MUZAFFARNAGAR--पूरी तरह टैंट नगरी में तब्दील हुआ कलेक्ट्रेट
भाकियू अराजनैतिक का धरना सातवें दिन भी जारी, दूसरे जिलों से भी पहुंचे किसान
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य को घोषित करने और बकाया गन्ना भुगतान कराये जाने के लिए भाकियू अराजनैतिक का जिला कलेक्ट्रेट में किसानों का धरना सोमवार को सातवें दिन भी जारी रहा। इस बेमियादी आंदोलन के कारण किसानों ने डीएम दफ्तर को झोपड़ी बनाकर पूरी तरह से टैंट नगरी में तब्दील कर दिया है। अब किसान 10 जनवरी का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही आंदोलन को नई करवट देने की रणनीति बनाई जा रही है। आज धरने के दिन यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक भी दूसरे जिलों के किसान नेताओं के साथ धरने पर पहुंचे और अंादोलन को प्रभावी बनाने पर चर्चा की।
बता दें कि गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग को लेकर भाकियू अराजनैतिक के कार्यकर्ताओं ने सात दिन पहले डीएम दफ्तर पर प्रदर्शन किया था, इसके साथ ही इसे बेमियादी धरने में तब्दील कर दिया गया। जिलाध्यक्ष अंकित चैधरी और मंडल अध्यक्ष नीरज पहलवान के नेतृत्व में लगातार धरना चलाया जा रहा है। सोमवार को सातवें दिन भीषण सर्दी के बीच भी किसान इस धरने पर अपनी झोपड़ियों में हुक्के के साथ डटे नजर आये। यहां पहुंचे राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. धर्मेन्द्र मलिक ने किसान नेताओं से आंदोलन को मजबूती के साथ चलाने पर चर्चा की। इस दौरान दूसरे जिलों से भी यूनियन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी यहां पहुंचे और समर्थन व्यक्त करते हुए प्रदेश सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई।
जिलाध्यक्ष अंकित चैधरी ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन सर्व के पदाधिकारी पहुंचे उन्होंने इस आंदोलन में अपना समर्थन व्यक्त किया। वहीं पूर्व सांसद और सपा के राष्ट्रीय महासचिव हरेन्द्र मलिक का संदेश लेकर उनके छोटे पुत्र निशांत मलिक भी किसानों के धरने पर पहुंचे। उन्होंने पूर्व सांसद का पत्र जिलाध्यक्ष को सौंपते हुए बताया कि किसानों के हितों की लड़ाई को लेकर वो पूरी तरह से संगठन के साथ हैं। वहीं जिलाध्यक्ष सहारनपुर नरेश स्वामी भी यूनियन के कार्यकर्ताओं को लेकर धरने पर पहुंचे। जिलाध्यक्ष ने बताया कि दोपहर बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने वार्ता की। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को शासन स्तर तक पहुंचाया गया है, जल्द ही मूल्य घोषित होगा। अधिकारियों ने कलेक्ट्रेट से धरना हटाने के लिए अपील की, लेकिन मूल्य घोषित होने तक आंदोलन जारी रखने पर की बात संगठन के पदाधिकारियों ने कही। अधिकारियों के साथ यह वार्ता सफल नहीं हो सकी।