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एम.जी. पब्लिक स्कूल में किया गांधी जी-शास्त्री जी को भावपूर्ण नमन

सोमवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 119वीं जन्म जयंती धूमधाम से मनाई गई।

एम.जी. पब्लिक स्कूल में किया गांधी जी-शास्त्री जी को भावपूर्ण नमन
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मुजफ्फरनगर। एम.जी. पब्लिक स्कूल में देश के दो महापुरुषों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जन्म जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर गांधी जी और शास्त्री जी का भावपूर्ण स्मरण करते हुए उनको नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की गई। छात्र-छात्राओं ने दोनों महापुरुषों के जीवन आदर्श को गीत, कविता और विचारों के माध्यम से सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया तथा देश के लिए योगदान करने का संकल्प लिया।


एम.जी. पब्लिक स्कूल में सोमवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 119वीं जन्म जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम में प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के साथ गांधी जी एवं शास्त्री जी के चित्रों पर पुष्प अर्पित करते हुए उनको भावपूर्ण नमन किया। इसके पश्चात मंचीय कार्यक्रमों की श्रृंखला का शुभारम्भ हुआ। कक्षा 11 की छात्रा रिदम्बरा राज ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को अपने विचारों और शब्दों के माध्यम से प्रस्तुत किया, तो कक्षा-12 के छात्र नमन प्रिय ने पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के जीवन पर औजस्वी विचार प्रस्तुत करते हुए प्रशंसा हासिल की। कक्षा-5 के छात्र-छात्राओं ने ‘तुम समय की रेत पर’ प्रेरणादायी गीत प्रस्तुत किया तो कक्षा-9 और 10 की छात्राओं विदुषी तथा तेजस्वी ने शास्त्री जी के जीवन पर कविता सुनाई। इसके साथ ही छात्र छात्राओं ने रामधुन ‘रघुपति राघव राजा राम’ और अन्य गीत एवं कविताओं के माध्यम से दोनों महापुरुषों को अपनी भावांजलि प्रस्तुत की। शिक्षिका श्रीमती सुषमा गर्ग ने गांधी जी और शास्त्री के जीवन संघर्ष की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं और देश के लिए बलिदान के बारे में विद्यार्थियों को बताया।


प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने अपने सम्बोधन में कहा कि गांधी जी और शास्त्री जी का जीवन देश के लिए समर्पित रहा। महापुरुषों का जीवन हमें विषम परिस्थितियों और संकट के दौर में दृढ़ रहते हुए और बेहतर करने की प्रेरणा देता है। हम अनुशासित रहें और ईमानदार बनें तो कोई भी संकट हमें डिगा नहीं सकता। उन्होंने छात्र छात्राओं को मोबाइल फोन का गलत या अत्याधिक प्रयोग नहीं करने की सीख देते हुए कहा कि जीवन में खुद को नियंत्रित करना सीखें। उन्होंने विद्यार्थियों को घर परिवार के साथ समाज और देश के लिए भी योगदान करने के लिए प्रेरित करते हुए धैर्य और सरल स्वभाव वाला व्यक्तित्व बनाने पर जोर दिया। कार्यक्रम में सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं और स्टाफ का सहयोग रहा।

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