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ZILA PANCHAYAT--बोर्ड बैठक में विपक्ष का बहिष्कार

नेता प्रतिपक्ष सत्येन्द्र बालियान ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर लगाया विपक्ष की अनदेखी का आरोप, कहा-150 गांव विकास से हैं वंचित, डाॅ. वीरपाल निर्वाल बोले-बहिष्कार विपक्षी सदस्यों का बन चुका है व्यवहार, पूरे जिले में कराये हैं काम।

ZILA PANCHAYAT--बोर्ड बैठक में विपक्ष का बहिष्कार
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मुजफ्फरनगर। जिला पंचायत की बोर्ड बैठक इस बार भी हंगामाखेज रही। विपक्षी दल के सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष और अधिकारियों पर मनमाने ढंग से कार्य करते हुए विपक्षी सदस्यों के क्षेत्र में विकास कार्यों की अनदेखी करने के आरोप लगाते हुए हंगामा किया। तानाशाही के चलते विपक्षी सदस्यों के क्षेत्र वाले 150 गांवों में विकास कार्य नहीं कराये जाने का आरोप लगाकर नेता प्रतिपक्ष सत्येन्द्र बालियान के साथ विपक्ष के 13 सदस्यों ने बोर्ड मीटिंग का बहिष्कार किया और सदन से उठकर बाहर निकल गये। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष ने विपक्ष के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मीटिंग का बहिष्कार कर विपक्षी सदस्यों का व्यवहार बन चुका है, हमने बिना भेदभाव के पूरे जिले में विकास कार्य करायें और इस बैठक में भी चहुंमुखी विकास की कार्ययोजना लाये हैं।


शनिवार को कलेक्ट्रेट स्थित चै. चरण सिंह सभागार में जिला पंचायत की बोर्ड मीटिंग का आयोजन किया गया। मीटिंग की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष डाॅ. वीरपाल निर्वाल द्वारा की गई। एएमए पवन कुमार गोयल ने एजेंडा सदन में प्रस्तुत करते हुए प्रस्ताव पढ़ने शुरू किये तो विपक्षी सदस्यों ने अचानक ही भेदभाव का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सदन में नेता प्रतिपक्ष सत्येन्द्र बालियान अपनी सीट से उठकर खड़े हो गये और जिला पंचायत अध्यक्ष डाॅ. वीरपाल निर्वाल पर सीधे ही विपक्ष के सदस्यों के क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं कराये जाने के आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। इसको लेकर विपक्षी और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच काफी देर तक गरमा गरम बहस हुई। दोनों पक्ष आमने सामने आ गये। जिला पंचायत अध्यक्ष ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन विपक्ष के सदस्य हंगामा करते रहे। सत्येन्द्र बालियान फिर अपनी सीट से उठकर मंच के सामने जा पहुंचे और जिला पंचायत अध्यक्ष पर मनमाने ढंग से काम करने, विपक्ष को दबाने और जनता का उत्पीड़न करने जैसे गंभीर आरोप लगाने लगे। उन्होंने एजेंडे पर चर्चा बंद कराने की मांग करते हुए सदन में सवाल उठाया कि उनको बताया जाये कि विपक्षी सदस्यों के वार्डों में कितना विकास कार्य कराया गया है। एएमए ने उनको बैठक के बाद सूची उपलब्ध कराने का भरोसा दिया, लेकिन वो सदन में ही सूची मांगने लगे। इस पर जिला पंचायत अध्यक्ष वीरपाल निर्वाल के आदेश पर एएमए ने एजेंडे पर चर्चा को जारी रखा और विपक्षी सदस्य हंगामा करते रहे। कुछ देर बाद नेता प्रतिपक्ष सत्येन्द्र बालियान ने बोर्ड बैठक के बहिष्कार का ऐलान कर दिया और विपक्ष के सदस्यों के साथ बैठक से बाहर आ गये।

मीडिया कर्मियों से बात करते हुए सत्येन्द्र बालियान ने कहा कि जिला पंचायत में आज बोर्ड की बैठक थी, हमारा सवाल है कि ढाई साल पहले जिला पंचायत बोर्ड का कार्यकाल शुरू हुआ था, पहली ही बैठक से सभी को काम देने का ऐलानजिला पंचायत अध्यक्ष ने किया था। बैठक में उनसे हमने यही पूछा कि विपक्ष के वार्डों में कितना काम दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के क्षेत्र में काम नहीं हो रहा है, आज 150 गांव वंचित हैं विकास से, ये गांव विपक्षी सदस्यों के वार्डों में आते हैं। यहां पर जिला पंचायत की ओर से कुछ नहीं कराया गया है। बोर्ड बैठक में हमने पीएम मोदी और सीएम योगी की सबका साथ सबका विकास की नीति पर ही जिला पंचायत अध्यक्ष और एएमए से जवाब मांगा है, लेकिन वहां पर एक एजेंडा रखकर साजिशन विपक्ष को दबाते हुए अपने अपने काम पास कराये जा रहे हैं, विपक्ष को बोलने का भी अवसर नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में बोर्ड बैठक का कोई भी औचित्य नहीं रह जाता है। हमने बैठक में विपक्ष के क्षेत्रों में हुए विकास कार्यों की सूची मांगी, नहीं दी जा रही है। मेरे खुद के क्षेत्र में विकास कार्य की जानकारी मांगी, बैठक में नहीं दी गयी है। जिला पंचायत में मनमाने ढंग से काम हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष सत्येन्द्र बालियान ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर अपने लोगों को ठेकेदारी करने के गंभीर आरोप लगाये हैं। विकास जिले में हो ही नहीं रहा है। जिला पंचायत फर्जीवाडा कर रही है। वो लगातार झूठ बोल रहे हैं। इसी को लेकर हमने विपक्षी सदस्यों के साथ बोर्ड बैठक का बहिष्कार किया है। विपक्ष के सभी 13 सदस्य एक साथ हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के विपरीत कार्य हो रहा है। जनता हमसे कार्यों को लेकर विकास को लेकर जवाब मांग रही है। विपक्षी प्रतिनिधियों को काम नहीं दिया जा रहा है। विपक्ष ने क्या गुनाह किया है। उनको काम क्यों नहीं मिल रहा है।


जिला पंचायत अध्यक्ष डाॅ. वीरपाल निर्वाल ने कहा कि बोर्ड गठन की पहली बैठक से ही विपक्षी सदस्यों का आचरण नकारात्मक रहा है। इसके बावजूद भी हमने बिना भेदभाव के सभी को काम दिया है। सभी के क्षेत्रों में विकास कार्य कराये जा रहे हैं और स्वीकृत भी हुए हैं। ऐसे में विपक्ष का आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने बैठक का बहिष्कार किये जाने के सवाल पर कहा कि बहिष्कार और हंगामा तो विपक्ष के कार्य व्यवहार में शामिल हो चुका है। कोई बैठक ऐसी नहीं रही, जबकि विपक्ष ने बहिष्कार नहीं किया हो। हम जनपद के चहुंमुखी विकास का संकल्प लेकर आये हैं और लगातार काम किया जा रहा है। आगामी दिनों में भी अनेक स्थानों पर विकास के बड़े कार्य हम कराने जा रहे हैं। आज भी विपक्ष के अनेक सदस्य हमारे साथ खड़े नजर आये और बहिष्कार का ऐलान होने के बाद भी वो बैठक में ही मौजूद रहे। इससे साफ पता चलता है कि विपक्ष के नेता जो भी आरोप लगा रहे हैं, उनमें खुद विपक्ष के ही लोग उनके साथ नहीं है। हमारी सोच सभी को साथ लेकर जिले को विकास के पथ पर नम्बर वन बनाने की है। आज सर्वसम्मति से अनेक बड़े फैसले सदन ने लिये हैं। विकास को और गति मिलेगी। इस दौरान मुख्य रूप से ब्लाॅक प्रमुख अरविन्द त्यागी, नरेन्द्र सिंह, अनिल कुमार, अक्षय पुंडीर, गौरव पंवार सहित जिला पंचायत के सभी सदस्य और अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

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