संजीव सच्चे हैं तो जनता के बीच आकर साजिश का करें पर्दाफाशः हरेन्द्र मलिक
सपा महासचिव ने कहा-2019 में भारत रत्न चरण सिंह की पौत्र वधु चारू चौधरी पर लगाया गया था हमला कराने का आरोप, कई युवाओं का भविष्य हुआ बर्बाद
मुजफ्फरनगर। गांव मढ़करीमपुर हमला प्रकरण में सपा के राष्ट्रीय महासचिव और इंडिया गठबंधन से मुजफ्फरनगर संसदीय क्षेत्र के सपा प्रत्याशी पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। चुनाव अभी शुरू हुआ है, ऐसे में इस तरह के मामलों से माहौल खराब होगा। इस हमले को लेकर भाजपा प्रत्याशी के सुनियोजित षडयंत्र के आरोपों को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि गांव वाले कह रहे हैं कि प्रत्याशी के काफिले में लाठी-डंडे लेकर चल रहे युवाओं की फौज ने उन पर हमला किया है। हम चाहते हैं कि सरकार निष्पक्ष होकर इस प्रकरण की जांच कराये। संजीव बालियान के मामले में पांच साल में ये दूसरा मामला है, इससे पहले उन्होंने भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की पौत्र वधु पर लाठी-डंडे लेकर उनके काफिले पर हमला करने के आरोप लगाये थे, जिसमें कई निर्दोष युवाओं पर मुकदमा कराकर करियर तबाह किया गया, आज भी वो मुकदमे चल रहे हैं। जनता सभी कुछ याद रखती है। अगर संजीव बालियान को ये साजिश लगती है तो वो सार्वजनिक मंच से जनता के बीच उस षडयंत्रकारी का नाम लेकर बेनकाब करें, जनता खुद हिसाब कर देगी।
सपा प्रत्याशी हरेन्द्र मलिक ने मीडिया को दिये बयान में कहा कि हमले की जानकारी मिलने के बाद हम भी करीब दस बजे कुछ साथियों के साथ मढकरीमपुर जाने के लिए निकले थे, लेकिन रास्ते में पुलिस अफसरों ने माहौल नाजुक होने की बात कहते हुए उनको रोक लिया और गांव नहीं जाने दिया। हम कानून और संविधान का सम्मान करने वाले लोग हैं। हमने इस आग्रह को स्वीकार किया और वापस लौट आये। उन्होंने कहा कि हमले के दौरान की वीडियो सामने आ रही है। उसमें सभी कुछ स्पष्ट हो रहा है। गांव वालों का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान एक लंबे काफिले और भारी भीड़ के साथ गांव में पहुंचे थे। उनके साथ कुछ गाड़ियों में ऐसे युवा थे, जिनके हाथों में लाठी-डंडे भी थे। उन्होंने ग्रामीणों पर हमला किया है। वहीं भाजपा के लोग कह रहे हैं कि ग्रामीणों ने उन पर छतों से पत्थर और लाठी-डंडे बरसाये। पुलिस के अफसर दो तीन गाड़ी क्षतिग्रस्त होने की बात कह रहे हैं तो भाजपा प्रत्याशी 15 गाड़ियों के टूटने और दर्जनों युवाओं के जख्मी होने का आरोप लगा रहे हैं। इसमें तीसरी बात यह भी सामने आई है कि भाजपा से नाराज युवाओं ने अपना आक्रोश प्रकट किया है। अब यह जांच का विषय है कि कौन सही कह रहा है।
इस हमले को षडयंत्र बताये जाने के सवाल पर हरेन्द्र मलिक ने कहा कि संजीव बालियान यदि उस षडयंत्रकारी को जानते हैं तो वो जनता के बीच जाकर सीधे उसका नाम उजागर करें और उसको बेनकाब करने का काम किया जाये। जनता अपने वोट से फैसला कर देगी। उन्होंने कहा कि जनता सभी कुछ याद रखती है। वो भूलती नहीं है। विपक्ष पर आरोप लगाने से काम नहीं चलेगा। हम हिंसावादी लोग नहीं है, मेरे परिवार का यह 17वां चुनाव है, कभी हिंसा में विश्वास नहीं किया और न ही ऐसे हमले हुए। वो दस साल से सांसद हैं, जनता के लिए काम किया है, जिले को ऐतिहासिक विकास देने का दावा कर रहे हैं, तो इसके बावजूद भी उनका हर गांव और मौहल्ले में इतना भयंकर विरोध क्यों हो रहा है? हम अहिंसावादी और चरण सिंहवादी विचारधारा को मानने वाले लोग हैं। संजीव बालियान आज युवाओं को हमलावर बता रहे हैं।
पांच साल पहले 2019 के चुनाव में नूनाखेड़ा प्रकरण भी जनता को याद है, तब उन्होंने भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की पौत्र वधु जोकि अपने ससुर पूर्व मंत्री चौधरी अजित सिंह के चुनाव में प्रचार के लिए आई थी, इसी तरह रात को नूनाखेडा गांव के पास चारू चौधरी पर उनके काफिले पर हमला करने के आरोप लगाये थे। सभी जानते हैं कि क्या चारू चौधरी के हाथों में भी उस रात लाठी डंडे थे, जो उन्होंने संजीव बालियान के काफिले पर बरसाये थे। वो एक सम्मानित राजनीतिक परिवार का हिस्सा हैं और महिला होने के कारण सम्मानित हैं। उनको ऐसे हमलों में घसीटा गया। इसके बाद निर्दोष युवाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर उनका करियर तबाह किया गया। पूरे पांच साल बीत जाने पर आज तक भी युवाओं पर मुकदमे कायम हैं, जो संजीव बालियान की देन हैं, इसके लिए आक्रोश है। पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक ने कहा कि जिस गांव में संजीव बालियान का विरोध हुआ और हमला होने की बात कही जा रही है, वो गांव हमेशा ही भाजपा के साथ खड़ा रहा है, इसके लिए 2014 और 2019 के साथ ही दूसरे चुनावों की वोटिंग और परिणाम प्रत्यक्ष प्रमाण है, ऐसे समर्थक गांव में भाजपा के लोगों पर हमला होना कई सवाल खड़ा कर रहा है।