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PALIKA-नौ माह से निलम्बित लिपिक मनोज पाल को राहत

अब पालिका से तीन चौथाई मिलेगी सैलरी, पांच माह पूर्व आरोप पत्र पर दे दिया था जवाब, नहीं हुई कोई कार्यवाही

PALIKA-नौ माह से निलम्बित लिपिक मनोज पाल को राहत
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में करीब नौ माह से अधिक समय से निलम्बित चल रहे लिपिक मनोज पाल को जिला प्रशासन की ओर से बड़ी राहत मिली है। अभी तक आधी सैलरी पर गुजर बसर करने को विवश लिपिक को प्रशासनिक आदेश के बाद अब नियमानुसार तीन चैथाई सैलरी का भुगतान किया जायेगा। एडीएम प्रशासन के द्वारा ईओ को भेजे गये दिशा निर्देशों के बाद ईओ ने इसके लिए पालिका के लेखा विभाग को आदेश जारी कर दिये हैं। इसके साथ ही उन्होंने लिपिक मनोज पाल की निलम्बन पत्रावली को भी तलब कर लिया है।

बता दें कि पालिका में पिछले दिनों दाखिल खारिज के एक मामले को लेकर कर विभाग में कार्यरत लिपिक मनोज पाल को लापरवाही बरतने और नियमों की अनदेखी करने के आरोप में तत्कालीन ईओ हेमराज सिंह के निर्देश पर निलम्बित कर दिया गया था। इसके बाद जांच अधिकारी कर अधीक्षक नरेश कुमार शिवालिया ने लिपिक मनोज पाल पर तय आरोपों को लेकर नोटिस जारी करते हुए उनका स्पष्टीकरण मांगा था। इसके बाद से ही यह मामला लटका हुआ है। 14 मार्च को निलम्बित लिपिक मनोज पाल ने जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी से मिलकर प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें उन्होंने बताया कि 07 जून 2023 को उनको ईओ के आदेश पर निलम्बित कर दिया गया, तभी से उनको जीवन निर्वहन भत्ता के रूप में आधी सैलरी मिल रही है। वो आरोप पत्र के आधार पर जारी नोटिस का जवाब जांच अधिकारी कर अधीक्षक नरेश शिवालिया को 16 अक्टूबर 2023 को दे चुके हैं।


इसके बाद भी न तो उनको बहाल किया गया और न ही इस प्रकरण में जांच अधिकारी के द्वारा कोई अग्रिम कार्यवाही की गयी है। मनोज का आरोप है कि जानबूझकर उनको प्रताड़ित करने के इरादे से कार्यवाही को शिथिल किया गया है। लिपिक मनोज ने जिलाधिकारी से अब उनको जीवन निर्वहन भत्ता के रूप में तीन चैथाई सैलरी दिलाये जाने की मांग की थी। इसको लेकर डीएम ने निकाय प्रभारी एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह को मामले में कार्यवाही करने के लिए आदेशित किया था। सूत्रों के अनुसार एडीएम प्रशासन ने पालिका ईओ प्रज्ञा सिंह को पत्र जारी करते हुए लिपिक मनोज पाल की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए जीवन निर्वहन भत्ता नियमानुसार जारी कराने के लिए आदेशित किया। लिपिक मनोज पाल ने बताया कि सरकारी सेवा में नियम है कि यदि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी 6 माह से ज्यादा समय तक निलम्बित रहता है और जांच की कार्यवाही जारी रहती है तो उसको तीन चैथाई सैलरी दी जाती है। इसी आधार पर उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की थी।

ईओ प्रज्ञा सिंह ने बताया कि लिपिक मनोज पाल के प्रकरण में नियमानुसार लेखाकार को जीवन निवर्हन भत्ता के रूप में तीन चैथाई सैलरी जारी करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने पत्रावली तलब की है। पता चला है कि लिपिक के खिलाफ अभी जांच पूरी नहीं की गयी है। इसमें कर अधीक्षक के पदनाम नहीं, बल्कि सीधे नरेश कुमार शिवालिया के नाम ही जांच आदेश किये गये हैं। इसलिए उनकी पत्रावली किसी दूसरे को नहीं सौंपी जा सकती है। श्री शिवालिया के आने के बाद इस मामले में अग्रिम कार्यवाही कराई जायेगी।

कार्यालय अधीक्षक ओमवीर की नियुक्ति पर एडीएम ने पालिका ईओ से मांगी आख्या

पालिका के कार्यवाहक कार्यालय अधीक्षक ओमवीर सिंह के खिलाफ सभासद राजीव शर्मा और मौहम्मद खालिद के द्वारा की गई गलत नियुक्ति की शिकायत के मामले में एडीएम वित्त गजेन्द्र कुमार ने ईओ को पत्र जारी करते हुए शिकायत के निस्तारण के लिए नियमानुसार कार्यवाही करते हुए आख्या उपलब्ध कराने के लिए कहा है। बता दें कि 11 मार्च को सभासदों ने डीएम को पत्र देकर आरोप लगाया था कि अकेन्द्रीयकृत श्रेणी के कर्मचारी ओमवीर सिंह को नियमों की अनदेखी करते हुए केन्द्रीयकृत कर्मचारी सेवा के पदीय दायित्व पर नियुक्त किया गया है। इसमें ओमवीर को हटाने की मांग की गयी है।

कर अधीक्षक शिवालिया ने 10 दिन और बढ़वाया अवकाश

मुजफ्फरनगर पालिका के कर अधीक्षक की तबियत अभी ठीक नहीं हुई है, उपचाराधीन चल रहे कर अधीक्षक नरेश कुमार शिवालिया ने बीमारी का हवाला देते हुए अपना मेडिकल भेजकर अवकाश में दस दिन की और बढ़ोतरी कराई है। बता दें कि ईओ प्रज्ञा सिंह के द्वारा अवैध होर्डिंग के प्रकरण में शिकायत मिलने पर शहर से अवैध होर्डिंग हटवाने के साथ ही लोकसभा चुनाव में आचार संहिता का पालन कराने के लिए राजनीतिक-चुनाव प्रचार सामग्री हटाने के लिए अभियान का नोडल अधिकारी कर अधीक्षक शिवालिया को बनाया गया था, लेकिन अचानक ही अपना 15 दिन का मेडिकल अवकाश प्रार्थना पत्र चेयरपर्सन को देकर वो अवकाश पर चले गये थे। ईओ प्रज्ञा सिंह ने बताया कि उनका मेडिकल अवकाश पूर्ण हो गया था, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने अभी उपचार चलने की जानकारी देते हुए दस दिन का मेडिकल और ले लिया है। उनके स्थान पर कर अधीक्षक का कार्यवाहक पदभार संभाल रही पारूल यादव अभी कार्य करती रहेंगी।

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