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ईओ आवास- जर्जर भवन को प्रज्ञा ने बनाया घर

70 साल पुराने ईओ आवास में नजर आया नया निखार, रेनोवेशन के बाद पहली महिला ईओ ने की गृह प्रवेश की तैयारी, पालिका फण्ड से हुआ काम, दर-ओ-दिवार की दशा सुधारी, मुख्य द्वार सहित मकान के खिड़की और दरवाजे भी बदले

ईओ आवास- जर्जर भवन को प्रज्ञा ने बनाया घर
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मुजफ्फरनगर। बड़े बुजुर्ग कह गये हैं कि किसी भी मकान को घर बनाने का काम औरत ही कर सकती है, कुछ ऐसा ही नजारा पालिका में भी देखने को मिल रहा है। नगरपालिका परिषद् के करीब 70 साल पुराने पालिका ईओ आवास की दयनीय अवस्था अब कहीं जाकर दूर हुई है। पालिका को प्रज्ञा सिंह के रूप में पहली महिला ईओ मिलीं तो ईओ आवास का भाग्य भी निखर आया। अपने जर्जरता के कारण एक भूतिया भवन सा दिखने वाला ईओ आवास का घर आंगन अब चहक और महक रहा है। पालिका द्वारा ईओ करीब सात दशकों के बाद पहली बार रेनोवेशन कराया गया है। इसमें मुख्य द्वार से लेकर आवास की दर-ओ-दीवार सभी कुछ बदल कर रख दिये गये। अब प्रज्ञा सिंह नवरात्र के बाद ईओ आवास में गृह प्रवेश की तैयारी कर रही हैं।


नगरपालिका परिषद् के मौजूदा भवन टाउनहाल की बिल्डिंग साल 1950 में बनकर तैयार हुई थी। माना जाता है कि इसी के आसपास झांसी की रानी के पास उत्तरी सिविल लाइन में पालिका ईओ का आवास भी बनवाया गया था। जगह की बात की जा ये तो इसमें पूरी जगह है, लेकिन इसके निर्माण के बाद से आज तक देखरेख का लगातार अभाव बना रहने के कारण यह जर्जर होता चला गया। वर्तमान में आलम यह था कि यह पूरी तरह से खंडहर बनने की ओर बढ़ रहा था। इस बीच इसमें न जाने कितने ईओ आये, रहे और चले गये, लेकिन इसकी दुर्दशा को दूर करने के लिए किसी ने कोई प्रयास नहीं किया। एक कमरा बदहाल हुआ तो दूसरे कमरे का उपयोग शुरू कर दिया गया, दूसरा टूटा तो तीसरे का, लेकिन इसकी दयनीय अवस्था का अंधेरे विकास की रोशनी से अछूता ही बना रहा। इसी बीच फरवरी माह में प्रथम श्रेणी की अफसर प्रज्ञा सिंह को शासन द्वारा मुजफ्फरनगर पालिका की ईओ के रूप में तैनात किया। वो लखनऊ नगर निगम में अपर आयुक्त के पद पर कार्य कर रही थी। उनके पति पवन कुमार सिंह कानपुर जनपद में जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।

प्रज्ञा सिंह ने नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर की प्रथम महिला ईओ के रूप में 17 फरवरी को कार्यभार ग्रहण किया। बुधवार को उनको दो माह का कार्यकाल पूर्ण होने जा रहा है। यहां तैनाती के इन 60 दिनों में प्रज्ञा सिंह ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये और सख्त तथा पारदर्शी कार्यप्रणाली को जनता के बीच साबित करने का काम किया। अल्प कार्यकाल में ही वो अपने सकारात्मक दृष्टिकोण और पदीय दायित्व के प्रति दृढ़ता के कारण जनता के बीच खास पहचान बनाने में सफल हुई हैं। अब वो पालिका के ईओ आवास के बदले-बदले स्वरूप के कारण चर्चा में है। सिविल लाइन में बने ईओ आवास की दयनीय अवस्था के कारण यहां कई समस्या बनी थी। भवन पूरी तरह से जर्जर हो रहा था। इसके साथ कई जगह से ही फर्श टूटा पड़ा था। खिड़की और दरवाजे भी इस हालत में थे कि वो किसी भूतिया भवन से कमतर नजर नहीं आता था।


ईओ प्रज्ञा सिंह यहां आई, उनके रहने के लिए आवास दिखाया गया तो वो जर्जरता को देखकर हतप्रभ रह गई। इसके बाद ईओ आवास की बदहाली दूर करने की कवायद हुई। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने प्रज्ञा सिंह के प्रस्ताव पर ईओ आवास का रेनोवेशन कराने की मंजूरी प्रदान की। पालिका बोर्ड फण्ड से यहां काम कराया गया। मुख्य द्वार से लेकर मकान के सारे खिड़की और दरवाजों को बदला गया। फर्श और दीवारों को टाइल्स के सहारे नई पहचान मिली तो रंग और रोगन ने जर्जर हो रहे ईओ आवास को निखार कर रख दिया। अब नवरात्र के बाद ईओ प्रज्ञा सिंह गेस्ट हाउस से अपने आवास में शिफ्ट होने की तैयारी कर रही हैं। वो चार्ज के बाद से ही बेगरजपुर स्थित गेस्ट हाउस में अपनी एक साल की बेटी के साथ रह रही हैं। निवास दूर होने के कारण कई प्रकार की समस्या का सामना उनको करना पड़ रहा है। ईओ आवास के रेनोवेशन पर पालिका बोर्ड फण्ड से करीब 6 लाख रुपये खर्च हुआ है। करीब सात दशकों में यह पहली बार है, जबकि ईओ आवास की देखरेख में पालिका ने इतनी गंभीरता दिखाई है। सहायक अभियंता निर्माण अखंड प्रताप सिंह का कहना है कि चेयरपर्सन के आदेश के बाद ईओ आवास का रेनोवेशन कराया गया है। पालिका बोर्ड फण्ड से करीब 5-6 लाख रुपये इसमें खर्च हुए हैं। इसके लिए टैण्डर निकाला गया था। इससे पहले शायद ईओ आवास की देखरेख पर कोई खर्च इस तरह नहीं किया गया था, देखरेख के अभाव के कारण ही ईओ आवास की अवस्था जर्जर हो रही थी।

टाउनहाल भवन का हुआ कायाकल्प, ईओ आवास की गिरती रही छत

मुजफ्फरनगर। साल 1950 में निर्मित पालिका मुख्यालय टाउनहाल के भवन का कायाकल्प पूर्व चेयरमैन अंजु अग्रवाल के कार्यकाल में हुआ। उनके बोर्ड ने पहले पालिका के सभाकक्ष को रेनोवेट कराया। इसमें हाॅल को पूरी तरह से वातानुकूलित बनाने के साथ अन्य सौन्दर्यकरण कराया गया। करीब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट इस पर खर्च हुआ था। इसके साथ ही पूरे भवन के सभी कार्यालयों को भी रेनोवेट कराया गया। जीनों पर पत्थर, फर्श और दिवारों पर टाइल्स लगाई गई। वर्तमान बोर्ड में चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने टाउनहाल भवन में विद्युत फीटिंग का कार्य कराया है। इस दौरान किसी ने भी ईओ आवास की सुध नहीं ली थी। जबकि पूर्व ईओ हेमराज सिंह के कार्यकाल में कई बार ईओ आवास की छत से मलबा गिरने की घटना भी हुई। एक बार तो जिस कमरे में हेमराज सो रहे थे, उसकी कमरे की छत से मलबा गिरा था। थोड़ी मरम्मत करा दी गई। इससे पूर्व यहां ईओ रहे अजित सिंह के समय में ईओ आवास में गार्डनिंग जरूर कराई गई थी। यही नहीं शहर के बीच और आधी रात तक भी आवागमन रहने तथा पुलिस की गश्त के बावजूद ईओ आवास में हेमराज सिंह के समय ही दो बार चोरी की वारदात हो चुकी है। पालिका चुनाव के बाद जब वो प्रयागराज प्रशिक्षण में गये तो उनके पीछे ताले तोड़कर सामान चोरी कर लिया गया था।

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