मेरठ में दिलचस्प पंचायत चुनाव, पति के सामने पत्नी, तो जेठानी के सामने उतरी देवरानी
उत्तर प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव में गांव गांव चुनावी मुकाबले की अनोखी तस्वीर सामने आ रही है। हाथरस में चुनाव मैदान में आमने सामने आई देवरानी और जेठानी की चर्चा अभी थमी भी नहीं थी कि मेरठ जनपद में तीसरे चरण के चुनाव के लिए शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया में पति के सामने ही पत्नी ने चुनावी दावेदारी पेश कर दी है।

मेरठ। उत्तर प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव में गांव गांव चुनावी मुकाबले की अनोखी तस्वीर सामने आ रही है। हाथरस में चुनाव मैदान में आमने सामने आई देवरानी और जेठानी की चर्चा अभी थमी भी नहीं थी कि मेरठ जनपद में तीसरे चरण के चुनाव के लिए शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया में पति के सामने ही पत्नी ने चुनावी दावेदारी पेश कर दी है। यहां भी एक गांव में देवरानी और जेठानी ने पर्चे दाखिल करते हुए अपनी अपनी दावेदारी जताई है। परिवारों के बीच ही चुनावी खींचतान ने पंचायत चुनाव को यहां पर दिलचस्प मोड पर लाने का काम कर दिया है। जिला पंचायत के चुनाव के लिए जब पति और पत्नी अपने साथ बच्चों को लेकर अलग अलग नामांकन करने के लिए पहुंचे तो सभी चैंक गये। एक ही सीट के लिए पति और पत्नी ने ताल ठौंकी है।
जिले में मंगलवार को पंचायत चुनाव 2021 के लिए नामांकन शुरू हो गया। खासतौर से महिला उम्मीदवारों में नामांकन को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिला। उत्साह इस कदर कि जिला पंचायत सदस्य पद के लिए पत्नी ही पति के सामने दावेदार बनकर खड़ी हो गई तो देवरानी भी कहां पीछे रहने वाली वो अपनी ही जेठानी के सामने खड़ी हो गईं।
70 साल की बुजुर्ग महिला पर जहां पंचायत चुनावों का खुमार नजर आया तो घूंघट में आकर कई महिलाओं ने नामांकन किया। वाकई में पंचायत चुनावों का रंग बड़ा गाढ़ा है। लोकतंत्र की खघ्ूबसूरती का नजारा इससे बेहतर क्या होगा कि जब पति- पत्नी दोनों एक ही वार्ड के लिए नामांकन करने पहुंचे। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए पति- पत्नी अपने बच्चे के साथ जब अलग-अलग नामांकन करने पहुंचे तो सभी बस देखते ही रह गया। पति का कहना है कि वो नेता बनेगा तो पत्नी का कहना है कि वो जनप्रतिनिधि बनकर जनता की सेवा करेगी। पति जीतेगा या पत्नी ये तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन आज की तारीख में दोनों एक दूसरे के आमने-सामने हैं। यही नहीं पति पत्नी के अलावा देवरानी- जेठानी भी एक दूसरे के सामने ताल ठोंकती नजर आईं। देवरानी जेठानी बाकायदा फूलों की माला पहनकर नामांकन करने पहुंची। देवरानी से जब पूछा गया कि उनका चुनाव में मुद्दा क्या है तो जवाब मिला जीत का। वहीं जेठानी से जब यही सवाल किया गया कि उनका मुद्दा क्या है तो भी बोलीं हमें बस जीतना है।
70 साल की बुजुर्ग महिला बीमार होते हुए भी नामांकन करने पहुंची। वहीं घूंघट में आ रही कई महिलाओं ने जनप्रतिनिधि बनने के लिए नामांकन किया। इसके अलावा कई सीट पर भाई- भाई भी आमने सामने हैं। यानी इतना तो तय है कि जब बात चुनाव की होती है तो वहां रिश्ते दूसरे पायदान पर पहुंच जाते हैं। इसलिए कह सकते हैं कि पंचायत चुनाव की इस बयार में आजकल घर- घर राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है।