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गेहूं खरीद में मुजफ्फरनगर पिछड़ा, शामली-सहारनपुर आगे

समीक्षा के दौरान आंकड़े देखकर नाराज हुए एडीएम वित्त, नवीन मंडी से दो क्रय केंद्र हटाये

गेहूं खरीद में मुजफ्फरनगर पिछड़ा, शामली-सहारनपुर आगे
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मुजफ्फरनगर। प्रदेश में गेहूं की खरीद के लिए भले ही सरकार और शासन बेहद गंभीर रुख अपनाये हुए हो, लेकिन जनपदों में हाल-बेहाल है। गेहूं खरीद की समीक्षा में गेहूं क्रय केन्द्रों पर हो रही खरीद व्यवस्था की भी पोल खुल रही है। कई केन्द्र ऐसे भी हैं, जो शून्य खरीद के लिए दंडित होने की कगार पर पहुंच चुके हैं, लापरवाही बरतने पर कर्मचारियों पर भी गाज की तलवार लटक रही है। मुजफ्फरनगर में अभी तक लक्ष्य के सापेक्ष गेहूं की 15 फीसदी खरीद भी नहीं हो पाई है, जबकि मंडल के दूसरे जनपदों शामली और सहारनपुर में इससे कहीं ज्यादा गेहूं खरीदा जा चुका है। इसको लेकर एडीएम वित्त एवं राजस्व ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यवाही के आदेश दिये तो वहीं नवीन मंडी स्थल से दो क्रय केन्द्र हटाने के लिए भी कहा गया है।

जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में गेहूं खरीद की व्यवस्था को परखने के लिए एडीएम वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र सिंह द्वारा बुधवार को समीक्षा की गई। इसमें मंडल के दूसरे जनपदों के मुकाबले खरीद में मुजफ्फरनगर जनपद के पिछड़ने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए चेतावनी दी गई है। समीक्षा के दौरान 29 अपै्रल तक जनपद में हुई गेहूं खरीद के आंकड़े लिए गये। इसमें पाया गया कि खाद्य विभाग द्वारा 1359.00 मी0टन (36.93प्रतिशत), पी0सी0एफ0 द्वारा 1108.64 मी0टन (10.11प्रतिशत ), पी0सी0यू0 द्वारा 968.40 मी0टन ( 13.16प्रतिशत), भा0खा0नि0 द्वारा 147.90 मी0टन (5.03प्रतिशत), कृषि उत्पादन मण्डी समिति द्वारा 110.20 मी0टन (19.96प्रतिशत) गेहूं क्रय किया गया। जनपद मुजफ्फरनगर में लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 14.49 प्रतिशत गेहूं क्रय किया जा सका है, जबकि सम्भाग के 02 अन्य जनपदों सहारनपुर एवं शामली में लक्ष्य के सापेक्ष सहारनपुर में 28.16 प्रतिशत तथा शामली में 29.27 प्रतिशत गेहूँ क्रय किया गया। जनपद मुजफ्फरनगर में लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 14.49 प्रतिशत गेहूं क्रय किये जाने पर एडीएम वित्त खफा नजर आये।

उन्होंने दैनिक रूप से अत्यधिक कम खरीद करने वाले अथवा शून्य खरीद करने वाले केन्द्र प्रभारियों के साथ निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष अत्यधिक कम खरीद करने वाले केन्द्र प्रभारियों के विरूद्ध भी कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। उनके द्वारा किसानों से व्यक्तिगत सम्पर्क कर उनहे स्थायी क्रय केन्द्रों/मोबाईल क्रय केन्द्रों पर गेहूँ विक्रय करने हेतु प्रेरित/प्रत्साहित किया गया, साथ ही साथ कृषि उत्पादन मण्डी समिति को यह निर्देशित किया गया कि वे निरन्तर प्रवर्तन कार्य करते रहे तथा गेहूँ के अवैध संचरण का प्रकरण संज्ञान में आने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार दंण्तामक कार्यवही करें। उन्होंने वर्तमान में नवीन मण्डी के प्लेटफार्म पर गेहूँ क्रय केन्द्रों में से 02 केन्द्रों को किसी अन्य प्लेटफार्म पर स्थानान्तरित किये जाने के अतिरिक्त समस्त जनपदीय अधिकारियों को गेहूँ क्रय की क्रय केन्द्रवार समीक्षा किये जाने के निर्देश दिये गये तथा गेहूँ क्रय में रूचि न लेने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने पर जोर दिया गया। उनके द्वारा यह भी निर्देश दिये गये की गेहूँ विक्रय करने वाले प्रत्येक किसान को 48 घंटों के भीतर भुगतान करा दिया जाए, किसानों को गेहूँ विक्रय करने में कोई असुविधा न हो।

2024 में हुई थी 16.5 फीसदी खरीद

मुजफ्फरनगर जनपद में पिछले वर्ष 2024 में शासन ने छह लाख मी.टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन इसके सापेक्ष खाद्य एवं विपणन विभाग महज 16.5 फीसदी ही गेहूं खरीद कर सका था। खाद्य एवं विपणन अधिकारी प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गत वर्ष शासन द्वारा छह लाख क्विंटल गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया गया था, जिसके विपरीत मात्र 99 हजार क्विंटल गेहूं की ही खरीद हो पाई थी। इसके पीछे शासन द्वारा घोषित किया गया मूल्य 2,275 रुपये प्रति क्विंटल प्रमुख वजह बना था, क्योंकि खुले मार्केट में गेहूं करीब तीन हजार प्रति क्विंटल बिक रहा था।

2025 में लक्ष्य आधा, चुनौतियां ज्यादा

मुजफ्फरनगर जनपद में गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित करते हुए सरकार ने इस बार 2024 के मुकाबले लक्ष्य आधा करते हुए तीन लाख कुंतल गेहूं खरीद के निर्देश दिए हैं। लक्ष्य पूरा करने के लिए शासन ने खाद्य एवं विपणन विभाग को 52 क्रय केंद्रों के साथ ही गांवों में घर-घर जाकर किसानों से गेहूं खरीदने के भी निर्देश दिए हैं। शासन द्वारा चालू वित्त वर्ष में गेहूं खरीद के लिए सरकारी मूल्य में 150 रुपये प्रति कुंतल की वृद्धि करते हुए गेहूं के दाम 2,425 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया है। गांवों में घर-घर जाकर किसानों से गेहूं खरीदने के लिए काम किया जा रहा है, लेकिन बाजारी भाव चुनौती बने हैं।

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