सीएम योगी सख्त-बाहर से आने वालों की होगी निगरानी
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने भी अब पाबंदियों की तरफ सोचना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होली के साथ ही पंचायत चुनाव को लेकर गाइडलाइन जारी की है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने भी अब पाबंदियों की तरफ सोचना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होली के साथ ही पंचायत चुनाव को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसमें गांवों और शहरों में बाहर से आने वालों पर ज्यादा फोकस किया गया है। इनकी जांच कराने के लिए गांव दर गांव और शहरी वार्डों में एक नोडल अधिकारी तैनात किया जायेगा। यह नोडल अधिकारी बाहर से आने वालों की कोविड जांच कराने का काम करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के दूसरे राज्यो के साथ ही यूपी के जिलों में भी बढ़ रहे कोरोना एक्टिव केस को देखते हुए आपातकाल मीटिंग बुलाकर सभी को सतर्क कर दिया है। इसके बाद आज राज्य सरकार की ओर से एक गाइडलाइन जारी कर दी गयी है। इसमें स्कूल काॅलेजों को एक हफ्ते के लिए बन्द करने का निर्णय किया जाना स्थिति की गंभीरता की ओर से इशारा कर रहा हे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जारी गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि बाहर से आने वाले लोगों की पूरी निगरानी की जाये और ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की जाये। इन दिशा निर्देशों में सरकार की ओर से साफ किया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर तथा शहरों में प्रत्येक वार्ड स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी व कर्मी की तैनाती की जाए, जो ग्राम निगरानी समिति के माध्यम से यह सुनिश्चित करेंगे कि बाहर से आने वाले लोग अपनी-अपनी जांच करवाएं तथा जांच का परिणाम आने तक अपने घर में ही रहेंगे।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने अपने सरकारी आवास, लखनऊ पर प्रदेश में कोविड-19 की रोकथाम के लिए रणनीति के सम्बन्ध में बैठक की।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) March 22, 2021
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। pic.twitter.com/Qv5vCPRM1a
नई गाइडलाइन के अनुसार कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग को तीव्र गति से करने के साथ ही निर्दश दिये गये है कि जो भी व्यक्ति पॉजिटिव आए उनके समस्त कान्टेक्ट (औसतन 25-30) 48 घंटे के अंदर चिह्नित करते हुए उनकी जांच कराई जाए। सभी जिलों में डेडीकेटेड हॉस्पिटल संचालित रहे और भविष्य के लिए अन्य अस्पतालों को भी इसके लिए नोटिस देकर तैयार रखा जाए। आवश्यक मानव संसाधन और उपकरणों की व्यवस्था की जाए। कोविड हेल्प डेस्क को फिर से सक्रिय किया जाए। इंफ्रारेड थर्मामीटर एवं पल्स आक्सीमीटर का उपयोग करते हुए लक्षण युक्त लोगों की पहचान की जाए। सरकार की ओर से ताजा निर्देशों में कहा गया है कि रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डों एवं बस स्टेशनों पर यात्रियों की सघन कोविड जांच की जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को पुनरू क्रियाशील करते हुए लोगों को कोविड संक्रमण से बचने के लिए सावधानी का संदेश निरंतर दिया जाए और आम जनता में कोविड वैक्सीनेशन का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए।
इसके साथ ही वैक्सीनेशन का कार्य तीव्र गति से किया जाए और इसके वेस्टेज को हर हाल में रोकने, सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-भाड़ न होने दी जाए और इसके लिए पुलिस द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश भी दिये गये हैें। जिलों में स्थापित इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर में प्रतिदिन जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्साधिकारी बैठक करें और इसमें कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुए आवश्यक एहतियाती कदम उठाना सुनिश्चित किया जाए। जब भी कोई बंदी जेल से बाहर जाए तो कारागार प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का अनुपालन हो और जब बंदी वापस आए तो उसकी कोविड जांच करा ली जाए। सार्वजनिक स्थानों पर सभी व्यक्तियों द्वारा मास्क का प्रयोग करना तथा सोशल डिस्टेंसिंग रखना आवश्यक होगा।