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पालिका के बड़े बाबू ओमवीर सिंह फिर जाएंगे तहसील

पालिका के सभासदों के साथ राजनीति करना पड़ा भारी उप जिलाधिकारी सदर ने अधिशासी अधिकारी को पत्र लिखकर तहसील सदर के लिए रिलीव करने के दिए निर्देश।

पालिका के बड़े बाबू ओमवीर सिंह फिर जाएंगे तहसील
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मुजफ्फरनगर। नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर की सियासत में अचानक नया मोड़ आ जाने के कारण बड़ी हलचल मची दिखाई दे रही है। नगर पालिका में चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के द्वारा दिखाए गए विश्वास के विपरीत अपनी कार्यप्रणाली चलने को लेकर काफी दिनों से सभासदों के निशान पर आए पालिका के बड़े बाबू ओमवीर सिंह थे पालिका से हटकर एक बार फिर तहसील सदर जाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। पालिका के बड़े बाबू ओमवीर सिंह को लोकसभा चुनाव के लिए तैयार की जा रही मतदाता सूचियां के विशेष कार्य के लिए उप जिलाधिकारी सदर ने पालिका के अधिशासी अधिकारी से तहसील सदर के लिए कार्य मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है।

निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और उप जिलाधिकारी सदर ने अधिशासी अधिकारी। नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर को शासकीय पत्र लिखकर अवगत कराना है कि आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 की मतदाता सूची एवं निर्वाचन से सम्बन्धित अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य की महत्ता के दृष्टिगत ओमवीर सिंह कर लिपिक / कार्यवाहक कार्यालय अधीक्षक नगर पालिका को तहसील सदर से सम्बद्ध किया जाता है। अतः ओमवीर सिंह कर लिपिक / कार्यवाहक कार्यालय अधीक्षक नगर पालिका परिषद को अपने कार्यालय से अवमुक्त कर तहसील सदर से सम्बद्ध कराना सुनिश्चित करे।


एसडीएम सदर ने ई ओ हेमराज सिंह को याद दिलाया कि निर्वाचन कार्य अति महत्वपूर्ण एवं समयबद्ध है। ओमवीर सिंह को तुरंत सदर तहसील से संबंध कर दें। यह पत्र मिलते ही नगर पालिका में हड़कंप मच गया है गौरतलब है कि पालिका के अधिकांश विकास कार्यों में जानबूझकर अड़चन डालने के कारण ओमवीर सिंह से अधिकांश पालिका सभासद नाराज चल रहे हैं और उन पर कई संगीन आरोप भी लग चुके हैं, जिनकी जांच जारी है। अभी हाल ही में हुए एई प्रकरण में भी उनकी भूमिका को रेखांकित करते हुए ए ई ने चेयरमैन को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की थी। एई के खिलाफ पालिका के अधिकांश सभासदों ने चेयरपर्सन को शिकायत करते हुए विकास कार्यों में वित्तीय निमित्त भारत ने एवं एमडीए के द्वारा तैयार की गई दो सड़कों का टेंडर निकालने के आरोप लगाते हुए उनको पालिका से हटाने की मांग की थी जिसके बाद पालिका के एई निर्माण में अपना जवाब देते हुए सारा दोष कार्यालय अधीक्षक ओमवीर सिंह के सर लगा दिया था, तभी से यह माना जा रहा था कि पालिका में अब ओमवीर सिंह के दिन बचे कूचे ही रह गए हैं उनको यहां से स्थानांतरित करने की कार्रवाई की जा रही थी।

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