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पंडित सीताराम चतुर्वेदी के जन्मोत्सव पर सम्मानित होंगे प्रख्यात कवि प्रवीण शुक्ल

-वेदपाठी भवन में 27 जनवरी को श्री रतन गुरु जी के सानिध्य में मनाया जायगा जन्मोत्सव, भव्य समारोह की तैयारी

पंडित सीताराम चतुर्वेदी के जन्मोत्सव पर सम्मानित होंगे प्रख्यात कवि प्रवीण शुक्ल
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मुजफ्फरनगर। महान साहित्यकार आचार्य पंडित सीताराम चतुर्वेदी का जन्मोत्सव 27 जनवरी को वेद पाठी भवन पंचमुखी में श्री रतन गुरु के सानिध्य में भव्य समारोह के बीच मनाया जाएगा। इस दौरान आयोजित किये जा रहे काव्य पाठ एवं कवि सम्मेलन में प्रख्यात कवि प्रवीण शुक्ल को सृजन मनीषी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में जनपद के साथ ही दूर दराज से आर्चा सीताराम चतुर्वेदी के प्रशंसकों के साथ ही श्री रतन गुरू के अनुयायी भी भारी संख्या में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम को समारोह का रूप देने के लिए वेद पाठी भवन में भव्य स्तर पर तैयारियां को आज अंतिम रूप दिया गया।


आचार्य सीताराम चतुर्वेदी का जन्मोत्सव हर साल की तरह इस बार को 27 जनवरी को वेदपाठी भवन में श्र(ा के साथ मनाया जायगा। इस दिन शाम को वेदपाठी भवन में साढ़े छह बजे काव्य पाठ और कवि सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मभूषण डाॅ. गोपाल दास, श्रीकिशन सरोज आदि सम्मान से विभूषित प्रख्यात कवि और लेखक प्रवीण कुमार मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर कवि प्रवीण कुमार शुक्ल को सृजन मनीषी पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। इस कार्यक्रम को भव्य रूप से आयोजित करने और इसके लिए रूपरेखा बनाने को वेदपाठी भवन से जुड़े लोगों की मंगलवार को हुई बैठक में जन्मोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में कीर्ति भूषण अग्रवाल, सत्यशील ;बनारसद्ध, नरेंद्र बोस, सुरेंद्र अग्रवाल, विपिन त्यागी, शिव नारायण अग्रवाल, प्रदीप शर्मा, पुष्पेन्द्र अग्रवाल, प्रमोद आचार्य, विश्व रत्न बंटी, निहार रंजन, मुनीष शर्मा, ज्योतिषाचार्य संजय सक्सेना, प्रदीप जैन, सुनील बंसल, सुशील बंटी, दीपक बंसल, अलका जैन ;गिरधारी लाल स्कूलद्ध, गन्धर गौतम जैन, शेली और पूर्व सभासद रानी सक्सेना आदि मौजूद रहे।

जुदा शख्सियत रहे 'अभिनव भारत' तक पहुंचे पंडित सीताराम

हिंदी गौरव सम्मान से सम्मानित आचार्य सीताराम चतुर्वेदी का जन्म वाराणसी में एक प्रसि( ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता पंडित भीमसेन वेदपति चतुर्वेदी वैदिक अध्ययन के विद्वान संस्कृत विद्वान थे। उन्होंने अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से प्राप्त की और बाद में विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। पंडित सीतारा चतुर्वेदी ने हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में 70 से अधिक नाटक लिखे और कई अन्य नाटकों में निर्देशन, मंचन और अभिनय किया। वे बंबई के पृथ्वी थिएटर की टीम में एक सक्रिय भागीदार थे और उन्हें अभिनव भारत की उपाधि से सम्मानित किया गया था। उन्होंने भाषा, व्याकरण, साहित्य, नाटक, रंगमंच आदि पर 250 से अधिक पुस्तकें भी लिखीं। कालिदास के संग्रहित कार्यों को संपादित करने के साथ मदन मोहन मालवीय और तुलसीदास और वल्लभाचार्य की जीवनी को लिखने का काम किया।

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