरान मंच साझा करने पर पाबंदी लगा दी है।


लोकसभा चुनाव की सियासी भागदौड़ के बीच अराजनैतिक भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत ने संगठन के नाम एक संदेश जारी किया है। इसमें उन्होंने यूनियन की सभी प्रदेश इकाइयों को निर्देश दिए हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 में भाकियू का कोई भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता किसी भी पार्टी विशेष के मंच या कार्यक्रम में प्रचार प्रसार में शामिल न हो, वोट करना सभी का अधिकार है, सभी स्वतंत्र रूप से किसी को भी वोट कर सकते है। उन्होंने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिये हैं कि वो ग्राम स्तर पर चलाये जा रहे इकाईयों के गठन और सदस्यता कार्यक्रम को नियमित रूप से जारी रखेंगे।


प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जनपद बिजनौर के प्रभारी बने नीरज बालियान

टिकैत परिवार के विश्वास पात्र रहे धर्मेन्द्र मलिक ने कई अन्य किसान नेताओं के साथ मिलकर भाकियू से बगावत कर दी थी। स्व. महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्य तिथि के मौके पर भारतीय किसान यूनियन में फूट पड़ गई और 15 मई 2022 को लखनऊ में नया संगठन भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक बना लिया गया था, जिसका अध्यक्ष राजेश सिंह को नियुक्त किया गया था। धर्मेन्द्र मलिक के साथ गांव पुरबालियान निवासी नीरज बालियान उर्फ पहलवान पुत्र सुरेन्द्र कुमार भी नये संगठन में चले गये थे। उनको सहारनपुर मंडल का अध्यक्ष बनाया गया था। नौ मार्च को भाकियू अराजनैतिक के प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम वर्मा ने नीरज पहलवान को संगठन की विचारधारा के विपरीत कार्य करने के आरोप में पदमुक्त करने के साथ ही छह साल के लिए संगठन से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद नीरज पहलवान ने 12 मार्च को सिसौली पहुंचकर भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत के समक्ष घर वापसी की थी।


नीरज पहलवान भाकियू टिकैत में काफी वर्षों से जुड़े रहे हैं। अक्टूबर 2021 को नीरज को संगठन में मुजफ्फरनगर इकाई का जिलाध्यक्ष बनाया गया। नीरज पहलवान इससे पहले जिला उपाध्यक्ष और महासचिव पद पर भी रह चुके थे, लेकिन बालियान गोत्र से होने के कारण उनकी नियुक्ति पर सवाल उठने लगे तो मनोनयन के आठ दिन बाद ही नीरज ने जिलाध्यक्ष पद से 31 अक्टूबर 2021 को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मई 2022 में वो संगठन से बागवत कर गये थे। 14 मार्च के दिल्ली कूच के लिए उन्होंने यूनियन के सिपाही के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब यूनियन में नीरज पहलवान को घर वापसी का इनाम दिया गया है। भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल शर्मा ने मनोनयन पत्र जारी करते हुए बताया कि किसान नेता नीरज पहलवान को प्रदेश कमेटी में उपाध्यक्ष एवं जनपद बिजनौर का प्रभारी बनाया गया है। अपेक्षा की गयी है कि वो संगठन को प्रदेश में मजबूती प्रदान करने का काम करेंगे। इसके साथ ही मुजफ्फरनगर जनपद के ही गांव टोटा कल्याणपुर निवासी मुर्तजा बालियान पुत्र भुल्लन को उत्तर प्रदेश की कमेटी में प्रदेश सचिव और गांव रसूलपुर जाटान, मुजफ्फरनगर निवासी सतेन्द्र प्रधान पुत्र पलटूराम को उत्तर प्रदेश कमेटी में प्रदेश महासचिव के पद पर मनोनीत किया गया है।

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