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हाथरस कांडः जातीय दंगे की साजिश में सामने आया मुजफ्फरनगर कनेक्शन!

दिल्ली से हाथरस जाते हुए पीएफआई-सीएफआई संगठन के चार सदस्य पुलिस ने पकड़े, रतनपुरी के गांव नगला का अतीकउर्रहमान भी शामिल, 3 दिन पहले दवाई लेने घर से दिल्ली गया था आरोपी युवक, 20 दिसम्बर की सीएए के विरोध में मुजफ्फरनगर बवाल में भी सामने आया था पीएफआई का कनेक्शन

हाथरस कांडः जातीय दंगे की साजिश में सामने आया मुजफ्फरनगर कनेक्शन!
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मुजफ्फरनगर/लखनऊ। हाथरस में वाल्मीकि समाज की युवती के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में विपक्षी की राजनीति के बीच ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जातिगत दंगे भड़काने की जिस साजिश की आशंका व्यक्त की थी, उसको लेकर पुलिस की सक्रियता से नया खुलासा हो रहा है। पुलिस ने दिल्ली से हाथरस जाते हुए एक कार से चार संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया है। ये पीएफआई और सीएफआई संगठनों के सक्रिय सदस्य बताये गये हैं। इनमें मुजफ्फरनगर निवासी युवक के शामिल होने से हाथरस कांड को लेकर रची जा रही तथाकथित साजिश का कनेक्शन मुजफ्फरनगर से भी जुड़ता नजर आ रहा है। इसके लिए राज्य के एडीजी लाॅ एण्ड आर्डर प्रशांत कुमार ने मीडिया को जानकारी दी तो मुजफ्फरनगर पुलिस भी एक्शन में आ गयी है। पुलिस ने पकड़े गये आरोपी युवक के परिजनों तक पहुंचकर जानकारी एकत्र की है। इसमें परिजनों ने पुलिस को बताया कि पकड़ा गया युवक तीन दिन पहले दवाई लेने की बात कहकर दिल्ली गया था।

मथुरा जनपद में पुलिस ने हाथरस कांड के बहाने जातीय संघर्ष की साजिश रचने और सरकार की छवि को बिगाड़ने के प्रयास के आरोप में दिल्ली से हाथरस जा रहे एक विवादित संगठन से जुड़े चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें एक मुजफ्फरनगर निवासी भी शामिल है। इनका संबंध पीएफआई और उसके सहयोगी संगठन सीएफआई से बताया गया है। पुलिस ने इन चार संदिग्घ्धों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि ये लोग हाथरस के बहाने उत्तर प्रदेश को जलाने की साजिश रच रहे थे। राज्य के एडीजी लाॅ एण्ड आॅर्डर प्रशांत कुमार के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्घ्ध व्घ्यक्ति दिल्ली से हाथरस की तरफ जा रहे हैं। इस पर टोल प्लाजा के पास संदिग्ध वाहनों की चेकिंग के दौरान स्विफ्ट डिजायर गाड़ी में सवार चार युवकों को रोक कर पूछताछ की गई तो उनका संबंध पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) एवं उसके सहयोगी संगठन कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (सीएफआई) से होने की जानकारी मिली।

पकड़े गये युवकों में मुजफ्फरनगर के थाना रतनपुरी क्षेत्र के गांव नगला का रहने वाला अतीकउर्रहमान, मल्लपुरम का निवासी सिददीकी, बहराइच जिले के जरवल का निवासी मसूद अहमद और रामपुर जिले की कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले आलम शामिल हैं। पुलिस के अनुसार उनके कब्घ्जे से मोबाइल, लैपटाप और शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला संदिग्ध साहित्य भी बरामद किया गया। एडीजी ने बताया कि चंदपा थाने में जाति आधारित संघर्ष की साजिश रचने और सरकार की छवि को बिगाड़ने के प्रयास के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। प्रदेश भर में इस संबंध में कुल 21 मुकदमें दर्ज किये गये हैं। हाथरस प्रकरण में हाथरस जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 6 मुकदमों के अलावा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर, प्रयागराज, हाथरस, अयोध्या, लखनऊ आयुक्तालय में कुल 13 मामले दर्ज किये गये हैं।

उधर मथुरा में मुजफ्फरनगर निवासी युवक अतीकउर्रहमान की गिरफ्तारी होने और उसका संबंध पीएफआई से मिलने के बाद मुजफ्फरनगर पुलिस भी सतर्क हो गयी। मंगलवार को सुबह पुलिस कर्मियों ने उसके गांव नगला पहुंचकर उसके परिजनों से पूछताछ करते हुए जानकारी एकत्र की। सूत्रों के अनुसार अतीकउर्रहमान के परिजनों ने यह बताया है कि वह किसी संगठन से जुड़कर काम कर रहा था, लेकिन यह संगठन कौन सा है, हम नहीं जानते। अतीक के बारे में परिजनों ने यह भी बताया कि वह घर से तीन दिन पूर्व यह कहकर गया था कि उसको दिल्ली से दवाई लानी है। वह मथुरा कैसे पहुंचा और उसके साथ तीन अन्य युवक कौन थे, नहीं जानते। हाथरस कांड में दंगे भड़काने की साजिश में जनपद मुजफ्फरनगर का कनेक्शन सामने आने के बाद यहां एलआईयू और खुफिया विभाग भी सक्रिय हो गया है। बता दें कि 20 दिसम्बर 2019 को सीएए और एनआरसी के विरोध में जनपद में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान शहर में बड़ा बवाल हुआ था। यहां पर प्रदर्शनकारी भीड़ ने पुलिस पर पथराव करने के साथ ही कई स्थानों पर आगजनी की थी। इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर मुकदमे दर्ज करने के साथ ही जिला प्रशासन ने सरकारी और गैर सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई आरोपियों से करने के लिए नोटिस जारी किये थे। इस बवाल के मामले में भी पीएफआई संगठन के कार्यकर्ताओं की भूमिका पुलिस जांच में सामने आयी थी और अब हाथरस कांड को लेकर मुजफ्फरनगर निवासी युवक की गिरफ्तारी यह साबित करती है कि पीएफआई ने इस जनपद में भी अपनी गहरी जड़ें जमा ली हैं।

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