ईओ के फर्जी साइन प्रकरण में मंडलायुक्त से शिकायत
महिला सभासद सीमा जैन ने प्रकरण को बताया गंभीर, जांच कराये जाने की मांग

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में सफाई कर्मचारी को सफाई नायक के पद पर नियुक्त करने के लिए हुए फर्जीवाड़े में अधिशासी अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर के प्रकरण के साथ ही कुछ अन्य मामलों में मंडलायुक्त से शिकायत करते हुए प्रकरण की जांच कराने की मांग की गई है।
नगरपालिका के सफाई कर्मचारी रमाकांत को कार्यवाहक सफाई नायक बनाये जाने के मामले में जो फर्जीवाड़ा सामने आया है। उससे खुद अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह भी हैरत में हैं। हालांकि मामले में आदेश निरस्त कर डेमेज कंट्रोल का प्रयास किया गया, लेकिन इसमें जिस प्रकार से अधिशासी अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर का मामला सामने आया है, उसको लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। इसी बीच वार्ड संख्या 33 की सभासद सीमा जैन पत्नी विकल्प जैन ने गुरूवार को प्रकरण को बेहद गंभीर बताते हुए मंडलायुक्त सहारनपुर अटल कुमार राय से लिखित शिकायत करते हुए जांच की मांग की है।
ठेकेदारों को जारी वर्क ऑर्डर पर भी ईओ के फर्जी साइन
सभासद सीमा जैन ने अपनी शिकायत में कहा कि नगरपालिका में भ्रष्टाचार और घोटाले आम बात हो गई है। इनमें पालिका के अधिकारियों की भूमिका भी सामने आती रही है। नए प्रकरण में एक सफाई कर्मचारी को फर्जीवाड़ा करते हुए सफाई नायक के पद पर नियुक्त करते हुए आदेश भी जारी कर दिया गया था। इसमें पूरी तरह से फर्जी प्रपत्र तैयार कर आदेश जारी किया गया। इसमें अधिशासी अधिकारी ने अपने हस्ताक्षर पत्रावली पर फर्जी होने का दावा करते हुए जांच कराने की बात कही है। सभासद सीमा जैन ने कहा कि यह प्रकरण बेहद गंभीर है और इस तरह से कोई अधिकारी पल्ला नहीं झाड़ सकता है। सभासद ने कहा कि पूर्व में भी निर्माण विभाग के कार्यों की स्वीकृति के बाद ठेकेदारों को वर्क ऑर्डर जारी किये गये और फिर वापस मंगा लिया गया, इसमें वर्क ऑर्डर पर अधिशासी अधिकारी ने अपने हस्ताक्षर फर्जी बताये हैं। इससे साफ होता है कि अधिशासी अधिकारी को गुमराह करते हुए भ्रष्टाचार किया जा रहा है। सभासद ने मंडलायुक्त से फर्जी हस्ताक्षर वाले प्रकरण में टीम गठित करते हुए निष्पक्ष जांच कराये जाने की मांग की है। महिला सभासद ने फर्जी हस्ताक्षर को लेकर प्रकाशित समाचार की कटिंग भी अपनी शिकायत के साथ मंडलायुक्त को उपलब्ध कराते हुए इसमें गंभीरता के साथ कार्यवाही करने की मांग की है, ताकि पालिका में भ्रष्टाचार की संभावनाओं को अंकुश लगाया जा सके।
सफाई कर्मचारी को बना दिया नाला गैंग का सुपरवाइजर
मुजफ्फरनगर नगरपालिका में एक सफाई कर्मचारी को कार्यवाहक सफाई नायक बनाये जाने के लिए फर्जी तरीके से पत्रावली तैयार करने के साथ ही अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह के फर्जी हस्ताक्षर कराये जाने का प्रकरण अभी चर्चाओं में बना हुआ है कि इसी बीच पालिका में ही एक सफाई कर्मचारी को नियमों को अनदेखा कर नाला गैंग का सुपरवाइजर बनाने का प्रकरण सामने आया है।
मृतक आश्रित में मिली नौकरी, सभासद ने लगाया फर्जीवाडे का आरोप
वार्ड सात के सभासद मौहम्मद खालिद ने इस मामले में पूर्व में भी पालिका में शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी। खालिद के अनुसार मौहल्ला गाजावाली निवासी दर्शन कुमार पालिका में नियमित सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत था। करीब ढाई माह पूर्व दर्शन उनके वार्ड में ही कार्य कर रहा था और इसी बीच उसका निधन हो गया। इसके बाद मृतक आश्रित व्यवस्था के अनुसार दर्शन के पुत्र रितिक ने नौकरी के लिए आवेदन किया, पालिका प्रशासन ने रितिक को नौकरी प्रदान कर दी। खालिद का कहना है कि पालिका अधिनियम और शासनादेश के अनुसार रितिक की भर्ती सफाई कर्मी के मूल पद पर हुई है और उनको उनके पिता के स्थान यानि वार्ड सात में ही तैनात किया जाना था, लेकिन पालिका के अधिकारियों ने आपसी मिलीभगत करते हुए नियमों के विपरीत रितिक को अनुचित लाभ पहुंचाते हुए प्रमोट कर दिया। वर्तमान में रितिक को नाला गैंग का सुपरवाइजर बनाकर सेवा ली जा रही है, जो नियम संगत गलत हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए वो अब शासन स्तर पर शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हो पाया।