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Muzaffarnagar....मसूरी से वापस लौटते समय हुआ हादसा, दो युवकों की मौत

भैंसी कट के ऊपर पुल पर अज्ञात वाहर ने स्विफ्ट डिजायर कार में मारी टक्कर, एक की हालत गंभीर, मेरठ में पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलाता है मृतक का परिवार, खराब हुई गाड़ी को ठीक कराने गये थे।

Muzaffarnagar....मसूरी से वापस लौटते समय हुआ हादसा, दो युवकों की मौत
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मृतक सत्येन्द्र का फाइल फोटो

मुजफ्फरनगर। देहरादून में अपनी ट्रांसपोर्ट की गाड़ी खराब होने के कारण उसको ठीक कराने के लिए अपने साथ दो मैकेनिक को लेकर निकला मेरठ का सतेन्द्र हादसे का शिकार हो गया। उसके साथ इस हादसे में परिवार से करीब तीन दशक से जुड़े मैकेनिक की भी मौत हो गयी, जबकि तीसरे व्यक्ति की हालत भी गंभीर बताई जा रही है। हादसे में दो लोगों की मौत हो जाने के कारण परिवारों में कोहराम मचा नजर आया। यह हादसा रविवार को अलसुबह एनएच-58 पर भैंसी कट के समीप पुल पर हुआ। हादसे में स्विफ्ट कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर मलबे में बदल गई। कार में से घायलों को भी बामुश्किल बाहर निकाला गया था। इसमें दो युवकों की मौके पर ही मौत बताई जा रही है।

प्राप्त समाचार के अनुसार रविवार को सवेरे खतौली थाना क्षेत्र के अन्तर्गत भैंसी कट के पास दिल्ली देहरादून हाईवे-58 पर पुल के ऊपर स्विफ्ट कार सवार युवक हादसे का शिकार हो गये। मेरठ के थाना नौचंदी क्षेत्र के शास्त्रीनगर निवासी सत्येंद्र यादव पुत्र सरदार सिंह, वाहन मैकेनिक लिसाडी गेट, मेरठ निवासी दिलशाद पुत्र अब्दुल वाहिद और मैकेनिक तालिब खान पुत्र मौहम्मद खान के साथ अपनी स्विफ्ट डिजायर कार संख्या यूपी 17एल 9090 में सवार होकर देहरादून के मसूरी से वापस मेरठ अपने घर लौट रहे थे। इसी बीच उनकी कार का हाईवे पर एक्सीडेंट हो गया। इस सम्बंध में मृतक सत्येंद्र यादव के भाई योगेंद्र यादव ने खतौली थाने में तहरीर देते हुए अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

इसमें योगेन्द्र यादव ने पुलिस को बताया कि उसका छोटा भाई सत्येन्द्र यादव अपनी स्विफ्ट कार से दो मैकेनिक के साथ बीती रात वापस मेरठ लौट रहा था। जब कार रविवार तड़के करीब 4 बजे एनएच 58 पर भैंसी कट के समीप पुल पर पहुंची तो विपरीत दिशा से आ रहे अज्ञात वाहन ने उसमें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी घातक थी कि कार चला रहे उनके भाई सत्येंद्र यादव को गंभीर चोट आई। हादसे के बाद पुलिस को सूचनी दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार में फंसे तीनों घायलों को सीएचसी खतौली पहुंचाया। योगेंद्र यादव ने बताया कि अस्पताल में उनके छोटे भाई सत्येंद्र यादव और मैकेनिक दिलशाद को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया गया, जबकि गंभीर हालत में मोटर मैकेनिक तालिब को पल्लवपुरम स्थित फ्यूचर हाॅस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां पर उसका उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने दोनों शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। थाना खतौली प्रभारी निरीक्षक संजीव सिंह ने बताया कि भैंसी कट के ऊपर पुल से गजुरते समय स्विफ्ट कार हादसे का शिकार हो गई। कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने के कारण इसमें सवार तीन में से दो लोगों की मौके पर ही मौत हुई है। मृतक सत्येंद्र के बड़े भाई योगेन्द्र यादव की तहरीर पर अज्ञात चालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 279, 337, 338 और 304ए के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वाहन चालक की तलाश की जा रही है। मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया।

योगेन्द्र नहीं भूल रहा भाई से चंद मिनट पहले की वो आखिरी मुलाकात

मेरठ के शास्त्रीनगर निवासी योगेन्द्र यादव को अपने छोटे भाई के यूं अचानक चले जाने पर मानो विश्वास ही नहीं हो पा रहा है। हादसे से चंद मिनट पहले ही योगेन्द्र अपने भाई सत्येंन्द्र और उसके साथ कार में सवार दोनों मोटर मैकेनिक से मिले थे। वो उनके पीछे पीछे कार में ही मेरठ लौट रहे थे, लेकिन आगे उनको सत्येन्द्र लहुलुहान अवस्था में पुल पर क्षतिग्रस्त गाड़ी में मिला।


योगेन्द्र यादव ने बताया कि वो चार भाई, जिसमें वो सबसे बड़े और हादसे का शिकार हुआ सत्येन्द्र सबसे छोटा है। सभी की शादी हो रही है। योगेन्द्र और सत्येन्द्र दोनों मेरठ में गजानन पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलाते हैं। कई गाड़ियां अपने घर की बना रखी हैं। योगेन्द्र के अनुसार 10 फरवरी को उनकी एक बड़ी गाड़ी ट्रांसपोर्ट के लिए देहरादून के मसूरी में गई थी। वहां पर गाड़ी खराब होने की सूचना फोन पर ड्राईवर ने दी तो उसको वहीं मैकेनिक को दिखाने के लिए कहा गया, लेकिन गाड़ी ठीक नहीं हो पाई। 11 फरवरी को उन्होंने अपने छोटे भाई सत्येन्द्र को परिवार से करीब 30 वर्षों से जुड़े मोटर मैकेनिक दिलशाद को ले जाने के लिए कहा था। दिलशाद ने अपने साथ दूसरे मैकेनिक तालिब को भी ले लिया था। ये तीनों स्विफ्ट कार से वहां पहुंचे और गाड़ी को ठीक कराने के बाद काम खत्म कर शनिवार देर रात वापस मेरठ लौट रहे थे। योगेन्द्र ने बताया कि वो भी एक शादी समारोह में शिरकत करने के लिए सहारनपुर गये हुए थे, वो भी लौट रहे थे तो सत्येन्द्र से मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर मुलाकात हुई। यहां पर सभी ने कुछ देर रुककर बात की और फिर अलग अलग गाड़ियों से मेरठ की ओर चल दिये। योगेन्द्र ने बताया कि सत्येन्द्र करीब पांच-छह मिनट की दूरी पर आगे निकल गया। वो पीछे आ रहे थे, जब वो भैंसी पुल पर पहुंचे तो उनको अपनी गाड़ी का क्षतिग्रस्त मिली। देखा तो तीनों बुरी तरह घायल थे। योगेन्द्र ने कहा कि उनको नहीं पता था कि इस मुलाकात के बाद उनका भाई उनसे कभी बात नहीं कर पायेगा। योगेन्द्र का रो रोकर बुरा हाल हो रहा था। उन्होंने बताया कि सत्येन्द्र का एक आठ साल का बेटा है।

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