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मुजफ्फरनगर---हाड़ कंपाती ठंड में बारिश का तड़का

कोहरे और शीतलहर से नहीं मिली राहत, गुरूवार को तेज सर्द हवाओं ने ठिठुराया, सबसे ठंडी रही सुबह, सवेरे शहर से लेकर गांव तक कई इलाकों में बूंदाबांदी से मौसम ने ली नई करवट

मुजफ्फरनगर---हाड़ कंपाती ठंड में बारिश का तड़का
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मुजफ्फरनगर। मांस को चीरकर बदन के हाड़ तक को ठिठुरन का अहसास कराकर कंपा देने वाली ठण्ड के इस दौरान गुरूवार की सुबह ने जनजीवन को झकझोकर कर रख दिया। कोहरे और शीतलहर के बीच सर्द हवाओं की एंट्री से लोगों को कड़ाके की सर्दी की मार तो झेलनी ही पड़ रही है, ऐसे में गुरूवार को बारिश ने इस ठण्ड में और तड़का लगाने का काम किया। हालांकि शहर से लेकर गांव देहात तक बूंदाबांदी ने मौसम को तो नई करवट दी, लेकर बारिश केवल फुहार तक ही सीमित रही। इसके बावजूद भी लोगों को तेज रफ्तार शीतलहर के प्रभावी होने के कारण गरम कपड़ों में लिपटने के साथ ही घरों में भी दुबकना पड़ा। वहीं दिन में भी बाजारों में तैनात पुलिस कर्मी और मार्किट के दुकानदारों को अलाव के सहारे ठण्ड से लड़ते हुए देखा गया।


प्राप्त समाचार के अनुसार लगातार पड़ रही कड़ाके की ठण्ड के बीच बीते एक सप्ताह के भीतर गुरुवार को सबसे ठंडी सुबह दर्ज की गई। सुबह का तापमान बुधवार के मुकाबले 1.2 डिग्री नीचे गिरकर 5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। बुधवार को सुबह का न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री दर्ज किया गया। गुरुवार को सवेरे कोहरे की घनी चादर में शहर की सुबह ने अंगडाई ली, लेकिन इस बीच तेज चलती सर्द हवाओं के सहारे बढ़ी ठंड ने लोगों की कपकंपी बढ़ा दी। कोहरा होने के चलते सूरज बादलों के पीछे छिपा रहा।आद्रता भी 97 प्रतिशत पर पहुंच गई। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार गत गुरुवार से आज तक का तापमान लिया जाए तो सुबह के समय आज का दिन सबसे ठंडा रहा। गुरुवार सुबह का तापमान 5 डिग्री पर पहुंच गया।


गुरु गोविंद सिंह की जयंती होने के कारण स्कूलों में तो छुट्टी होने से बच्चों को राहत मिली, वहीं सरकारी कार्यालयों में भी गजेटिड अवकाश होने के कारण काफी लोगों ने अपना दिन घर में ही रहकर बिताया। पिछले 7 दिनों के दौरान यदि सुबह का तापमान देखा जाए तो गुरुवार को यह अपने न्यूनतम स्तर पर रहा। 23 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 8.1 रहा था, जबकि 24 दिसंबर को 8.2 और 25 को 7.7 डिग्री दर्ज किया गया। 26 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 6.4 और 27 दिसंबर को 7 डिग्री तथा 28 दिसंबर को 6.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तापमान में लगातार गिरावट आने और पाला पड़ने से गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका पैदा हो गई है। गन्ना शोध संस्थान के संयुक्त निदेशक डा. वीरेश सिंह किसानों को गन्ने की फसल को पाले के प्रकोप से बचाने के लिए लगातार पानी देने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा मौसम गेहूं की फसल के लिए काफी लाभदायक है, लेकिन गन्ना किसानों को यह मौसम आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में फसलों की देखरेख करने की आवश्यकता है।


बता दें कि इससे पहले करीब 5 दिन के बाद सुबह के समय सूरज के दर्शन होने के कारण बुधवार को लोगों को सर्दी से राहत मिली थी। धूप निकलने के कारण ही बुधवार सुबह न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस रहा। सोमवार को जिले का अधिकतम तापमान 17.4 था जो मंगलवार को घटकर 16.7 डिग्री सेल्सियस पर चला गया। इसके बाद अधिकतम तापमान 11 डिग्री तक भी पहुंच गया था। वहीं न्यूनतम तापमान 4 डिग्री भी रहा है। आगामी दिनों में भी ठण्ड अपना गुलाबी असर दिखा सकती है। नये साल पर बेहद ठण्डा दिन होने के साथ ही बारिश की भी संभावना जताई गई है।

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