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मुजफ्फरनगर....पालिका के बंद गोदाम से गायब हो गया माल

पथ प्रकाश विभाग का स्कैप खरीदने वाला ठेकेदार का दावा-दस लाख की लगी चपत, पालिका कर्मियों पर उत्पीड़न का आरोप। सोमवार को डीएम और नगर मजिस्ट्रेट से मिलेगा पीड़ित ठेकेदार, कहा-माल न मिला तो परिवार सहित कर लूंगा आत्मदाह।

मुजफ्फरनगर....पालिका के बंद गोदाम से गायब हो गया माल
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में लंबी जद्दोजहद के बाद अक्टूबर माह में स्कैप की नीलामी कराने में पालिका के प्रशासक नगर मजिस्ट्रेट सफल तो हो गये, लेकिन अब इसी नीलामी में सामने आ रहे घोटाले के कारण कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। पालिका में चार विभागों में से दो विभागों के स्कैप की ही नीलामी हो पाई थी। इसमें बड़ी नीलामी पथ प्रकाश विभाग की थी। ठेकेदार ने ऊंची बोली बोलकर 16 लाख रुपये में यह नीलामी छुड़ाई थी, इसके बाद जीएसटी सहित पैसा पालिका कोष में जमा करा दिये जाने के बाद जब गोदाम का ताला खोला और माल उठने लगा तो पालिका के इस बंद गोदाम से ही लाखों का माल गायब मिला। जिस सूची के आधार पर ठेकेदार ने इस नफे का सौदा मानकार बड़ी बोली देकर माल छुड़वाया था, उसी सूची के अनुसार गोदाम से माल ठेकेदार को पूरा नहीं मिल। ठेकेदार का दावा है कि इस नीलामी में माल कम मिलने के कारण उसको करीब दस लाख रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसके लिए पालिका कर्मियों पर उसने गंभीर आरोप लगाये हैं। ईओ से शिकायत के बाद भी कुछ हरकत नहीं होने पर ठेकेदार ने अब सोमवार को डीएम और नगर मजिस्ट्रेट से मिलकर अपना दुखड़ा सुनाने की तैयारी है। ठेकेदार ने कहा कि वह इतना मानसिक और आर्थिक दबाव में है कि यदि माल पूरा नहीं मिला तो वह परिवार सहित आत्मदाह कर लेगा।


बता दें कि नगरपालिका परिषद् के कर, जलकल, पथ प्रकाश और स्वास्थ्य विभाग के स्कैप की नीलामी करीब 8 साल से नहीं हो पाई थी। इसके लिए चेयरपर्सन अंजु अग्रवाल ने लगातार प्रयास किये और 2020 में बोर्ड मीटिंग में भी नीलामी के लिए स्वीकृति हासिल की, लेकिन नीलामी टलती ही रही। बाद में डीएम के संज्ञान में मामला आया तो उन्होंने भी इसके लिए चेयरपर्सन द्वारा बनाये गये नोडल को हटाकर नया नोडल अधिकारी नामित किया और नीलामी कराने के निर्देश दिये थे। पिछले दिनों चेयरपर्सन के अधिकार सीज होने के बाद पालिका में प्रशासक के रूप में काबिज हुए नगर मजिस्ट्रेट अनूप कुमार ने स्क्रैप की नीलामी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया और शुरूआती झंझटों के बाद पालिका हॉल में 26 अक्टूबर 2022 को नीलामी कराई गयी। इसमें नोडल अधिकारी एई जलकल सुनील कुमार ने बताया कि पथ प्रकाश विभाग के निष्प्रयोज्य सामान की नीलामी 26 अक्टूबर को प्रशासक नगर मजिस्ट्रेट अनूप कुमार और ईओ हेमराज सिंह की मौजूदगी में पालिका सभागार में कराई गई, इसके लिए 22 ठेकेदारों ने प्रतिभाग किया था। पथ प्रकाश के स्क्रैप की सरकारी बोली 14 लाख 94 हजार 340 रुपये तय की गई थी। अंतिम बोली 16 लाख रुपये में डायमंड स्क्रैप ट्रेडर्स देवबंद के नाम छोड़ी गयी। इसके बाद प्रक्रिया पूर्ण कराते हुए ठेकेदार से पैसा जमा कराने के बाद पथ प्रकाश विभाग के कर्मचारियों ने गोदाम का ताला खोलकर ठेकेदार को माल उठवाना शुरू कर दिया।

गोदाम खुला तो पथ प्रकाश विभाग के स्क्रैप की बंदरबांट का मामला भी खुलता चला गया। ठेकेदार फर्म के मालिक शाहबान पुत्र मौहम्मद तैयब निवासी मौहल्ला किला देवबंद ने आरोप लगाये कि नीलामी के लिए ठेकेदारों को पथ प्रकाश विभाग के लिपिक गोपीचंद वर्मा और राजीव वर्मा ने सामग्री की जो सूची दिखाई थी, उसके अनुसार माल ही नहीं निकला है। इसके लिए ईओ हेमराज सिंह को की गयी शिकायत में भी ठेकेदार ने आरोप लगाया किय उसको सूची में 85 डिवाईडर पोल बताये गये, जबकि गोदाम से उसको 58 पोल ही प्राप्त कराये गये, जिसकी रिसीविंग पथ प्रकाश विभाग के कर्मचारी ने मौके पर दी है। इसके साथ ही हाईमास्क लाइटों की 2900 कॉपर चौक सूची में दर्ज हैं, जबकि गोदाम खुलने पर मौके पर बामुश्किल 500-600 चौक ही पड़ी मिली, जिनको ठेकेदार ने नहीं उठाया है। ठेकेदार शाहबान का कहना है कि इस मामले में जांच होनी आवश्यक है। उसको इस ठेके में माल कम मिलने के कारण करीब दस लाख रुपये का चपत लगा है। इसके लिए वह लगातार कर्मचारियों से मिलकर अपनी बात रखते हुए माल पूरा कराने के लिए कह रहा है, लेकिन उसको धमकाया जा रहा है। ठेकेदार ने कहा कि ईओ से शिकायत के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया है, अब वह सोमवार को डीएम और नगर मजिस्ट्रेट से मिलकर मामला उठायेगा, चेतावनी दी कि यदि पूरा माल नहीं मिला तो वह अपने बीवी और बच्चों समेत पालिका में पहुंचकर आत्मदाह कर लेगा। उसका आरोप है कि उसको 16 लाख की इस नीलामी में यह माल करीब 20 लाख रुपये का पड़ा है। 16 लाख रुपये पर उसने 2.88 लाख जीएसटी का भुगतान किया है और इसके साथ ही उससे अलग से ऑफिस खर्च के नाम पर भी लाखों रुपये वसूल किये गये हैं।

ठेकेदार के आरोप गलत, पूरा माल उठवाया है

पथ प्रकाश विभाग के लिपिक गोपीचंद वर्मा का कहना है कि ठेकेदार द्वारा की गयी शिकायत गलत और बेबुनियाद है। पहले उसने पूरा माल उठा लिया है और अब वह गलत आरोप लगा है। उसके साथ न तो अभद्रता की गयी है और न ही ऑफिस खर्च पर पैसा लिया गया है। नीलामी का पूरा पैसा आरटीजीएस कराया गया है। सूची के अनुसार ठेकेदार को पूरा माल दिया गया है।

सभासदों ने की थी गड़बड़ी की शिकायत, ठेकेदार ने डाला ताला

मुजफ्फरनगर पालिका में स्क्रैप की नीलामी को लेकर सभासदों ने आवाज उठाकर जांच की मांग डीएम से की थी, लेकिन जांच नहीं हो पाई। अब यह मामला खुलने लगा है। ठेकेदार ने पालिका के गोदाम में अपना ताला लगा दिया है। वर्तमान में गोदाम के गेट पर तीन तीन ताले लटके नजर आते हैं। वार्ड 39 के कंाग्रेस सभासद मौहम्मद सलीम ने नीलामी शुरू होने से पहले ही डीएम से शिकायत करते हुए इसमें गड़बड़ी की शिकायत करते हुए जांच कराने की मांग की थी। सभासद सलीम ने स्पष्ट कहा था कि पालिका के गोदाम में माल को बेचा गया है। पथ प्रकाश विभाग में पुरानी लाइटों का सामान ही गायब कर दिया गया है। उसी प्रकार नीलामी के बाद वार्ड 13 के सभासद अरविन्द धनगर ने भी डीएम से शिकायत कर जांच की मांग की थी, लेकिन सभासदों की बातों को अनसुना करते हुए जांच नहीं कराई गई और वर्तमान में स्क्रैप खरीदने वाले ठेकेदार के आरोपों ने सभासदों की शिकायत को सही साबित करने का काम किया है। ठेकेदार शाहबान ने बताया कि उसके माल न उठाने पर कर्मचारी उसको धमका रहे हैं। गोदाम में उनका ही ताला था, लेकिन अब उसने अपना ताला भी लगा दिया है। मौके पर अब गोदाम के गेट पर तीन तीन ताले लटके हुए नजर आते हैं।

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