नाबार्ड के 44वें स्थापना दिवस पर छपार में गूंजा ‘एक पेड़ माँ के नाम’ का नारा
-वित्तीय साक्षरता और हरित क्रान्ति की ओर एक कदमः ग्रामीण आजीविका सशक्तिकरण पर नाबार्ड ने दोहराई प्रतिबद्धता
मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने मुजफ्फरनगर के पुरकाजी ब्लॉक स्थित बी-पेक्स छपार में अपना 44वां स्थापना दिवस समारोह गरिमामय तरीके से आयोजित किया। इस अवसर पर सहकारी क्षेत्र को सशक्त बनाने, ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहलों पर चर्चा करने के साथ ही ग्रामीणों को वित्तीय साक्षर भी किया गया।
कार्यक्रम में सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त, अरिमर्दन सिंह गौर, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने सहकारी समितियों के महत्व और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नाबार्ड की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सहभागियों का उत्साहवर्धन किया। मुख्य अतिथि अरिमर्दन सिंह ने सहकारिता विभाग की ओर से किसानों के लिए चल रही योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान किसानों ने अपनी समस्याओं को भी अरिमर्दन सिंह के सामने रखा, जिस पर उन्होंने किसानों की समस्याओं का निस्तारण करने का पूरा आश्वासन दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीडीएम नाबार्ड निलय वत्स ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में, नाबार्ड ने एक विशेष और प्रेरणादायक अभियान “एक पेड़ माँ के नाम” का शुभारंभ किया है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल हरियाली बढ़ाना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनमानस में संवेदनशीलता जगाना और माताओं के प्रति सम्मान व्यक्त करना भी है। उन्होंने इस अभियान के महत्व के बारे में सहभागियों को विस्तार से बताया और उन्हें इसमें सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया।
समारोह का एक महत्वपूर्ण आकर्षण प्राथमिक कृषि त्र्ाण समिति के किसानों को वित्तीय साक्षर करने के साथ ही वित्तीय जागरूक करना था। इस सत्र में क्रिसिल फाउंडेशन क्रिसिल फाउंडेशन की सीबीओ (कैपेसिटी बिल्डिंग ऑफिसर) शीजा खानम ने उपस्थित जनसमूह को वित्तीय साक्षरता के महत्व पर विस्तृत रूप से जागरूक किया। अपने सत्र में, उन्होंने बचत के विभिन्न तरीकों, निवेश के विकल्पों, विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठाने और विशेष रूप से बढ़ते साइबर फ्रॉड से बचाव के तरीकों पर गहनता से प्रकाश डाला। शीजा खानम ने समझाया कि सही वित्तीय ज्ञान ग्रामीण समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकता है और उन्हें भविष्य की अनिश्चितताओं से निपटने में मदद कर सकता है। इस अवसर पर, नाबार्ड ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि वह सहकारी क्षेत्र के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने, ग्रामीण आजीविका को सशक्त करने और सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में अपनी अग्रणी भूमिका निभाता रहेगा।
कार्यक्रम के समापन पर, बी-पेक्स छपार परिसर में एक विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें सभी सहभागियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस कार्यक्रम में डीडीएम नाबार्ड निलय वत्स, सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त, अरिमर्दन सिंह गौर, डिप्टी एलडीएम प्रभात कुमार गौतम, एफएलसी हेमन्त त्यागी, पेक्स सचिव रविता मलिक, सोसायटी चेयरमैन संजय कुमार त्यागी, डायरेक्टर कुलदीप, अरशद, सहकारी समिति के सदस्य, कृषि विभाग के अधिकारी, एवं अन्य गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में ग्रामीण व किसान उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया।