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पूर्व सांसद कादिर राणा सपा में शामिल

अखिलेश यादव ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई, कहा-संगठन को मिलेगी मजबूती

पूर्व सांसद कादिर राणा सपा में शामिल
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मुजफ्फरनगर। बसपा के टिकट पर लोकसभा सांसद बने कादिर राणा आज अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये। इसे उन्होंने अपने राजनीतिक घर वापसी बताया। कादिर राणा कुछ दिनों से सियासी पाला बदलने की तैयारी कर रहे थे। आज उन्होंने लखनऊ जाकर बसपा को छोड़ सपा का दामन थाम लिया। सपा कार्यालय पर आयोजित भव्य समारोह में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनको सपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कराई और उनके पार्टी में आने पर संगठन के मजबूत होने की बात कही।

बता दें कि पूर्व सांसद कादिर राणा सपा में शामिल होने के लिए सैंकड़ों के समर्थकों को लेकर शनिवार को शाम अपने मेरठ रोड स्थित न्यू राणा हाउस से गाड़ियों के लम्बे काफिले के साथ लखनऊ रवाना हुए थे। आज सवेरे वह लखनऊ पहुंचे और समर्थकों के साथ मन्नत लॉन बैंकट हॉल में रूके। इसके बाद सपा के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में उनको अखिलेश यादव ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। इससे पूर्व वह कार्यालय के अतिथि गृह में अखिलेश यादव से मिले और काफी देर तक दोनों के बीच बातचीत का दौर चला। यहां पर मुलाकात के बाद कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन हुआ और इसमें अखिलेश यादव ने बसपा के पूर्व सांसद कादिर राणा, बसपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष आरएस कुशवाहा, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष हरी शंकर तिवारी के पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि निश्चित ही इन नेताओं के पार्टी में आने के कारण संगठन को मजबूती मिलेगी।

पूर्व सांसद कादिर राणा ने समाजवादी पार्टी से ही अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की थी। वह मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में शामिल रहे। मुलायम सिंह यादव ने उनको विधान परिषद् में भिजवाने का अवसर दिया। इसके बाद उनको 1993 में मुजफ्फरनगर सदर सीट से प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा लेकिन राम लहर के इस चुनाव में कादिर राणा 64 हजार से ज्यादा वोट हासिल करने के बाद भी 27 हजार के अंतर से भाजपा के सुरेश संगल से पराजित हो गये थे। इसके बाद भी वह सपा में बने रहे और एक बार फिर एमएलसी के चुनाव में मुलायम सिंह यादव से टिकट मांगा, लेकिन उनको दरकिनार करते हुए मुनव्वर हसन को एमएलसी बनवा दिया गया। इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में भी उनकी दावेदारी को अनदेखा करते हुए मुनव्वर हसन को टिकट दिया गया। इससे नाराज होकर कादिर राणा ने सपा छोड़ दी और 2007 में रालोद के टिकट पर मोरना विधानसभा सीट से चुनाव लड़े। इसमें उन्होंने बसपा प्रत्याशी के रूप में राजपाल सैनी को पराजित करते हुए जीत हासिल की थी। 2009 में वह बसपा में शामिल हुए और लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसमें वह बसपा प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे और सांसद बने। 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने उनको दोबारा मैदान में उतारा, लेकिन भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान ने उनको पराजित कर दिया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बसपा से ही अपनी पत्नी सईदा बेगम को बुढ़ाना सीट पर चुनाव लड़ाया था, लेकिन पराजित रहे। अब वह 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच सपा में घर वापसी करते हुए नई पारी खेलने की तैयारी में है। कादिर राणा मीरापुर विधानसभा सीट से मजबूत दावेदारी पेश करने की तैयारी में है। वहीं चर्चा यह भी है कि उनको सपा द्वारा एमएलसी भी बनाया जा सकता है। कादिर राणा के साथ सपा में उनके सैंकड़ों समर्थक प्रधान, पूर्व प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, पूर्व ब्लॉक प्रमुख, वार्ड मैम्बर भी शामिल हुए।

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