खुब्बापुर प्रकरणः पीड़ित छात्र की शारदेन स्कूल में शिक्षा शुरू
पहले दिन पिता के साथ बाइक पर सवार होकर 25 किलोमीटर दूर शहर के स्कूल पहुंचा छात्र दिखा खुश, परिवहन व्यवस्था नहीं होने पर अभी पिता रोजाना बाइक से पहुंचायेंगे स्कूल, रोज करना होगा 100 किलोमीटर का सफर
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मुजफ्फरनगर। खुब्बापुर गांव का पीड़ित छात्र सोमवार को पहले दिन स्कूल में पढ़ने के लिए पहुंचा। छात्र के पिता इरशाद अपने बेटे को गांव स्थित अपने घर से बाइक से आज सवेरे शारदेन स्कूल में छोड़ने आए। उन्होंने बच्चे को स्कूल में छोड़ा और इसकी जानकारी भी प्रधानाचार्या को दी तथा छुट्टी होने पर बाइक से ही अपने बच्चे को लेकर गांव जाने की बात कही। अभी बच्चे को गांव से स्कूल और स्कूल से उसके गांव तक छोड़ने के लिए किसी परिवहन साधन का प्रबंध नहीं हो पाया है। छात्र का शारदेन स्कूल में आयु वर्ग के अनुसार कक्षा दो में प्रवेश दिलाया गया था। इसमें अड़चन पैदा होने पर लखनऊ से वरिष्ठ अफसरों की टीम को यहां आना पड़ा और उनके आने के बाद ही विद्यालय में पीड़ित छात्र का प्रवेश हो सका था। अब आज उसकी पहले दिन की पढ़ाई शुरू हुई है। अपने बच्चे को शिक्षा दिलाने के लिए पिता को रोजाना करीब सौ किलोमीटर का सफर तय करना होगा। पहले दिन बड़े स्कूल में पहुंचकर पीड़ित छात्र भी खुश नजर आया।
मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव खुब्बापुर प्रकरण में अगस्त माह के आखिरी सप्ताह में गांव के नेहा पब्लिक स्कूल में अध्ययनरत अल्पसंख्यक छात्र को उसके सहपाठियों से शिक्षिका ने पांच का पहाड़ा याद नहीं होने पर पिटवाया था। धार्मिक आधार पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का भी आरोप लगा। मामले में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थी। बाद में आरोपी शिक्षिका तृप्ता त्यागी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा। पीड़ित छात्र के चचेरे भाई ने वीडियो बना लिया। वीडियो के वायरल होते ही प्रतिक्रियाएं आने लगीं और शिक्षिका की गिरफ्तार करने की मांग उठने लगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होनी तय की गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित छात्र की शिक्षा का बंदोबस्त करने के निर्देश राज्य सरकार को दिये थे, इसके लिए शासन के निर्देश पर बीएसए शुभम शुक्ला आरटीई के तहत बच्चे की शिक्षा का बंदोबस्त कराने में जुटे हुए थे, इसके लिए शारदेन स्कूल में प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया को शुरू किया गया था।
शुरूआती हंगामे और अड़चन के बाद शहर के शारदेन स्कूल में खुब्बापुर थप्पड़ कांड के पीड़ित छात्र का शनिवार को प्रवेश हो गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लखनऊ से डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह और परियोजना विशेषज्ञ गुरुविंदर सिंह ने मुजफ्फरनगर पहुंचकर छात्र को कक्षा दो में प्रवेश दिलाया था। इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी शाहपुर संजय भारती ने बाजार से छात्र को किताबें और ड्रैस दिलाई थीं। स्कूल ने बच्चे के आने जाने के लिए परिवहन व्यवस्था गांव तक नहीं होने की बात कही थी और बच्चे के पिता से परिवहन खर्च स्वयं उठाने के लिए शपथ पत्र भी लिया था। प्रवेश के बाद डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र सिंह ने छात्र के पिता इरशाद को कुछ दिन आने-जाने की व्यवस्था करने की बात कही थी, जिसके चलते सोमवार सुबह सात बजे इरशाद अपने बेटे को बाइक से लेकर शारदेन स्कूल में पहुंचे। उन्होंने बताया कि वह अब दोपहर को छुट्टी होने पर बेटे को लेने के लिए स्कूल में आएंगे। खुब्बापुर गांव के पीड़ित छात्र के पिता इरशाद का कहना है कि वह कुछ दिन तक बाइक से ही अपने बेटे के लिए स्कूल तक आना जाना करेंगे। उन्होंने बताया कि लखनऊ से पहुंचे अफसरों ने उनसे कुछ दिन तक अपने स्तर से ही व्यवस्था करने की बात कही थी। इसलिए वह अभी करीब एक सप्ताह तक बाइक से ही बेटे को स्कूल में छोड़ेंगे और लेकर जाएंगे। इसके बाद कोई नियमित परिवहन व्यवस्था करने के लिए वो अफसरों से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि उनको उम्मीद है कि अफसर उनको निराश नहीं करेंगे। उन्होंने अफसरों और विद्यालय का भी उनके बच्चे के हित में किये गये सहयोग के लिए आभार जताया है। बता दें कि शारदेन स्कूल से पीड़ित छात्र का घर करीब 25-30 किलोमीटर दूर है। ऐसे में विद्यालय की ओर से कोई परिवहन व्यवस्था भी नहीं है। बच्चे को रोजाना स्कूल लाने और ले जाने के लिए पिता को अभी कुछ परेशानी उठानी पड़ेगी, लेकिन यदि नियमित परिवहन व्यवस्था नहीं हुई तो इस परिवार को अपने बच्चे की पढ़ाई शारदेन स्कूल में कराने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।