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MUZAFFARNAGAR-शिक्षक की हत्या पर आक्रोश, मूल्यांकन बंद

शिक्षकों के चार गुटों ने एकजुट होकर सरकूलर रोड पर लगाया जाम, धर्मेन्द्र की हत्या पर मांगा इंसाफ, मृतक के परिवार को 10 करोड़ मुआवजा, आश्रित को पीसीएस रैंक की नौकरी और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की मांग

MUZAFFARNAGAR-शिक्षक की हत्या पर आक्रोश, मूल्यांकन बंद
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मुजफ्फरनगर। चंदौली के शिक्षक धर्मेन्द्र सिंह की हैड कांस्टेबल द्वारा एसएसपी आवास के सामने कार्बाइन से ताबड़तोड़ फायरिंग कर नृशंस हत्या की सनसनीखेज वारदात के बाद जनपद के साथ ही पूरे प्रदेश के शिक्षकों में आक्रोश फैल गया। सवेरे करीब आठ बजे ही शिक्षक संगठनों के नेताओं के आह्नान पर शिक्षकों ने कामकाज छोड़ दिया और सरकूलर रोड पर पहुंचकर सड़क अवरु( करते हुए धरना शुरू कर यातायात जाम कर दिया। शिक्षकों के हंगामा और जाम की खबर से पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गये एसएसपी सहित तमाम अफसरों का अमला फोर्स के साथ मौके पर पहुंचा, लेकिन घंटों तक भी जाम नहीं खोला गया। इसके साथ ही शिक्षकों ने यूपी बोर्ड के मूल्यांकन कार्य और चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान करते हुए मृतक के लिए इंसाफ और परिवार के लिए नौकरी व मुआवजा मांगा। यहां से शुरू हुआ आंदोलन शाम दोपहर बाद तक यूपी के दूसरे जिलों तक पहुंच गया और पूरे प्रदेश में मूल्यांकन कार्य बंद कर दिया गया। शासन के अधिकारी डीएम और एसएसपी से पल पल की अपडेट लेते रहे।

शिक्षक की हत्या के बाद जनपद के शिक्षक वर्षों बाद एक मंच पर एकजुट नजर आये। शिक्षकों के चार गुटों माध्यमिक शिक्षका संघ शर्मा और ठकुराई गुट, राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश और अटेवा के साथ ही प्रधानाचार्य परिषद् के पदाधिकारी सवेरे आठ बजे ही सरकूलर रोड स्थित चौ. छोटूराम इण्टर काॅलेज पहुंचे। इसके बाद बड़ी संख्या में महिला और पुरुष शिक्षक यहां आये और आते ही सड़क जाम करते हुए काॅलेज के बाहर ही जाम लगा दिया। जाम की सूचना मिलने पर अधिकारियों में हड़कम्प मच गया। जाम के कारण पुलिस को महावीर चौक और सूजडू चुंगी से सरकूलर रोड जाने वाले यातायात को तत्काल ही डायवर्ट करना पड़ा। शिक्षकों के हंगामे और जाम की सूचना पर एसएसपी अभिषेक सिंह भी मौके पर पहुंचे और शिक्षकों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन वो नहीं माने। बाद में शिक्षक संगठनों की ओर से एडीएम प्रशासन को घटना को लेकर ज्ञापन सौंपे गये।


इनमें घटना पर दुख जताते हुए आरोपी सिपाही के खिलाफ कठोरतम कार्यवाही के साथ ही एनएसए लगाने, मृत शिक्षक धर्मेन्द्र के परिवार को दस करोड़ रुपये के मुआवजे की अविलम्ब घोषणा करने, आश्रित को पीसीएस रैंक की नौकरी या राजकीय विद्यालय में शिक्षक की नौकरी दिये जाने, शिक्षकों की ड्यूटी ऐसे कार्यों में न लगाने, मृतक शिक्षक का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराने, शिक्षकों के साथ बिना उच्च जांच के पुलिस कर्मियों की ड्यूटी न लगाने की मांग की गयी है। धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील कुमार भड़ाना, जिलाध्यक्ष संदीप कुमार कौशिक, महामंत्री सुचित्रा सैनी, माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के जिलाध्यक्ष अमित कुमार जैन, उपाध्यक्ष संजीव जावला, मंत्री अरूण कुमार, हेमंत कुमार विश्नोई, योगेश तोमर, ठकुराई गुट के जिलाध्यक्ष राहुल कुशवाहा, अटेवा जिलाध्यक्ष प्रीत वर्धन शर्मा, प्रधानाचार्या परिषद् की अध्यक्ष सारिका जैन, सचिव राकेश कुमार, छोटूराम इंटर काॅलेज के प्रधानाचार्य नरेश प्रताप सिंह, प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष विजय कुमार शर्मा, राजकीय शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष डा. रणवीर सिंह के अलावा बबीता राणा, साक्षी देशवाल, पवित्रा चौधरी, सुमित्रा सिंह, नमिता सिंह, विजय कुमार त्यागी, अनुराधा पंवार, डा. चन्द्रमोहन शर्मा सहित हजारों शिक्षक एवं शिक्षकाएं तथा प्रधानाचार्य मौजूद रहे।

इस दौरान एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह, एसपी सिटी सत्यनारायण प्रतापत, एएसपी सिटी व्योम बिन्दल, संयुक्त शिक्षा निदेशक सहारनपुर आरएसके सुमन, डीआईओएस डाॅ. धर्मेन्द्र शर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप, सीओ मण्डी रूपाली राव चौधरी, सीओ डाॅ. रविशंकर, सीओ एसपी उपाध्याय, एसडीएम सदर परमानंद झा, एसएचओ नई मंडी बीएस वर्मा, सिविल लाइन प्रभारी ओमप्रकाश शर्मा और शहर कोतवाल महावीर सिंह चौहान भारी फोर्स के साथ मौजूद रहे।

शिक्षकों ने पूछा कहां है हमारा एमएलसी, शर्मा को किया याद

मुजफ्फरनगर। आज सरकूलर रोड पर शिक्षकों के धरने के दौरान कई शिक्षकों ने शिक्षकों की राजनीतिक लड़ाई कमजोर होने पर अफसोस जाहिर किया। यहां पर कई शिक्षकों ने अपने पूर्व के शिक्षक विधायक ओमप्रकाश शर्मा को खूब याद किया और पूछा कि आज हमारा एमएलसी कहां है? बता दें कि शिक्षक सीट से शिक्षकों के द्वारा लगातार कई बार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा को एमएलसी बनवाया जाता रहा है, लेकिन पिछले चुनाव में भाजपा ने बाजी मारी और शर्मा चुनाव हार गये थे। शर्मा के दौर में शिक्षकों की आवाज को ताकत मिलती रही। साल 2009 में तत्कालीन डीआईओएस कामता रामपाल ने जब शिक्षकों के साथ अभद्रता की तो डीएवी इंटर काॅलेज परिसर में शिक्षकों ने संघ के जिलाध्यक्ष रहे शिवकुमार यादव के साथ मोर्चा खोला था और उनके धरने में एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा सहित दस शिक्षक विधायकों में से नौ पहुंचे थे।

दो दिन ही चल सका यूपी बोर्ड का मूल्यांकन, 56312 पुस्तिकाओं का हुआ मूल्यांकन

मुजफ्फरनगर। जिले के पांच मूल्यांकन केन्द्रों के साथ ही प्रदेश भर में अब शिक्षक हत्याकांड को लेकर यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटर परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य बंद कर दिया गया है। डीआईओएस डाॅ. धमेन्द्र ने बताया कि जिले में 16 मार्च से मूल्यांकन कार्य पांच केन्द्रों इस्लामिया, चौ. छोटूराम, डीएवी, राजकीय और एसडी इंटर काॅलेजों में कराया जा रहा था, लेकिन शिक्षकों ने कार्य बंद कर दिया है। इनमें तीन में इंटर और दो में हाईस्कूल परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं जांची जा रही हैं। दो दिनों में हाईस्कूल और इंटर की 56312 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो पाया है। डीआईओएस ने बताया कि जनपद के पांच केन्द्रों को मूल्यांकन के लिए अभी तक आवंटित हुई उत्तर पुस्तिकाओं में 235050 काॅपी मूल्यांकन के बिना शेष रही हैं। इनमें हाईस्कूल की 149013 और इंटर की 86037 काॅपी मूल्यांकन से शेष रही हैं।

क्यों नहीं खुला एसडी काॅलेज का गेट, कहां पी गई शराब? जांच शुरू

मुजफ्फरनगर। शिक्षक हत्याकांड को लेकर पुलिस ने अपनी जांच में कई अनसुलझे सवालों को शामिल किया है। इसमें पुलिस को जो परेशान कर रहा है, वो सबसे पहला सवाल यही है कि एसडी इंटर काॅलेज का गेट वाहन के लिए क्यों नहीं खोला गया? इसके साथ ही पुलिस कर्मी ने शराब कब और कहां पी और उसके साथ कौन शामिल रहा? शराब के गहरे नशे में भी उससे उसके गारद अफसर दरोगा नागेन्द्र ने कार्बाइन क्यों नहीं ली? इन सभी सवालों का जवाब तलाशने के लिए पुलिस टीमों को लगा दिया गया है। एसपी सिटी ने बताया कि पुलिस अपनी जांच में जुट गई है। मृतक शिक्षक धर्मेन्द्र के साथ ही दूसरे शिक्षक और कर्मचारियों के मोबाइल फोन की लाट काॅल को लेकर भी जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं एसडी इंटर काॅलेज की ओर से कहा गया है कि रात्रि में उनसे कोई सम्पर्क नहीं किया गया, चैकीदार गेट पर पूरी रात मौजूद रहता है, कोई सम्पर्क करता तो गेट जरूर खोला जाता। एसी सिटी ने बताया कि अभी तक की जांच में पता चला कि गाड़ी में आगे ड्राइवर के साथ सब इंस्पेक्टर नागेंद्र चैहान और अध्यापक संतोष कुमार थे। पीछे मुख्य आरक्षी चन्द्रप्रकाश, अध्यापक धर्मेन्द्र कुमार और दोनों चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बैठे थे। सिपाही चंद्रप्रकाश नशे में थे और वह बार-बार सहायक अध्यापक धर्मेंद्र कुमार से तंबाकू मांग रहे थे। रात होने के कारण सहायक अध्यापक ने मना कर दिया था। शिक्षक ने इसकी शिकायत मोबाइल फोन से आगे बैठे दरोगा से भी की लेकिन जब तक दरोगा जी उतरकर पीछे आते, इस बीच हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश ने सहायक अध्यापक धर्मेंद्र कुमार पर कार्बाइन से गोलियां बरसा कर उनकी हत्या कर दी।

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