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वर्क ऑर्डर प्रकरण में लिपिक मनोज का वेतन रोका, कर विभाग से तबादला

आदेशों की अवहेलना और गंभीर लापरवाही मानते हुए ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने जांच की थी

वर्क ऑर्डर प्रकरण में लिपिक मनोज का वेतन रोका, कर विभाग से तबादला
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में निर्माण विभाग से ठेकेदारों को दो निर्माण कार्यों के वर्क ऑर्डर रोक के बावजूद भी जारी कर दिये जाने के प्रकरण में आखिरकार गाज गिर ही गई। इस मामले में चली लंबी जांच के बाद ईओ की रिपोर्ट पर चेयरपर्सन ने कार्यवाही करते हुए दोषी पाये गये लिपिक के वेतन पर रोक लगाने के साथ ही निर्माण विभाग से तबादला कर दिया है।

बता दें कि नगरपालिका परिषद् की बोर्ड मीटिंग में जुलाई माह में 204 निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी। टैण्डर होने के बाद निर्माण विभाग से करीब 100 निर्माण कार्यों के वर्क ऑर्डर जारी करने के लिए सहायक अभियंता निर्माण अखंड प्रताप द्वारा ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह को पत्रावली भेज दी थी। ईओ के द्वारा अपनी स्वीकृति प्रदान कर ये पत्रावली निर्माण विभाग को वापस कर दी गई, लेकिन इसी बीच इन निर्माण कार्यों के वर्क ऑर्डर ठेकेदारों को जारी करने पर सख्त रोक लगा दी गई थी। आरोप है कि निर्माण विभाग से वार्ड संख्या 25 और वार्ड संख्या 07 के लिए सीसी सड़क निर्माण के वर्क ऑर्डर रोक के बावजूद भी ठेकेदारों को जारी कर दिये गये और ठेकेदारों ने मौके पर निर्माण कार्य प्रारम्भ भी कर दिया था।

इसे आदेशों की अवहेलना और गंभीर लापरवाही मानते हुए ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने जांच की थी। इसमें निर्माण विभाग के लिपिक मनोज बालियान का नाम प्रकाश में आने के बाद उनको नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। 19 मई को मनोज ने अपना जवाब ईओ को भेज दिया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि 100 निर्माण कार्यों की टैण्डर प्रक्रिया पूर्ण होने पर सहायक अभियंता निर्माण ने विभागीय आख्या को स्वीकृत करते हुए पत्रावली 27 फरवरी 2025 को ईओ के समक्ष प्रस्तुत करा दी थी। इस आख्या और स्वीकृति पर सहमति प्रदान करते हुए ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी थी। इसके बाद 28 फरवरी को उन्होंने यह वर्क ऑर्डर डिस्पेच रजिस्टर में चढ़ाये। मनोज ने जवाब में बताया कि उसी समय निर्माण विभाग के ही लिपिक निपुण कन्नौजिया ने उक्त दोनों वार्डों के वर्क ऑर्डर सम्बंधित ठेकेदारों को प्राप्त करा दिये थे। इसमें निपुण कन्नौजिया से जवाब तलब हुआ तो उन्होंने वर्क ऑर्डर देने से इंकार करते हुए डिस्पैच रजिस्टर में इंद्राज सूचना की राइटिंग मनोज की बताते हुए मिलान कराकर साक्ष्य दिया।

इसके बाद ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने मामले की जांच रिपोर्ट चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को भेजते हुए लिपिक मनोज कुमार को दोषी पाये जाने पर कठोरतम कार्यवाही की संस्तुति की थी। सोमवार को प्रकरण में कार्यवाही करते हुए चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने आरोपी लिपिक मनोज का कर विभाग से तबादला आदेश जारी कर दिया। उनको कर विभाग में लाइसेंस पटल पर तैनात किया गया है। इसके साथ ही अग्रिम आदेशों तक उनके वेतन आहरण पर भी रोक लगा दी गई है। इसमें बताया कि वार्ड 25 में सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है और वार्ड 07 में कार्य 50 फीसदी पूर्ण हुआ है। शेष कार्य शुरू करने के लिए अभी कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किये गये हैं।

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