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गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे जयंत, अखिलेश ने की राकेश टिकैत से बात

गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय नेता राकेश टिकैत का किसान आंदोलन के लिए भावनात्मक बयान काम कर गया है अब इस आंदोलन के लिए गैर भाजपाई दल एकजुट होते नजर आ रहे हैं रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने जहां राकेश टिकैत से मुलाकात की वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनसे बात कर पूरा समर्थन जताया है

गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे जयंत, अखिलेश ने की राकेश टिकैत से बात
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मुजफ्फरनगर। दिल्ली बवाल के बाद गाजीपुर बॉर्डर को खाली कराने के लिए शासन प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही के बाद किसान एकता मोर्चा के मंच पर गुरुवार की शाम भारतीय नेता चौधरी राकेश टिकैत द्वारा जिस प्रकार किसानों के लिए मर मिटने की दृढ़ता दिखाई गई उसका असर शुक्रवार की सुबह से ही गाजीपुर बॉर्डर से लेकर पूरे उत्तर भारत में किसानों के गुस्से के रूप में नजर आ रहा है।

इस आंदोलन ओ नया मोड़ देने वाले राकेश टिकैत के साथ आज पूरा विपक्ष लामबंद होता नजर आ रहा है। आज सवेरे राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपने समर्थकों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर किसानों के आंदोलन को समर्थन व्यक्त करने के साथ-साथ भाकियू नेता चौधरी राकेश टिकैत से मुलाकात की उन्होंने पूरा भरोसा दिया कि पार्टी इस आंदोलन में किसानों के साथ खड़ी है उन्होंने केंद्र सरकार और यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के द्वारा किसानों के खिलाफ अपनाई जा रही दमनकारी नीति का खुला विरोध करते हुए कहा कि किसानों को सम्मान देना सरकारों का काम है।

जयंत चौधरी ने जहां गाजीपुर बॉर्डर जाकर राकेश टिकैत से मुलाकात की वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनसे फोन पर वार्ता करते हुए पार्टी का समर्थन जताया है माना जा रहा है कि आज मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत में जयंत चौधरी भी शामिल हो सकते हैं इसके साथ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सहित अन्य दलों के बड़े नेता भी इस महापंचायत में आ सकते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज सवेरे ट्वीट करते हुए राकेश हटके से हुई बातचीत की जानकारी दी है उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि अभी राकेश टिकैत जी से बात करके उनके स्वास्थ्य का हाल जाना.भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह आरोपित व प्रताड़ित किया है, वो पूरा देश देख रहा है. आज तो भाजपा के समर्थक भी शर्म से सिर झुकाए और मुँह छिपाए फिर रहे हैं.आज देश की भावना और सहानुभूति किसानों के साथ है.

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