श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल के शिष्य की हत्या!
उत्तर प्रदेश के अयोध्या से सनसनीखेज खबर सामने आई है। यहां श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के शिष्य की मौत हो गयी है। इसको हत्या और आत्महत्या का सस्पेंस बनने के कारण संदिग्ध माना जा रहा है।

अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या से सनसनीखेज खबर सामने आई है। यहां श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के शिष्य की मौत हो गयी है। इसको हत्या और आत्महत्या का सस्पेंस बनने के कारण संदिग्ध माना जा रहा है। मृतक साधु बिहार का निवासी था। वहां उसका एक अपना मंदिर भी था। पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या बताया है। हालांकि जांच शुरू कर दी गयी है।
शनिवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के शिष्य की संदिग्ध परिस्तिथियों में मौत हो गई। अयोध्या कोतवाली के नयाघाट चैकी क्षेत्र अंतर्गत मणिरामदास छावनी का है। जहां के संत निवास में शनिवार को साधु हरिभजन दास (50) चेला महंत नृत्यगोपाल दास का गला धारदार हथियार से रेता हुआ था। साधु को पहले श्रीराम अस्पताल ले जाया गया। वहां से जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया जहां डाक्टरों ने मृत घोषित किया। यह हत्या है या आत्महत्या, इस सवाल पर अफसर खामोश हैं। उनका कहना है कि अभी यह जांच का विषय है। जांच के बाद ही तथ्य साफ हो पायेंगे। फिलहाल इसको पुलिस आत्महतया मान रही है।
इस सम्बंध में क्षेत्राधिकारी अयोध्या राजेश कुमार राय ने बताया कि उन्हें सुबह मणिरामदास छावनी से सूचना मिली कि यहां के एक साधु ने धारदार हथियार से अपना गला रेत लिया है। वह मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल ले जाते समय साधु हरिभजन दास की मौत हो गई। वह हमेशा डिप्रेशन में रहता था। उसने सब्जी काटने वाले चाकू से अपना गला रेत लिया है। उसके कमरे में जमीन पर बहुत सारा खून और बगल में चाकू पड़ा था। इसी चाकू से उसने अपना गला रेता है। इसके अलावा कमरे में अन्य सामान अपने यथास्थान पर थे। उनसे किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं किया गया है। इससे साफ पता चलता है कि साधु ने सुसाइड किया है। उसकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस की छानबीन जारी है। मणिरामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने बताया कि मृतक साधु उनका गुरु भाई है। जो मूल रूप दरभंगा का रहने वाला था। वह छावनी में 30 वर्षों से निवास कर रहा था। उसका सोमनाथ, गुजरात में एक छोटा सा मंदिर रहा जो सड़क विस्तारीकरण में चला गया, जिसके कारण वह हमेशा डिप्रेशन में रहता था। वहीं साधु की इस संदिग्ध मौत पर यह मामला हत्या और आत्महत्या के पहलु में उलझ गया है। इस मर्डर को लेकर लोगों में चर्चाएं भी चल रही है। इसको हत्या भी माना जा रहा है, लेकिन पुलिस जांच के बाद ही इसको लेकर कुछ कहने की बात कह रही है। फिलहाल इसको पुलिस ने आत्महत्या ही माना है।