पूर्व चेयरमैन अंजू के सब्र का टूटा बांध, ब्लेकमेलरों को दिया करारा जवाब
लोकायुक्त की जांच, बोर्ड मीटिंग में अपमान और पालिका कन्य इंटर काॅलेज प्रकरण में विरोधियों पर किया प्रहार, कहा-मेरे कार्यकाल में पालिका में नहीं हुआ कोई भ्रष्टाचार, अपमानित करने में लगे ब्लेकमेलरों पर मानहानि का दावा करने की चेतावनी
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की पूर्व चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के सब्र का बांध आखिरकार टूट गया। अपने कार्यकाल के आखिरी साल में शासन की गंभीर कार्यवाहियों का सामना करने के बाद भी शांत दिखने वाली अंजू अग्रवाल नये पालिका बोर्ड के गठन के करीब आठ माह के बाद भी बोर्ड बैठकों में उनको निशाना बनाये जाने और सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनकी प्रतिभागिता को निशाना बनाकर उनको अपमानित करने के आरोप लगाते हुए अपने विरोधियों पर जमकर निशाना साधते हुए चेतावनी दी कि उनके कार्यकाल में कोई भी बईमानी और भ्रष्टाचार नहीं किया गया है, ब्लेकमेलर उनको बदनाम कर रहे हैं, वो ऐसे लोगों के खिलाफ मानहानि का दावा दायर कर जवाब देने का काम करेंगी।
लोकायुक्त जांच और पालिका कन्या विद्यालय में कार्यक्रम को लेकर निशाने पर आई पूर्व पालिका अध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने गुरूवार को मीडिया के सामने आकर अपना पक्ष रखने के साथ ही बिन्दुवार सभी प्रकरणों पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को हुई बोर्ड बैठक में दो सभासदों द्वारा उनको अपमानित किया गया। उनका नाम लेकर 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर नगर पालिका विद्यालय में उनके जाने से बोर्ड का अपमान होने की बात कही गई। यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि नियम कानून और संविधान की कोई जानकारी न रखने वाले सभासदों ने गरिमामई सदन में मुझे अपमानित किया गया, जबकि इन लोगों को मालूम होना चाहिए की नगर पालिका विद्यालय एवं नगर पालिका पब्लिक प्राॅपर्टी है किसी की पर्सनल प्राॅपर्टी नहीं है और संवैधानिक अवसर पर कोई भी सामान्य नागरिक कहीं भी देश भक्ति कार्यक्रम में प्रतिभागी हो सकता है।
इसके साथ ही अंजू अग्रवाल ने कहा कि लोकायुक्त प्रकरण का समाचार पढ़कर आश्चर्य हुआ कि उनसे रिकवरी की बात कही जा रही है। लोकायुक्त शिकायती प्रकरण में ब्लैकमेलर शिकायतकर्ता द्वारा जो शिकायत की गई है, उसमें वर्ष 2012 से मार्च 2018 तक के कार्यों की शिकायत की गई है जबकि उनके द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में 12 दिसंबर 2017 को शपथ ग्रहण करते हुए पालिका अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण किया गया था। इस प्रकार मेरे कार्यकाल की मात्र 3 माह के कार्यकाल की ही शिकायत है। शिकायत में उठाई गई बिंदु में सरवट शिव मंदिर खट्टों की भूमि मैं दुकानों के निर्माण से संबंधित है। इसमें वर्ष 1966 से 1996 तक 30 वर्षों के लिए भूमि मंदिर को तत समय के बोर्ड के द्वारा लीज पर दी गई थी। उस समय मैं अध्यक्ष ही नहीं थी।
अपर जिला अधिकारी प्रशासन द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजी गई रिपोर्ट में यह स्पष्ट वर्णित किया गया है कि जब दुकानों का निर्माण हो रहा था, उस समय पालिका को निर्माण कार्य रुकवाना चाहिए था तथा मामला शिव मंदिर का होने के कारण अब इसे छेड़ा जाना भी उचित नहीं है। ऐसी स्थिति में जब मैं अध्यक्ष ही नहीं थी तो मेरे द्वारा अवैध रूप से पालिका भूमि पर कब्जा करवाए जाने जैसी शिकायत स्वयं में निरर्थक एवं निराधार है। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में कोई भी भ्रष्टाचार नहीं किया गया है। उन्होंने सभासदों को साथ लेकर बिना किसी पुलिस फोर्स के पालिका की श्मशान घाट जनकपुरी तथा रुड़की रोड पर पालिका भूमि से अवैध कब्जा हटाते हुए बारातघर का निर्माण कराया। इसके अलावा मोहल्ला सरवट में ही पार्क की भूमि कब्जा मुक्त कराई गई तथा नई मंडी में थाने के पास की भूमि भी कब्जा मुक्त कराई गई है। जहां तक ग्रहकर एवं जलकर की कम वसूली की शिकायत है वह पूर्ण रूप से निराधार है क्योंकि सेल्फ एसेसमेंट करसते हुए आवासीय एवं व्यावसायिक भवनों पर करारोपण कराया गया तथा 100 प्रतिशत वसूली कराई गई। जनता की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए आॅनलाइन गृहकर एवं जलकर जमा करने की सुविधा भी प्रदत की गई। इसके अलावा उन्होंने गलत जन्म प्रमाण पत्र, लाइट खरीद, जलकल मूल्य के बिलों में गड़बड़ी, लिपिक की गलत नियुक्ति की शिकायतों को भी गलत बताते हुए कहा कि ये भी उन पर साबित नहीं होते हैं।
उन्होंने कहा कि लोकायुक्त को शिकायत के बाद मैंने लोकायुक्त उत्तर प्रदेश एवं मुख्य सचिव नगर विकास को तथ्यात्मक एवं प्रमाण सहित जवाब भेजा है, जिस पर पुनर्विचार तथा तथा सुनवाई का अवसर प्रदान करने का आग्रह किया गया है अभी तक इसका कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है, जवाब प्राप्त होने पर यह यथोचित विधिक कार्यवाही की जाएगी। पूर्व चेयरपर्सन अंजू अग्रवगाल ने कहा कि मैंने पालिका का जब प्रभार ग्रहण किया था तो उस वक्त पालिका लगभग 16 करोड रुपए के कर्ज में थी और जब मैंने अपना कार्यकाल पूरा किया तो कर्ज की धनराशि समाप्त करते हुए और विकास कार्य करने के पश्चात लगभग 90 करोड़ से अधिक के प्राॅफिट में पालिका को छोड़ा है, जिससे शहर का विकास चल रहा है। मैंने आय अधिक और व्यय कम की नीति पर चलकर पालिका का कुशल संचालन कराया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता की शिकायत ब्लैकमेलिंग के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अपमानित करने वाले इन ब्लैकमेलर लोगों के बारे में अपने विधिक सलाहकार से राय मशविरा करके इन पर मानहानि की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत विधिक कार्रवाई करने पर भी विचार कर रही हूं।