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MUZAFFARNAGAR-पालिका के पहले ही एजेंडे पर जिले भर में हलचल

1318 करोड़ के बजट को सही ठहरा रहे ईओ, चेयरपर्सन ने कराया संशोधन, नया बजट प्रस्ताव बनाने में जुटा लेखा विभाग, ईओ बोले-हम विकास की उम्मीदों वाला बजट लाये, चेयरपर्सन ने कहा-लेखा विभाग से बजट बनाने में हुई गंभीर त्रुटि।

MUZAFFARNAGAR-पालिका के पहले ही एजेंडे पर जिले भर में हलचल
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के सीमा विस्तार के बाद नई उम्मीदों को पंख लग रहा है। इच्छाओं के स्वप्निल सागर में गोते लगा रही पालिका के अफसरों को भी अब विकास का आसमान नजर आ रहा है। उम्मीदों के पंख पर सवार इन अफसरों ने चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के बोर्ड की पहली ही बैठक के लिए सपनों का एक ऐसा भ्रम जाल बुनकर रख दिया, जिसको लेकर आज पूरे जिले में हलचल है।

शुक्रवार सवेरे जब लोगों के हाथों में अखबार आये तो नगरपालिका परिषद् की अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप के बोर्ड की पहली बैठक की जानकारी उन तक पहुंची और इसके साथ ही सबसे चैंकाने वाली खबर जो उनको मिली, वो था मीनाक्षी स्वरूप के बोर्ड का पहला बजट। यानि 1318 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट लेकर वो आई, जोकि पिछले साल के बजट से करीब दस गुना ज्यादा बड़ा था। लोगों को इसमें कुछ अटपटा भी नहीं लगा, उनको ट्रिपल इंजन की सरकार से ऐसी ही विकाशील सोच की उम्मीद जो थी, लेकिन कहीं न कहीं बजट की यह फिगर (1318 करोड़) उनको बैचेन जरूर कर गई। यूपी की पालिका तो छोड़ एकाध निगम ही ऐसा होगा, जहां ऐसा बजट लाया जाता रहा हो, लेकिन लोगों को अखबारी बात पर यूं भी विश्वास होता चला गया कि पालिका में जिले के सबसे बड़े तीन गांवों के साथ ही कुल 11 गांव जो मिले हैं। मामला चला तो पालिका के अफसरों और टीम मीनाक्षी की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैये की पोल खुली, कहा गया कि बजट बनाते समय एक शून्य डिजिट ज्यादा लग गया। दुनिया को दशमलव देकर गणित का मूलमंत्र सिखाने वाले भारत में एक शून्य बढ़ा देने की जादूगिरी करने वाले अफसरों के कारनामे ने लोगों में पालिका के बजट को लेकर हलचल तो मचा ही दी, वहीं चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप की पहली बोर्ड बैठक से पहले ही फजीहत भी करा दी गयी।

नगरपालिका परिषद् में चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के बोर्ड की पहली बैठक का दिन 14 जून तय किया गया है। 06 जून को इसके लिए पालिका के अधिशासी अधिकारी हेमराज सिंह ने 25 प्रस्ताव वाला एजेंडा जारी कर दिया। इसमें बजट का विशेष प्रस्ताव भी शामिल हैं। पालिका के वित्तीय वर्ष 2023-24 बजट की बात करें तो पालिका प्रशासन ने 1318 करोड़ 70 लाख 10 हजार रुपये की अनुमाति आय का बजट प्रस्ताव तैयार कराया, जबकि इस वित्तीय वर्ष में पालिका प्रशासन के द्वारा 1217 करोड़ 05 लाख रुपये का अनुमानित व्यय तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव में पालिका प्रशासन ने अनुमान लगाया कि इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति मार्च 2024 तक पालिका के खजाने में 191 करोड़ 48 लाख 48 हजार 815 रुपये की धनराशि शेष रहेगी। अगर देखा जाये तो इस बार का बजट दस गुना बड़ा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में पालिका ने 137 करोड़ 60 लाख 10 हजार का अनुमाति आय बजट पेश किया था। इसमें 122 करोड़ 31 लाख 28 हजार रुपये की वास्तविक आय पालिका ने की थी। जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में पालिका प्रशासन ने करीब 82.39 करोड़ रुपये की आय अर्जित की थी। अब पालिका प्रशासन द्वारा 1318 करोड़ रुपये की अनुमानित आय का बजट लाया गया तो हलचल मचनी तय थी।

दरअसल, यह बजट प्रस्ताव पूरी तरह से स्वप्निल आधार पर बना दिया गया। या यूं कहें कि सीमा विस्तार को देखते हुए हवा हवाई बजट लाकर एक सनसनी फैलाने का काम किया गया। इसका कोई भी मजबूत आधार नहीं बनाया गया। केवल सरकार से विकास के लिए धनराशि आने की उम्मीद में इस प्रस्ताव को बनाकर लोगों को एक विकास के शिखर का सपना दिखाने का काम किया गया। इसको लेकर चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को भी भ्रमजाल में फंसाने में पालिका के अफसर और कुछ कर्मचारी कामयाब तो हो गये, लेकिन एजेंडा जारी होने के बाद अखबारों में छपी खबर पर जब हलचल मची तो चेयरपर्सन ने ही इन अफसरों और कर्मचारियों को हकीकत का आईना दिखाने का काम किया। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप की सख्ती का असर यह हुआ कि शुक्रवार को पालिका प्रशासन में भारी हलचल नजर आई। ईओ हेमराज सिंह ने बताया कि चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के आदेशों के अनुसार नया बजट प्रस्ताव बनाया जा रहा है। बजट में संशोधन का प्रस्ताव जल्द ही सभासदों को भिजवा दिया जायेगा। बजट में संशोधन होने के बावजूद भी ईओ यह मानने को तैयार नहीं है कि 1318 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव गलत था। उन्होंने पहले बयान दिया कि गलती से एक शून्य बढ़ गया, लेकिन जब बजट में पूरा प्लान ही 1318 करोड़ का तैयार करने का सवाल किया गया तो वो बगले झांकने लगे और फिर कहा कि हमने सरकार से पैसा आने की उम्मीद में इतना बड़ा बजट बना दिया है। सरकार से उनको उम्मीद है कि 12 अरब रूपये की राशि मिल सकती है। यानि की इस ऐतिहासिक बजट का पूरा पुलिंदा सपनों के आधार पर बांधकर खड़ा कर दिया गया। पालिका के कार्यलय अधीक्षक ओमवीर सिंह का भी यही कहना है कि बजट सही बनाया गया है। यह अनुमानित आय दिखाई गयी है। इसमें शासन से ज्यादा पैसा आने की उम्मीद जाहिर करते हुए विकास के लिए इतना बड़ा बजट बनाया गया है।

1318 करोड़ के बजट वाले प्रस्ताव से सभासदों की नींद उड़ी

मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद् की अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप की पहली बोर्ड बैठक में 1318 करोड़ रुपये स्वप्निल बजट को लेकर एजेंडा 06 जून की शाम को बोर्ड के सदस्यों के पास पहुंचा। इसमें सभासदों ने इतना बड़ा बजट देखा तो वो भी परेशान हो गये। कुछ पुराने सभासदों को तो यकीन ही नहीं आया कि यह बजट वास्तव में 1318 करोड़ रुपये का है, या नहीं, क्योंकि उन्होंने भी पालिका की कई कई योजनाओं में सभासदी की और ऐसा बजट नहीं देखा। इसको लेकर कुछ सभासदों की नींद ही उड़ी रही तो कुछ सभासद ऐसे भी रहे कि उन्होंने बड़े बजट से बड़ी ‘कमाई’ की उम्मीद भी लगा दी। एक सभासद ने बताया कि इस एजेंडे को लेकर आई खबर के बाद उसके पास उसके समर्थक और बड़ा ‘माल’ आने की खबर देते हुए अपना हिस्से भी तय करने लगे। वहीं 1318 करोड़ रुपये के बजट प्रस्ताव ने पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप को भी परेशान किया और उन्होंने इस बजट में संशोधन के आदेश जारी कर दिये। भाजपा नेता गौरव स्वरूप का कहना है कि बजट में त्रुटि हुई है। वहीं चेयरपर्सन को कहना है कि बजट में संशोधन कराया जा रहा है, जल्द ही सदस्यों को नया बजट प्रस्ताव पहुंचाया जायेगा। उनका कहना है कि प्रदेश की सरकार से हम ज्यादा मदद की उम्मीद रखते हैं, लेकिन बजट में कुछ ज्यादा ही वृ(ि कर दी गयी।

ऐसे बढ़ा दी गयी पालिका की आय

वित्तीय 2023-24 के लिए पालिका के नवनिर्वाचित बोर्ड की पहली बैठक में लाये जा रहे बजट को लेकर विवाद उठ रहा है, लेकिन मजेदार बात यह है कि इसको सब गलत तो बता रहे हैं, लेकिन कोई गलती मानने को तैयार नहीं है। पालिका प्रशासन ने ईओ हेमराज सिंह की देखरेख में तैयार किये बजट में उम्मीदों का पहाड़ खड़ा कर दिया। इसमें राज्य वित्त आयोग से सबसे बड़ी उम्मीद लगाई गई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 56.22 करोड़ रुपये आयोग से पालिका को मिले, इसके अगले साल 70 करोड़ का अनुमान था, लेकिन आयोग से 66.13 करोड़ रुपये की राशि मिली। 2023-24 के लिए इस मद में पालिका प्रशासन ने मुजफ्फरनगर शहर के विकास के लिए 1220 करोड़ रुपये की राशि मिलने का सपना देखा है। यही वो मुंगेरीलाल का हसीन सपना है, जिसके सहारे पालिका ने 14 जून को होने वाली बोर्ड बैठक के लिए दस गुना ज्यादा बड़ा बजट प्रस्ताव लाकर एजेंडा जारी कर दिया। इसके साथ ही आय के मद में पालिका प्रशासन ने 15वें वित्त आयोग से भी इस बार 40 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद लगाई, जबकि गत वर्ष 27.34 करोड़ रुपये मिले थे। सामूहिक विवाह योजना में 2021 में 33.66 लाख, 2022 में 29.66 लाख मिले और 2023 में 01 करोड़ की उम्मीद लगाई। स्वच्छ भारत मिशन योजना में इस साल पालिका ने 20 करोड़ रुपये आने का अनुमान लगाया, जबकि गत वर्ष 16.61 करोड़ रुपये मिले थे और 2021 में 2.25 करोड़ ही आये थे। अवस्थापना निधि में 2.24 करोड़ मिले थे, इस साल पालिका ने 3 करोड़ मिलने की उम्मीद जाहिर करते हुए यह हसीन बजट बनाया था।

यहां पर खर्च करने का बनाया प्लान

मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद् के 1318 करोड़ रुपये के हवा हवाई बजट को अब नई शक्ल देने का काम किया जा है, लेकिन इस बड़े बजट में आय के साथ ही 1217 करोड़ रुपये व्यय का प्लान भी पालिका प्रशासन ने सोच समझकर बनाया था। इसमें सीमा विस्तार को देखते हुए कई विभागों के खर्च में बड़ी वृ(ि की गई। गत वर्ष 7.74 करोड़ रुपये सड़क निर्माण में खर्च करने वाली पालिका ने इस साल इस मद में 700 करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान बनाया था। इसी प्रकार पथ प्रकाश के लिए 53.95 लाख खर्च करने वाली पालिका ने 10 करोड़ का व्यय करने की तैयारी की थी, जलकल में आउट सोर्स और वेतन मद में 3 करोड़ खर्च कर रही पालिका ने 100 करोड़ का व्यय तैयार किया। डीजल में 2.33 करोड़ का बजट 10 करोड़ तक पहंुचाया। एसबीएम में 13.70 करोड़ के खर्च को 20 करोड़ तक बढ़ाया, सफाई उपकरण और वाहन मरम्मत में 22.96 लाख खर्च करने वाले पालिका ने 100 करोड़ का अनुमान तय किया। भवन मरम्मत पर 8 लाख खर्च करने वाली पालिका ने 2023 के लिए इसमें 5 करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान लगाया। वाटिका और पार्कों के अनुरक्षण पर 51.17 लाख खर्च किये गये, लेकिन इस साल यह व्यय 1.40 करोड़ रुपये का तय किया गया। 10 करोड़ रूपये का बजट अन्य योजनाओं के लिए रखने का प्लान था, लेकिन अब बजट संशोधित हुआ तो सारा प्लान ही बदलना पड़ रहा है।

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