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एमबीबीएस छात्रा की मौत की गुत्थी सुलझाने को डॉक्टरों के बयान लेगी पुलिस

कृतिका की गर्दन की हड्डी टूटी, मौत को मिस्ट्री बना रहे शरीर पर मिले गंभीर चोटों के निशान, आरोपी को भेजा जेल

एमबीबीएस छात्रा की मौत की गुत्थी सुलझाने को डॉक्टरों के बयान लेगी पुलिस
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मुजफ्फरनगर। एमबीबीएस की छात्रा कृतिका चौहान की मौत का प्रकरण 48 घंटे से ज्यादा समय बीतने के बाद भी अनसुलझा ही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मौत का कारण तो स्पष्ट कर दिया, लेकिन अभी भी इस मामले में कई ऐसे सवाल हैं, तो पुलिस को उलझा रहे हैं। पोस्टमार्टम में कृतिका के गले की हड्डी टूटने का जिक्र किया गया है तो वहीं मौत का कारण गंभीर चोटें बताई गई, उसके शरीर पर भी इन चोटों की निशानियां थी, लेकिन ये चोट किस कारण आई, यही सवाल इस मौत को एक मिस्ट्री की ओर ले जाने का काम कर रहा है। हालांकि पुलिस पोस्टमार्टम करने वाले पैनल के चिकित्सकों से पूछताछ करने और उनके बयान लेने की तैयारी कर रही हैं। वहीं करीब 36 घंटे बाद पुलिस ने आरोपी सहपाठी छात्र कुणाल सैनी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसको न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।

मंसूरपुर थाना क्षेत्र के बेगराजपुर में स्थित मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में करीब छह माह पूर्व एमबीबीएस प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाली औरेया जनपद के गांधीनगर निवासी शिक्षक राहुल चौहान की होनहार बेटी कृतिक चौहान की गुरूवार देर रात मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के पीछे से गुजर रही डेडिकेटिड फ्रेट कॉरीडोर रेलवे लाइन पर लाश मिली थी। छात्रा की मौत के बाद सनसनी फैल गई। जांच पड़ताल में सामने आया कि कृतिका अपने सहपाठी दोस्त कुणाल सैनी निवासी शाहपुर के साथ कॉलेज से बाहर घूमने के लिए गई थी और वापस नहीं लौटी। देर रात उसके लापता होने पर तलाश शुरू की गई तो उसका शव रेलवे लाइन पर नरा जडौदा के जंगल में बुरी अवस्था में मिला। कृतिका के पिता की तहरीर पर पुलिस ने सहपाठी कुणाल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसको गिरफ्तार कर लिया था। कुणाल ने पुलिस को बताया था कि वो रेलवे लाइन पर बैठे हुए थे, इसी बीच एक इंजन वहां से गुजरा और उसकी चपेट में आने के कारण कृतिका की मौत हो गई। हालांकि यह पूरा मामला हादसा या हत्या में उलझा हुआ है।

मंसूरपुर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कृतिका की मौत का मुख्य कारण गंभीर चोटों को बताया गया है, लेकिन ये चोट किस कारण से आई, इसको लेकर डिटेल क्लीयर नहीं की गई है। इसी से मामला उलझा हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया सामने आये तथ्यों से यह मामला हत्या जैसा तो नहीं लगा रहा है, लेकिन फिर भी पुलिस परिजनों के आरोपों को लेकर जांच पड़ताल में गहनता से जुटी हुई है। इसके लिए पुलिस कृतिका का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सीय पैनल में शामिल डाक्टरों के बयान दर्ज कराने के साथ ही उनसे विस्तार से पूछताछ करने की तैयारी भी कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कृतिका की गर्दन और गले की हड्डी भी टूटी हुई होने की बात कही गई है।

उन्होंने बताया कि आरोपी छात्र से भी गहन पूछताछ की गई है। आज उसको न्यायालय में पेश किया गया, जहां से अदालत ने उसको न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। वहीं इस मामले में छात्र कुणाल के परिजनों ने भी घटना को हादसा बताया है। पिता मुकेश सैनी का कहना है कि उनके पुत्र ने हादसे के बाद फोन कर उनको सारा घटनाक्रम बताया था, पिता मुकेश अन्य परिजनों के साथ पहुंचे थे और कुणाल को पकड़कर पुलिस के सुपुर्द करते हुए जांच में पूरा सहयोग किया। दूसरी ओर यह तथ्य भी सामने आया है कि कृतिका और कुणाल मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार से नहीं, बल्कि पिछले दरवाजे से बाहर गये थे। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि बाहर जाने के लिए यह पिछले गेट खुला क्यों था? ऐसे ही अनेक सवालों के कारण कृतिका की मौत एक प्रकार से गंभीर मिस्ट्री बन रही है।

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