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बेबसी....25 साल पुराने वृन्दावन गार्डन में अब नहीं गूजेंगी शहनाई!

मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के नोटिस के बाद सत्ता का साथ नहीं मिलने से निराश पुराने भाजपाई पंकज जैन ने तोड़ डाला जिले का सबसे प्रमुख अपना बारात घर, अपनी ही सत्ता में बेबस हो गये पंकज जैन, अब बारात घर की एक-एक ईंट बटोरने को लगाये मजदूर।

बेबसी....25 साल पुराने वृन्दावन गार्डन में अब नहीं गूजेंगी शहनाई!
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मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट कर देश और विदेश के साथ ही जनपद मुजफ्फरनगर से अरबों रुपये का निवेश पाने वाली योगी सरकार उद्यमियों और व्यापारियों को सुरक्षित और व्यवस्थित औद्योगिक माहौल देने का भले ही दम भर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत में कारोबारी अपने सपनों के कारोबार की एक-एक ईंट गिराकर उसको बटोरने के लिए विवश हो रहे हैं। बुल्डोजर नीति भले ही अपराधियों के घरों में दहशत का आलम पैदा कर रही हो, लेकिन प्रदेश के कुछ ऐसे व्यापारी भी आज बेलगाम होती अफसरशाही में दहशत के दायरे से बाहर नहीं हैं, जो खुद भाजपा के कमल मं समाहित होकर सत्ता की ताकत रखने वाले कमल दल के भगवा ध्वज को लहराने में कभी पीछे नहीं रहे हैं। भाजपा से दशकों से जुड़े जिले के ऐसे ही व्यापारी को आज मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण ;एमडीएद्ध के नोटिस के कारण अपना बारात घर, अपनी ही सत्ता के दौर में ढहाना पड़ गया। व्यापारी पंकज जैन के इस निर्णय के बाद हजारों रिश्तों को शादी के अटूट बंधन में बांधने का गवाह बना 25 साल पुराना वृन्दावन गार्डन अपना स्वरूप धूमिल कर मिट्टी में मिल गया। अब इस बारात घर में शहनाई की गूंज सुनाई नहीं देगी। व्यापारी ने सारा स्ट्रक्चर ढहाकर मजदूरों से एक-एक ईंट बटोरने का काम कई दिन से शुरू करा रखा है।


जनपद में आरएसएस और भाजपा के दल में एक मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले पंकज जैन की पहचान ‘गांधी टैंट’ के अपने व्यापार से है। पंकज जैन का परिवार आज अपनी ही पार्टी की सत्ता और अपने ही दो दो मंत्रियों का साथ होने के बावजूद भी अफसरशाही के एक गंभीर ‘आतंक’ का शिकार होकर इस कदर दशहत में है कि इस परिवार के द्वारा अपने कारोबारी भवन को धराशायी करने के लिए विवश होना पड़ा। यह जनपद में अफसरशाही के साइड इफेक्ट की शुरूआत मात्र है, क्योंकि पंकज जैन की भांति ही अभी कई और व्यापारी भी इसी प्रकार की दहशत का शिकार बनने की कतार में हैं, इनको बाकायदा सूचीब( किया जा चुका है। पंकज जैन और उनका परिवार जनपद मुजफ्फरनगर में संघ और भाजपा के साथ जुड़े लोगों में सबसे पुराना परिवार माना जाता है, जिसे आज अपनी ही डबल इंजन की सरकार के एक मजबूत दौर में अपना रोजगार ही बंद करना पड़ा।


बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विकास शुल्क के लिए नय नियमों को लागू करने के बाद कुछ महीने पहले एमडीए सचिव आदित्य प्रजापति ने जनपद में संचालित हो रहे बैंकट हाॅल्स मालिकों को नोटिस जारी किये थे। इनमें शहर और देहात के बैंकट हाॅल्स को नोटिस जारी किए थे, उनके मुताबिक जनपद में ज्यादातर बैंकट हाल बिना नक्शे के संचालित हो रहे हैं, इसके साथ ही बैंकट हाॅल्स के सम्पूर्ण भूखंड पर विकास शुल्क लिए जाने का आदेश जारी किया गया है। इसी को लेकर नोटिस देकर जवाब मांगे गये हैं। इसी कड़ी में शहर के भोपा रोड पर स्थित वृंदावन गार्डन समेत कुछ बैंकट हाॅल को सील भी कर दिया गया था, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल और केंद्र सरकार में मंत्री डा. संजीव बालियान ने उस समय जिला प्रशासन और विकास प्राधिकरण से बात कर मामले को निपटाने की कोशिश की थी, लेकिन अपने अथक प्रयास के बावजूद भी दोनों मंत्री अपनी ही सत्ता होने के बावजूद भी पीड़ित बैंकट हाॅल मालिकों को कोई राहत नहीं दिला पाए थे। जबकि बैंकट हाॅल मालिक दोनों मंत्रियों से लगातार गुहार लगा रहे थे और मंत्री उन्हें कोई कार्यवाही न होने का आश्वासन भी दे रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन और एमडीए सचिव ने दोनों मंत्रियों की भी कुछ नहीं सुनी थी।


अपना कारोबार बचाने के लिए पंकज जैन भी सड़क पर धरने पर बैठ गये थे, लेकिन मंत्रियों का प्रभाव खत्म होता देखकर उनके द्वारा एमडीए कार्यालय में जाकर सचिव आदित्य प्रजापति को शपथ पत्र देना पड़ा था। इसमें पंकज जैन ने अपने वृन्दावन गार्डन में 28 फरवरी तक विवाह के लिए समारोह की बुकिंग होने का हवाला देते हुए 28 फरवरी तक सील खोलकर इसको चलाए रखने की स्वीकृति मांगी थी। तब कहीं जाकर पंकज जैन को एमडीए ने मंजूरी दी गई थी। इस मंजूरी में एमडीए सचिव ने यह शर्त भी शामिल कराई थी कि 28 फरवरी तक बैंकट हाॅल मालिक विकास शुल्क को लेकर तय नये नियमों का पालन करते हुए उसके अनुसार नक्शा स्वीकृत करा लेंगे ऐसा नहीं होने पर उनको अपना बैंकट हाॅल बंद बिस्मार कर इसको बंद करना होगा। इस शर्त के अनुसार 28 फरवरी की मोहलत बीत चुकी है, ऐसे में एमडीए की ओर से सार्वजनिक तौर पर तो वृन्दावन गार्डन की तरफ से कोई हलचल नहीं नजर आई, लेकिन इस तिथि के बाद पंकज जैन ने अपना बैंकट हाॅल किसी भी वैवाहिक समारोह के लिए बुक नहीं किया। बुकिंग नहीं होने के बाद भूमि का किराया और कर्मचारियों का वेतन आदि आर्थिक बोझ भी उनको झेलना पड़ रहा था, वहीं अपनी ही सत्ता का साथ नहीं मिलने के बाद निराश होकर पंकज जैन ने करीब 25 साल पुराना वृन्दावन गार्डन बिस्मार करा दिया है। इस अफसरशाही के कारण आज भोपा रोड स्थित वृंदावन गार्डन बंद कर दिया गया है और मजदूर लगाकर पंकज जैन ने उसे तोड़ना शुरू कर दिया है।

वृन्दावन बचाने के लिए देने पड़ते डेढ़ करोड़

पंकज जैन के मुताबिक इस बैंकट हॉल का नक्शा पास कराने में डेढ़ करोड़ से ज्यादा राजस्व देना पड़ता, जो संभव नहीं है, इसी के चलते उन्होंने बैंकट हॉल बंद कर दिया है और तोड़ना शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी जब जनसंघ के नाम से थी और दीपक चुनाव चिन्ह था, उस समय से यह परिवार भाजपा का कट्टर समर्थक है, पंकज जैन के पिता आदीश जैन भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष भी रह चुके है और नगर में भाजपा का कोई भी आयोजन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है, जो इस बैंकट हॉल में न हुआ हो और वह भी निशुल्क,लेकिन जब अपनी ही सरकार में जिला प्रशासन द्वारा बैंकट हॉल को सील किया गया तो पंकज जैन को कोई मदद नहीं मिली, जिससे पंकज जैन हताश हो गए और उन्होंने अपना बैंकट हॉल तोड़ दिया।

मंत्रियों के दर से निराशा, अफसरों के दर पर दुव्र्यवहार

पंकज जैन भाजपा नेताओं और जिला प्रशासन दोनों के रवैये से परेशान हैं, बकौल पंकज जैन केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान ने उनकी सिफारिश क्या की, यह तो उनको जानकारी में नहीं है, लेकिन राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने विकास प्राधिकरण के सचिव आदित्य प्रजापति को उनके सामने ही फोन किया था और कुछ दिन की राहत देने की मांग की थी लेकिन विकास प्राधिकरण के सचिव ने उनकी बात को कोई तवज्जो नहीं दी, जिसके बाद पंकज जैन तत्कालीन जिलाधिकारी से मिलने गए थे तो जिलाधिकारी ने उनके साथ बहुत ज्यादा दुव्र्यवहार किया था।


पंकज जैन के मुताबिक उस समय भी काफी बैंकट हाॅल वालों से दो से पांच लाख रुपये तक की राशि कार्रवाई रोकने के लिए एमडीए ने वसूले थे, जिसके बाद ही इस कार्यवाही को टालने के लिए शादी का सीजन पूरा करने के लिए बैंकट हाॅल मालिकों को एमडीए की ओर से फरवरी तक का समय दिया गया था। अपनी ही सरकार में अफसरों के इस रवैये से आहत पंकज जैन ने अब अपना बैंकट हाॅल तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि वो पिछले कुछ महीनों से इस कार्यवाही को लेकर काफी मानसिक तनाव में जी रहे थे, परिवार के अन्य लोग भी तनाव में हैं, ऐसे में उन्होंने मंत्रियों के आश्वासन के बाद भी कार्यवाही नहीं रुकने के कारण नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए वृन्दावन गार्डन को तोड़कर खाली करने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि इसके लैंडलाॅर्ड आलोक स्वरूप आदि हैं, उनके द्वारा करीब 25 साल पहले इस भूमि को किराये पर लेकर यहां पर वृन्दावन गार्डन बैंकट हाॅल बनाया था, जो आज तोड़ना पड़ रहा है। उनका कहना है कि शायद मंत्रियों की कोई भी बात शासन और प्रशासन ने नहीं मानी है। इसलिए ही आज वो विवश होकर अपने कारोबार को ईंटों में तब्दील कर समेटने को विवश हुए हैं। बता दें कि वृंदावन गार्डन मुजफ्फरनगर के सबसे प्रमुख और पुराने बैंकट हाॅल में शामिल था, इसके तोड़ने के बाद अब अन्य बैंकट हाॅल पर भी संकट के बादल मंडरा गए हैं, विकास प्राधिकरण के सूत्रों के मुताबिक बैंकट हाॅल पर पूरी जमीन पर शुल्क लगता है, चाहे उस पर निर्माण हुआ हो या वह खाली मैदान हो, जिसके चलते विकास प्राधिकरण से बैंकट हाॅल नक्शा पास नहीं कराते है और बैंकट हाल चलाते रहते हैं। एमडीए सचिव आदित्य प्रजापति से जब इस संबंध में बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन पर इतना ही कहा कि अवैध बैंकट पर कार्यवाही जारी है। ज्यादा जानकारी करनी है तो आॅफिस आना पड़ेगा। इतना कहकर फोन काट दिया गया।

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