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किसान लाॅकडाउन-मुजफ्फरनगर में हाईवे रहा जाम

संयुक्त किसान मोर्चा के ग्रामीण भारत बंद के आह्नान पर जिले में मंडी बंद, खेतों में हुई हड़ताल, भाकियू कार्यकर्ताओं ने जिले के नौ स्थानों पर सड़कों को घेरा, दूसरे संगठनों का भी मिला साथ, ट्रांसपोर्ट पर नहीं उठा माल

किसान लाॅकडाउन-मुजफ्फरनगर में हाईवे रहा जाम
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मुजफ्फरनगर। संयुक्त किसान मोर्चा और देश की ट्रेड यूनियनों के आह्नान पर विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन ने जनपद में ग्रामीण भारत बंद और किसान लाॅकडाउन के लिए सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन पूरी तरह से सफल नजर आया और किसानों के हाईवे सहित मुख्य मार्गों पर उतरने के कारण यातायात व्यवस्था चैपट हो गई, हालांकि किसानों ने चक्का जाम नहीं किया था, लेकिन हाईवे का एक हिस्सा किसानों के कब्जे में होने के कारण जाम की स्थिति बनी रही। इसके लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रहा और जगह जगह पुलिस फोर्स के साथ पुलिस एवं प्रशासनिक अफसर डटे नजर आये। किसानों के साथ इस हड़ताल में कई दूसरे संगठन भी खड़े नजर आये और मंडी पूरी तरह से बंद रही तो वहीं खेतों में हड़ताल नजर आई। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी भाकियू को समर्थन व्यक्त किया जिस कार ट्रांसपोर्ट पर आज माल नहीं उठाया गया। किसान नेता राकेश टिकैत खुद किसानों के बीच पहुंचे और भाजपा की सरकारों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन जारी रहने की बात कही।


केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र क्षेत्रीय महासंघ ने 16 फरवरी को देशव्यापी बंद का ऐलान किया था। उनकी इस औद्योगिक क्षेत्रीय हड़ताल में संयुक्त किसान मोर्चा ने भी समर्थन व्यक्त किया और इसे ग्रामीण भारत बंद या किसान लाॅकडाउन का नाम दिया गया। इसके साथ ही इसको सफल बनाने के लिए देश भर के औद्योगिक श्रमिकों के साथ साथ किसान-मजदूरों से समर्थन मांगा गया है। जिस कारण हड़ताल में ट्रांसपोर्टर और औद्योगिक इकाईयों ने भी संयुक्त किसान मोर्चा का साथ दिया। उत्तर प्रदेश और खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस ग्रामीण भारत बंद का पूरा प्रभावी असर दिखाई दिया। जनपद मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने किसानों के रैले के साथ सड़कों पर उतरकर ग्रामीण भारत बंद को सफल बनाने का काम किया। यहां पर यह आंदोलन प्रभावी तौर पर असरदार साबित हुआ। जनपद में सवेरे से ही इसका असर दिखने लगा और किसानों ने हाईवे के साथ ही मुख्य मार्गों पर ट्रैक्टर ट्रालियों और बुग्गियों के साथ उतकर चक्का जाम करना शुरू कर दिया। हालांकि सड़क जाम न करने के लिए एसकेएम ने दिशा निर्देश जारी कर दिये थे।


किसानों के विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर ग्रामीण भारत बंद के लिए भाकियू ने मुख्य तौर पर नौ स्थानों पर प्रदर्शन किया। शहरी क्षेत्र के साथ ही देहात क्षेत्र में यह प्रभावी रूप से असरदार रहा और देहात में आज किसान कम संख्या में खेतों पर गए। सुबह मंडी भी बंद रही। ट्रांसपोर्ट से गाड़ियों में माल नहीं लादा गया। भाकियू कार्यकर्ताओं ने जगह जगह प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिस कारण यातायात सुचारू कर पाना गंभीर चुनौती बनी रही। भाकियू जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने बताया कि ग्रामीण भारत बंद में किसानों का सहयोग मिला है। किसान सरकार के विरोध में काम बंद कर घरों पर ही रहे। इसके साथ ही मजदूरों ने भी फैक्ट्रियों से छुट्टी रखी और मंडी भी बंद रही। अनेक संगठनों ने इसका समर्थन किया। जनपद में ब्लाक खतौली में नावला कोठी, ब्लाक जानसठ में खतौली तिराहा, मोरना ब्लाक में भोपा पुल, चरथावल ब्लाक में नहर पर, पुरकाजी ब्लाक में फलौदा कट, शाहपुर में ब्लाक मुख्यालय पर, बुढ़ाना में बायवाला चैकी व फुगाना, सदर ब्लाक में बागोवाली चैराहा और बघरा ब्लाक में जागाहेड़ी टोल पर किसानों ने भाकियू नेताओं के साथ धरना प्रदर्शन किया।


भोपा क्षेत्र में नहर पुल पर सुबह ही कार्यकर्ता एकत्र होने शुरू हो गए थे। इसके अलावा खतौली, मंसूरपुर, जानसठ समेत अन्य क्षेत्र में बनाए गए प्वाइंट पर किसान हाईवे पर उतरे रहे। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन सहित कई संगठनों ने जिलेभर में 19 जगहों पर धरना देकर विरोध किया। रामपुर तिराहे के पास बागोवाली चैराहा पर जिलाध्यक्ष ने धरने की कमान संभाली, किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए यहां भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत भी पहुंचे। किसानों ने हल देकर उनका स्वागत किया। क्रातिसेना और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी भी यहां पहुंचे और किसानों के धरने में शामिल हुए। योगेश शर्मा ने बताया कि इस आंदोलन के दौरान सरकार से संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने, लखीमपुर खीरी के साजिशकर्ता को गिरफ्तार करने, 736 किसान परिवारों के लिए सिंधू बार्डर पर स्मारक बनाने, किसान परिवारों को मुआवजा व पुनर्वास के साथ ही एमएसपी गारंटी कानून पर किया वादा निभाने की मांग रखी गई है।


अब सिसौली पर सभी की निगाहें टिकी, शनिवार को होगी पंचायत

मुजफ्फरनगर। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्नान पर दिल्ली कूच आंदोलन और ग्रामीण भारत बंद के बाद अब देश के किसानों की निगाहें सिसौली की पंचायत पर टिक गयी हैं। दिल्ली कूच आंदोलन में पुलिस फोर्स के साथ टकराव के बावजूद भारतीय किसान यूनियन इसमें अभी शामिल नहीं हुई है। इसी को लेकर अब यूनियन ने सिसौली में 17 फरवरी को पंचायत बुलाई है।


भाकियू जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने बताया कि किसानों व भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को शीर्ष नेतृत्व की ओर से संदेश दे दिया गया है कि राष्ट्रीय कार्य समिति के निर्णयानुसार 17 फरवरी शनिवार को किसान भवन सिसौली में मासिक पंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के मौजूदा हालात व आंदोलन कर रहे किसानों पर हो रहे जुल्म को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा। इस मासिक पंचायत में उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा के भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। उनका कहना है कि इसी पंचायत में दिल्ली कूच आंदोलन को लेकर भी कोई बड़ा निर्णय किया जा सकता है।

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