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MUZAFFARNAGAR-भाजपा की सरकार में मुस्लिमों का उत्पीड़न हुआः मायावती

2013 के दंगों को याद कर सपा पर लगाया भाईचारा तोड़ने का आरोप, बसपा प्रमुख ने कहा-कांग्रेस की तरह भाजपा को सत्ता से हटायेगी जनता

MUZAFFARNAGAR-भाजपा की सरकार में मुस्लिमों का उत्पीड़न हुआः मायावती
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मुजफ्फरनगर। सात साल के बाद चुनावी प्रचार को जिला मुख्यालय पर आई बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि जिस प्रकार जनविरोधी नीतियों के कारण कांग्रेस को जनता ने सत्ता से बाहर किया, उसी प्रकार गलत कार्यप्रणाली रखने वाली और पूंजीवादियों की हितैषी भाजपा को भी इस चुनाव में देश की जनता सत्ता से दूर करने जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में दलितों के साथ न्याय नहीं हो रहा है तो मुस्लिमों के खिलाफ धार्मिक आधार पर भेदभाव करते हुए उत्पीड़न और शोषण हो रहा है। हमारी सरकार में दंगा नहीं हुआ, लेकिन सपा की सत्ता में जाट और मुस्लिमों को लड़ाकर भाईचारे को तोड़ने का काम किया गया है। हमने सर्वसमाज को सम्मान दिया है। मुस्लिमों के हितों को लेकर टिकट वितरण में बड़े फैसले लिये हैं। सर्व समाज का वोटर बसपा के साथ खड़ा है। उन्होंने बाबा भीमराव अंबेडकर और कांशीराम के नाम पर भी दलित वर्ग को लुभाने का काम किया।


पडौसी राज्य उत्तराखंड के हरिद्वार में पार्टी के प्रत्याशी मौलाना जमील कासमी और पडौसी जनपद सहारनपुर में माजिद अली के समर्थन में रैली करने के बाद यहां जीआईसी मैदान पर मुजफ्फरनगर संसदीय सीट से पार्टी प्रत्याशी दारा सिंह प्रजापति और बिजनौर से प्रत्याशी विजेन्दर सिंह के समर्थन में प्रचार के लिए पहुंची और सबसे पहले मंच पर बाबा भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनको 133वीं जयंती पर नमन किया। बसपा प्रमुख मायावती ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि बसपा गरीबों, दलितों, मुस्लिमों और वंचितों के अधिकार के लिए उनके बलबूते ही अकेले अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरी है। हमारा कांग्रेस, भाजपा, सपा और अन्य इनके सहयोगी किसी भी दल से कोई समझौता नहीं है। अल्पसंख्यकों के सम्मान को लेकर हम मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। रैली में उमड़ी भीड़ इस बात की गवाह है कि बसपा इस चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने जा रही है। कांग्रेस के हाथों में ही ज्यादातर समय देश और अन्य प्रदेशों की सत्ता रही है। इस पार्टी के नेताओं की गलती नीतियों और गलत कार्यप्रणाली के कारण ही इस पार्टी को केन्द्र एवं राज्यों की सत्ता से बाहर होना पड़ा है। यही स्थिति इनकी सहयोगी पार्टियों की भी रही है। भाजपा को जनता से सत्ता सौंपी। देश और कई राज्यों में ये सत्ता में आये, लेकिन भाजपा के नेताओं ने भी सत्ता में आने के बाद जातिवादी, पूंजीवादी, सम्प्रदायवाद और द्वेषपूर्ण नीतियों के साथ ही कथनी-करनी में अंतर होने के कारण ही इस बार जनता भाजपा से विमुख हो रही है। 2024 में ये पार्टी केन्द्र की सत्ता में आसानी से नहीं आयेगी। भाजपा की सरकार आने के बाद से ही किसान परेशान हुए हैं।


यूपी में हमारी चार बार की सरकार में किसानों और मजदूरों के हितों का काफी ध्यान रखा गया है। बसपा की सरकार में जनता के हितों को प्राथमिकता देते हुए काम किया है। भाजपा ने गलत कृषि नीतियां लाकर किसानों को बर्बाद करने का काम किया है। छोटे एवं मध्यम वर्ग के व्यापारियों को भी शोषण झेलना पड़ रहा है। भाजपा की सरकार में देश को गरीबी, महंगाई और भ्रष्टाचार मिला है। देश की सीमाएं भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं। बसपा अध्यक्ष मायावती ने जनता का आह्नान कहा कि देश के भले के लिए कांग्रेस और भाजपा तथा इनकी सहयोगी पार्टियों को सत्ता में आने से रोकने के लिए वोट करना है। ये लोग साम, दाम, दण्ड और भेद की नीति अपनाकर केन्द्र की सत्ता हथियाना चाहती हैं। ये लोग मीडिया का दुरुपयोग कर अपने पक्ष में हवा बनाने का प्रयास कर रही हैं। इससे बसपा के कार्यकर्ता घबराये नहीं, अपना काम करते रहें। भाजपा और कांग्रेस से देश की अधिकांश जनता का विश्वास उठ चुका है।


बसपा कहती नहीं, कार्य करके दिखाती है, यही कारण है कि हम कभी भी चुनाव घोषणा पत्र जारी नहीं करती है। यूपी में चार बार हम सत्ता में आये और बिना चुनावी घोषणा पत्र के ही हमने जनता के लिए काम करके दिखाया है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि केन्द्र में सरकार बनाने का मौका मिला तो देश में सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की नीति पर काम होगा। बसपा की जीत से ही डाॅ. अम्बेडकर और काशीराम के अधूरे सपनों को पूरा किया जा सकता है। मायावती ने डा. भीमराव अम्बेडकर को उनकी जयन्ती पर करते हुए उनके अनुयायियों से कहा कि इनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमानी मूवमेन्ट के मिशनरी कारवां को मंजिल तक पहुंचाने के लिए वोट करने की अपील करते हुए कहा कि बाबा साहेब के अधूरे मिशन को पूरा करने के संकल्प को लेकर ही बसपा बनी है और यूपी में चार बार बनी सरकार के दौरान इस संकल्प को धरातल पर लाने के लिए काफी हद तक उतारा गया। वर्तमान लोकसभा चुनाव भी इसी लक्ष्य को लेकर पूरे तन, मन, धन से लड़ना है। पहले भी आपने सहारनपुर और बिजनौर सीट जिताई हैं, इस बार भी जिताने का काम करेंगे, हमें विश्वास हैं। मायावती ने फ्री राशन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुट्ठीभर अनाज देने से गरीबों का भला नहीं होगा, इसके लिए हर हाथ को काम देना होगा।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने के लिए करेंगे काम

मंच से मायावती ने चौधरी चरण सिंह को भी याद किया। उन्होंने कहा कि बसपा की सरकार बनी तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग स्टेट बनाने के लिए काम करेंगे। जब जब बसपा की सरकार बनी, किसानों की हर फसल का वाजिब दाम दिया गया। राशन देने से नहीं, बल्कि स्थाई रोजगार देने से ही गरीबों का भला होगा। धर्म की आड़ में हो रहे मुसलमानों के शोषण को रोका जाएगा। बसपा सरकार में निष्पक्ष तरीके से भर्ती हुई। जाट समाज के युवाओं को भी रोजगार मिला। भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है।

सात साल बाद जिले में आई मायावती, अंदाज नहीं बदला

मुजफ्फरनगर। सात साल के लम्बे अंतराल के बाद बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पार्टी के प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार में मुजफ्फरनगर आई, लेकिन मंच पर उनका अंदाज नहीं बदला। वो उसी पुराने अंदाज में नजर आई और मंचीय व्यवस्था भी बसपा के प्रोटोकाॅल के अनुसार ही दिखाई दी।मायावती ने लोकसभा चुनाव 2014 और इसके बाद विधानसभा चुनाव 2017 में मुजफ्फरनगर जनपद में आकर चुनावी रैलियों को ासम्बोधित किया था, लेकिन इसके बाद 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान मायावती यहां चुनाव प्रचार के लिए नहीं आई। इस बार हो रहे आम चुनाव में यूपी के साथ ही दूसरे प्रदेशों में भी बसपा अकेले अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरी है और मायावती तथा उनके भतीजे आकाश आनंद लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। जीआईसी मैदान पर बने मंच पर मायावती का अंदाज वही पुराना नजर आया। मंच पर सबसे आगे केवल मायावती के लिए एक सिंगल सोफा था और उसके पीछे प्रत्याशी तथा दूसरे वरिष्ठ नेताओं के लिए कुर्सियां थीं। दारा सिंह प्रजापति ने पार्टी नेताओं के साथ मायावती को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और फिर पीछे हो गये।

उत्तराखंड से यूपी तक जमकर उठाया मुस्लिमों के उत्पीड़न का मामला

मुजफ्फरनगर। बसपा प्रमुख मायावती अपने भाषण के दौरान सीधे तौर पर दलित-मुस्लिम समीकरण का कार्ड खेल गई। वो बातों ही बातों में मुस्लिमों के दिल को छूने में भी सफल नजर आई है। उन्होंने उत्तराखंड से यूपी तक मुस्लिमों के उत्पीड़न का मामला उठाया। हरिद्वार की रैली में उन्होंने हल्द्वानी प्रकरण को भी प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि हम मानते हैं कि सरकार ने सरकारी जमीन खाली कराई है, लेकिन मुस्लिमों के साथ भाजपा की सरकारें सौतेले रवैया अपना रही हैं। हल्द्वानी में जमीन खाली कराने से पहले वहां बसे मुस्लिमों को बसाने का काम सरकार को करना चाहिए थे। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर सम्प्रदाय और जातिवादी सोच के आधार पर काम करने के आरोप लगाते हुए कहा कि मुस्लिमों और दलितों का पूर्ण रूप से विकास और उत्थान रोकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने आरक्षण का मामला भी उठाया और भाजपा की सरकारों में नौकरियों में कोटा नहीं देने के आरोप लगाये हैं। उन्होंने मुस्लिमों की देख में हालत को लेकर सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इनकी हालत दयनीय है। धर्म की आड़ पर भाजपा सरकारों में मुस्लिमों पर जुल्म-ज्यादती बड़ी है।

बसपा प्रमुख बोलीं-चुनाव फेयर हुआ तो भाजपा सत्ता से बार होगी

मुजफ्फरनगर। बसपा प्रमुख ने अपने सम्बोधन में ईवीएम की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी नहीं हुई तो भाजपा के लिए यह चुनाव मुश्किल होने जा रहा है। ये चुनाव फ्री एंड फेयर व्यवस्था में हुआ तो भाजपा सत्ता से बाहर होगी। जनता को भाजपा के लोगों ने जुमलाबाजी कर हसीन सपने दिखाये हैं। जो वादे किये थे उनके अनुसार एक चैथाई काम भी नहीं किया है। इन्होंने अपने ज्यादातर समय और ताकत का प्रयोग अपने चहेते धन्नासेठों और पंूजीवादियों के हितों के लिए किया है। अपने धन्नासेठों को लाभ पहुंचाने के लिए भाजपा ने काम किया है। इलेक्ट्रोरल बाण्ड इस बात का साक्ष्य हैं। कांग्रेस की भांति ही भाजपा ने भी केन्द्र की ज्यादातर एजेंसियों का राजनीतिकरण किया है।

दारा का काफिला रोकने पर महावीर चौक पर हंगामा


मुजफ्फरनगर। बसपा प्रत्याशी दारा सिंह प्रजापति जब अपने समर्थकों के साथ गाड़ियों का काफिले लेकर जीआईसी मैदान जा रहे थे तो पुलिस अफसरों ने उनकी गाड़ियों को महावीर चौक पर ही रोक लिया और सुरक्षा नियमों का हवाला देते हुए उनके काफिले को आगे जाने नहीं दिया। इसको लेकर समर्थकों ने वहां पर हंगामा कर दिया। खुद दारा सिंह अपनी गाड़ी की छत को खोलकर बाहर निकले और अफसरों के साथ उनकी भी नोकझोंक होने लगी। काफी देर की गहमागहमी के बाद चार गाड़ियों के साथ दारा सिंह को रैली स्थल पर जाने की अनुमति मिली।

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