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रिटायर्ड जज की कोरोना से मौत पर बिफरे परिजन

मुजफ्फरनगर में रिटायर्ड जज की मौत पर पत्नी ने सीएमओ पर लगाये गंभीर आरोप, उपचार और खानपान की व्यवस्था पर भी उठाये सवाल, मंगलवार को कोविड हास्पिटल बेगराजपुर में हुई थी कोरोना संक्रमित रिटायर्ड जज की मौत।

मुजफ्फरनगर। जनपद में कोरोना संक्रमण का मामला लगातार गंभीर हो रहा है। मार्च माह के अंतिम सप्ताह के दो दिनों में दो कोरोना मरीजों की मौत के बाद एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इनमें से एक रिटायर्ड जज की कोविड हाॅस्पिटल में हुई मौत को लेकर मृतक के परिजनों ने सीएमओ पर ही सीधे आरोप लगाये हैं। उन्होंने उपचार में लापरवाही बरतने और होम आइसोलेशन का आग्रह ठुकराने के साथ ही खानपान की व्यवस्था पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। इसको लेकर मृतक की पत्नी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं आज सवेरे कोविड गाइडलाइन के अनुसार मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

बता दें कि जनपद में कोरोना वायरस संक्रमण लगाातर गहराता जा रहा है। 30 मार्च तक जनपद में कोरोना संक्रमण के 155 एक्टिव केस हो चुके हैं, जबकि पिछले दो दिनों में दो कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है। इनमें एक रिटायर्ड जिला जज 76 वर्षीय रमाकांत शर्मा पुत्र बीएस शर्मा निवासी जज कम्पाउण्ड कचहरी मुजफ्फरनगर का भी नाम शामिल है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार रमाकांत शर्मा को 28 मार्च को कोविड-19 रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संक्रमित पाया गया था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसी दिन उनको उपचार के लिए मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज बेगराजपुर में कोविड हाॅस्पिटल में भर्ती करा दिया गया था। 30 मार्च को रमाकांत शर्मा की कोविड हाॅस्पिटल में ही उपचार के दौरान मौत हो गयी।

बुधवार को सवेरे रमाकांत शर्मा का शव कोविड गाइडलाइन के अनुसार पीपीई किट में परिजनों को सौंपा गया। सवेरे शहर श्मशान घाट पर केवल पांच छह परिजनों के बीच ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। रमाकांत शर्मा के पुत्र अंकुर शर्मा जनपद में अपर जिला जज के पद पर कार्यरत हैं। वह अपने पुत्र के साथ ही जज कम्पाउण्ड में रह रहे थे। अंतिम संस्कार के बाद परिजन स्वास्थ्य विभाग पर उपचार में लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहे हैं। रमाकांत शर्मा की पत्नी दया शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इसमें दया शर्मा ने कहा कि उनके पति जिला जज के पद से रिटायर्ड हैं। हाल ही में उनकी आंखों का आपरेशन कराया गया था। इसके बाद एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाते हुए उनका कोविड जांच कराया गया था। इसमें उनको संक्रमित बताया गया। उन्होंने कहा कि इसके बाद हमने सीएमओ से आग्रह किया था कि उनके पति को होम आइसोलेशन में रखने की अनुमति दी जाये, वह सभी गाइडलाइन का पालन करने को तैयार थे। आरोप है कि सीएमओ ने उनके आग्रह को ठुकरा दिया और उनके पति को बेगराजपुर में ले जाकर भर्ती करा दिया गया। दया शर्मा का आरोप है कि उनके पति की हालत बिगड़ रही थी लेकिन उपचार में ध्यान नहीं दिया गया। फोन पर वह पति से बात करती तो पता चलता कि आक्सीजन गैस का पाइप बार बार हट जाता है, कोई ध्यान नहीं देता। उनको बार बार शौचालय जाना पड़ता है तो इसके लिए उनको डायरपर भिजवाये गये। खाने में उनको सही आहार नहीं दिया जा रहा था। डायपर नहीं लगाये जा रहे थे। इसी कारण उनकी मौत हो गयी। दया शर्मा ने इस मामले में जांच की मांग की है।

वहीं सीएमओ डा. एसके अग्रवाल का कहना है कि मौत होने पर परिजन आरोप लगाते ही है, उनको लगाने दो, यदि हम परिजनों पर आरोप लगायेंगे तो लोग कहेंगे कि हम पद के अनुरूप आचरण नहीं कर रहे हैं। सीएमओ ने कहा कि रमाकांत शर्मा के उपचार में कोई भी लापरवाही नहीं बरती गयी है। उनके फेफडे डेमेज हो चुके थे। परिजन भी इससे भली प्रकार परिचित थे। उनके द्वारा सीटी स्कैन भी कराया गया था। इसमें साफ हो चुका था कि वह गंभीर है। गंभीर रोगियों को होम आइसोलेशन में नहीं रखने के निर्देश है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी जांच को तैयार हैं।

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