MUZAFFARNAGAR-दिल्ली की कंपनी को चाबी नहीं दे रहे पालिका के चालक
कंपनी के एमडी ने ईओ प्रज्ञा सिंह से की शिकायत, कहा, तेल पूरा लेने के बाद भी हो रहा अधूरा काम

मुजफ्फरनगर। शहर में कूड़ा निस्तारण के लिए काम कर रही दिल्ली की कंपनी के साथ अभी पालिका का तालमेल नहीं बैठ पा रहा है। कंपनी को अनुबंध के अनुसार पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप भले ही संवदेनशील होकर संसाधन उपलब्ध करा रही हैं, लेकिन पालिका के ही कर्मचारी धींगामुश्ती से कंपनी को चूना लगाने के साथ ही अनावश्यक रूप से अडंगा पैदा करने में लगे हैं। पालिका द्वारा सौंपे गये वाहनों पर तैनात चालक कंपनी के साथ रोजमर्रा नया खेल करने में लगे हैं। ऐसे वालन चालकों की शिकायत कंपनी के एमडी ने ईओ प्रज्ञा सिंह से की है। शिकायत मिलने पर ईओ ने गंभीर रवैया अख्तियार कर चेतावनी जारी की तो व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है।
नगरपालिका परिषद् के द्वारा शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ ही कूड़ा डलाव घरों से प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण के लिए दिल्ली की कंपनी एमआईटूसी सिक्योरिटी एंड फैसिलिटीजी प्रा. लि. को 14 महीने के लिए करीब 13 करोड़ रुपये में ठेका दिया है। इसमें पालिका प्रतिमाह करीब 90 लाख रुपये का भुगतान कंपनी को करेगी। इसके साथ ही व्यवस्था बनाने के लिए पालिका ने कंपनी को 67 टिपर वाहन और 77 हाथ रेहडा उपलब्ध कराये। इसके बाद डलाव घरों से कूड़ा उठाने और कूड़े का उचित निस्तारण करने के लिए 25 बड़े वाहन भी दिये गये, लेकिन इतने संसाधन उपलब्ध कराने के बाद भी कंपनी को कार्य पटरी पर लाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
कंपनी के एमडी कमलजीत सिंह ने ईओ प्रज्ञा सिंह को शिकायत की है कि कूड़ा निस्तारण के लिए उनको वाहन तो उपलब्ध हो गये हैं, लेकिन उन पर पालिका के ही चालक अपना कब्जा जमाये हुए हैं। इनमें से वाहन चालक शोएब, विशाल, दीपक, राहुल, लाखन, भीमा, गोविन्द और छोटा ज्यादा परेशानी पैदा कर रहे हैं। ये वाहन चालक काॅम्पेक्टर और ट्रैक्टर ट्राली पर कार्यरत हैं। कमलजीत ने अपनी शिकायत में बताया कि यह लोग कंपनी से प्रतिदिन डीजल तो पूरा प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन काम पूरा नहीं किया जा रहा है। रूट पर जितने चक्कर रोजाना तय है, उससे कम चक्कर डाले जा रहे हैं और तेल लेने के बार रफूचक्कर हो जाते हैं। वो वाहन की चाबी भी कंपनी को नहीं सौंप रहे और वाहनों पर अपना ही कब्जा बनाये हुए हैं। कमलजीत के अनुसार अगर कंपनी अपने वाहन चालक वाहनों पर रखेगी तो उसका दबाव भी कर्मचारियों पर रहेगा। उन्होंने इन वाहनों से पालिका के चालकों को हटाने और वाहनों की चाबी कंपनी के सुपुर्द कराने की मांग की है।
ईओ ने बताया कि कंपनी के लोगों ने कुछ चालकों की शिकायत की है, इसके लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अतुल कुमार को व्यवस्था और समन्वय बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। डा. अतुल ने बताया कि कंपनी के पास वर्तमान में 72 छोटे वाहन हो गये हैं। इसके अलावा कंपनी को 25 बड़े वाहन दिये गये, जिनमें 7 काॅम्पेक्टर, 7 डम्फर, 4 जेसीबी, 3 बुल ट्रैक्टर, 4 छोटे ओर 4 बड़े ट्रैक्टर ट्राली शामिल हैं। पालिका ने 4 नये डम्फर खरीदने के लिए करार किया था, इनमें से दो प्राप्त हो गये हैं, ये भी कंपनी को दिये जा रहे हैं और आगामी दिनों में और वाहन दिये जायेंगे। चालकों का मसला भी सुलझा दिया गया है। आज से कार्य रूटीन में आ गया है।