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MUZAFFARNAGAR-जेसीबी हादसे को लेकर श्रम विभाग में पालिका अफसर तलब

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कर ही कंपनी के चालक से हुए हादसे में गई थी मजदूर की जान

MUZAFFARNAGAR-जेसीबी हादसे को लेकर श्रम विभाग में पालिका अफसर तलब
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के साथ अनुबंध के आधार पर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और कूड़ा निस्तारण के लिए काम कर रही नई दिल्ली की एमआईटूसी सिक्योरिटी एंड फैसिलिटी प्रा. लि. के जेसीबी चालक से हुए हादसे में मारे गये मजदूर के प्रकरण में परिजनों द्वारा कंपनी और पालिका के खिलाफ दायर शिकायत पर श्रम विभाग के द्वारा मंगलवार को पालिका और कंपनी के अधिकारियों को तलब करते हुए आरोपों को लेकर साक्ष्य दर्ज किये गये। श्रम विभाग ने अब मृतक के परिजनों को भी सुनवाई के लिए तलब किया है। परिजनों ने कंपनी और पालिका से मुआवजा दिलाये जाने की मांग करते हुए अपनी शिकायत दर्ज कराई है।

बता दें कि फरवरी 2024 से एमआईटूसी सिक्योरिटी एंड फैसिलिटी प्रा. लि. ने नगरीय क्षेत्र के 55 वार्डों में काम करना प्रारम्भ किया है। 28 अपै्रल को कंपनी के चरथावल रोड पर बनाये गये कूड़ा ट्रांसफर सेंटर पर कूड़ा बीनने के दौरान जेसीबी चालक द्वारा एक मजदूर महराज को कुचल दिया गया था। इसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। मामले में परिजनों की तहरीर पर जेसीबी चालक के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही परिजनों ने कंपनी और पालिका के खिलाफ भी श्रम विभाग में शिकायत दायर करते हुए मृतक को मजदूर बताकर मुआवजा दिलाये जाने की मांग की।

मंगलवार को सहायक श्रमायुक्त आरके सिंह के समक्ष पालिका और कंपनी के लोग उपस्थित हुए तथा अपना पक्ष रखा। पालिका की ओर से स्वास्थ्य विभाग के लिपिक शोभित संगल और कंपनी की ओर से विपुल राठी ने साक्ष्य देते हुए मृतक से पालिका या कंपनी का कोई लेना देना नहीं बताया है। नगरपालिका के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अतुल कुमार ने बताया कि मृतक प्राइवेट तौर पर कूड़ा चुनने वाला मजदूर था, उसका पालिका से कोई भी संबध नहीं है। श्रम विभाग का नोटिस मिलने के बाद हमने कंपनी से उसके कर्मचारियों की सूची तलब की, जो पेश कर दी गई है। कंपनी ने दावा किया है कि शहरी क्षेत्र में उनके 314 कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिसमें महराज नामक कोई भी कर्मचारी नहीं है। एमआईटूसी के परियोजना प्रबंधक और जोन इंचार्ज पुष्पराज सिंह ने बताया कि पालिका ने उनसे जानकारी मांगी थी। वो दे दी गई है। मजदूर की मौत से कंपनी का कोई लेना देना नहीं है। श्रम विभाग से कंपनी को कोई नोटिस नहीं मिला है।

सहायक श्रमायुक्त आरके सिंह ने बताया कि जेसीबी की टक्कर से मारे गये मजदूर महराज के परिजनों ने अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए कंपनी और पालिका से मुआवजा दिलाने की मांग की है। इसी को लेकर मामले की सुनवाई के लिए कंपनी और पालिका अफसरों को नोटिस दिया था। आज दोनों पक्षों ने उपस्थित होकर मृतक को उनका मजदूर होने से इंकार करते हुए साक्ष्य उपलब्ध कराये हैं। आगामी दिनों में मृतक पक्ष के लोगों और शिकायतकर्ता को भी बुलाया है, उनकी सुनवाई के बाद ही निर्णय लिया जायेगा।

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