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MUZAFFARNAGAR-एसएसपी आवास के सामने शिक्षक को गोलियों से भूना

वाराणसी से छह लोगों के साथ यूपी बोर्ड उत्तर पुस्तिकाएं लेकर जिले में आये धर्मेन्द्र सिंह पर हैड कांस्टेबल ने खाली कर दी सरकारी कार्बाइन की पूरी मैग्जीन, एसडी इंटर काॅलेज के गेट पर रात डेढ़ बजे शराब के नशे में धुत्त सिपाही ने तंबाकू नहीं देने पर की ताबड़तोड़ फायरिंग, 35 वर्षीय शिक्षक को लगी 8-10 गोली, मौके पर ही तोड़ा दम, डीसीएम की बाॅडी में भी आरपार हो गई कई गोलियां

MUZAFFARNAGAR-एसएसपी आवास के सामने शिक्षक को गोलियों से भूना
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मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् प्रयागराज के द्वारा कराये जा रहे मूल्यांकन कार्य के तहत जनपद वाराणसी से यूपी बोर्ड की काॅपी लेकर आधी रात मुजफ्फरनगर पहुंचे एक सरकारी शिक्षक की उनके सुरक्षा में तैनात हैड कांस्टेबल ने एसएसपी आवास के सामने ही गोलियों से भूनकर नृशंस हत्या कर दी। नशे में बुरी तरह से धुत्त आरोपी सिपाही शिक्षक से खाने के लिए तंबाकू मांग रहा था और दूसरे कर्मचारियों को भी परेशान करने लगा था। शिक्षक के डांटने पर सिपाही ने अपनी सरकारी कार्बाइन से अचानक ही फायरिंग कर दी, जिसमें युवा शिक्षक का शरीर बुरी तरह से छलनी हो गया और उनकी मौत हो गई। एसएसपी की कोठी के सामने ही एसडी इंटर काॅलेज के गेट पर शिक्षक की हत्या की खबर से पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया। फायरिंग के कारण शिक्षक के साथी कर्मचारी भी दहशत में है और परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस ने आरोपी सिपाही को गिरफ्तार करने के साथ ही कार्बाइन को भी कब्जे में ले लिया है।


थाना सिविल लाइन क्षेत्र में एसडी इंटर कॉलेज के बाहर हेड कांस्टेबल ने गोलियों से भूनकर सहायक अध्यापक की हत्या कर दी। पुलिस ने हेड कांस्टेबल को हिरासत में ले लिया है। पुलिस के मुताबिक मऊ जिला निवासी हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश बनारस में पुलिस लाइन में तैनात हैं। रविवार को वह एक दरोगा के साथ डीसीएम से यूपी बोर्ड की परीक्षा के पेपर लेकर एसडी इंटर काॅलेज में जमा कराने आए थे। इनके साथ सहायक अध्यापक धर्मेंद्र कुमार निवासी चंदौली भी थे। हेड कांस्टेबल नशे में थे और वह बार-बार सहायक अध्यापक धर्मेंद्र कुमार से तंबाकू मांग रहे थे। रात होने के कारण सहायक अध्यापक ने मना कर दिया था। बावजूद इसके हेड कांस्टेबल सहायक अध्यापक पर दबाव बना रहे थे। इसकी शिकायत सहायक अध्यापक ने मोबाइल पर आगे बैठे दरोगा से भी की, लेकिन जब तक दरोगा जी उतरकर पीछे आते, इस बीच हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश ने सहायक अध्यापक धर्मेंद्र कुमार पर कार्बाइन से गोलियां बरसा कर हत्या कर दी।


घटना के सम्बंध में एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि शिक्षक धर्मेंद्र कुमार और संतोष कुमार, दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों जितेंद्र मौर्य और कृष्ण प्रताप के साथ सरकारी ड्यूटी में लगाये गये डीसीएम वाहन संख्या यूपी81बीटी 2955 से यूपी बोर्ड की कापियां प्रदेश के विभिन्न जिलों में जमा कराने के लिए वाराणसी से 14 मार्च को निकले थे। सुरक्षा के मद्देनजर उनके साथ गारद के तौर पर उपनिरीक्षक नागेंद्र चैहान व मुख्य आरक्षी चंद्रप्रकाश को पुलिस लाइन से मय हथियार भेजा गया था। रास्ते में प्रयागराज, शाहजहांपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद, बिजनौर में कापियां जमा कराते हुए 17 मार्च की रात ये शिक्षक और पुलिस कर्मी मुजफ्फरनगर पहुंचे थे। यहां उनको इण्टर बोर्ड परीक्षा की कापियां एसडी इंटर कालेज में जमा करानी थी, जहां पर इण्टरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जा रहा है, लेकिन रात में कालेज का गेट बंद होने पर ये सभी लोग गाड़ी गेट के बाहर लगाकर रुके थे। काॅलेज के सामने ही एसएसपी आवास भी स्थित है। एसपी सिटी ने बताया कि सिपाही चंद्रप्रकाश बार-बार तंबाकू मांग रहा था और किसी को आराम नहीं करने दे रहा था। इस पर शिक्षक धर्मेंद्र कुमार ने आपत्ति की, तो उसने कार्बाइन से फायर झोंक दिया। नशे में धुत्त सिपाही ने कार्बाइन की पूरी मैगजीन शिक्षक पर खाली कर दी। उन्हें कई गोलियां लगीं।

इसकी सूचना सिविल लाइन थाने को करीब 1.45 बजे दी गई। सूचना के बाद पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। घायल शिक्षक को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। वहां चिकित्सकों ने शिक्षक धर्मेन्द्र सिंह को मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद पुलिस ने मुख्य आरक्षी चंद्रप्रकाश को हिरासत में ले लिया। वहीं साथ गए गारद के पुलिसकर्मियों के हथियार अपने कब्जे में ले लिए और डीसीएम को भी सीज कर दिया गया। डीसीएम की बाॅडी पर भी फायरिंग के कई निशान हैं। गोलियां लोही की बाॅडी के आरपार निकल गई है। गाड़ी में सवार दूसरे शिक्षक संतोष कुमार, दरोगा नागेन्द्र चौहन, कर्मचारी जितेंद्र मौर्य और कृष्ण प्रताप के साथ ही डीसीएम चालक को भी पुलिस ने थाना सिविल लाइन भिजवा दिया था। एसपी सिटी ने बताया कि पुलिस परिजनों को घटना की जानकारी देने के साथ ही विधिक कार्रवाई में जुटी रही। दोपहर तक भी मृत शिक्षक का कोई परिजन नहीं पहुंच पाया था। हालांकि उनको रात्रि में ही सूचना दे दी गई थी। सूचना से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। एसएचओ सिविल लाइन ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि परिजनों की तहरीर आने पर कानूनी कार्यवाही की जायेगी।

सहारनपुर से जेडी भी पहुंचे, डीआईओएस ने शिक्षा निदेशालय भेजी रिपोर्ट

मुजफ्फरनगर। रात्रि में एसएसपी आवास के सामने शिक्षक की हत्या की सनसनीखेज घटना होने के बाद पुलिस के साथ ही शिक्षा विभाग में भी हड़कम्प मच गया। डीआईओएस डाॅ. धमेन्द्र शर्मा रात्रि दो बजे ही घटनास्थल पर पहुंच गये थे। डीआईओएस ने थाना सिविल लाइन पहुंचकर मृत शिक्षक धर्मेन्द्र के साथ आये दूसरे शिक्षक और कर्मचारियों से पूछताछ की तो वहीं एसपी सिटी सहित अन्य अधिकारियों ने आरोपी सिपाही चंद्रप्रकाश और दरोगा नागेन्द्र चौहान से पूछताछ कर घटना की जानकारी ली। डीआईओएस धर्मेन्द्र घटना को लेकर संवेदनशील बने रहे और सिविल लाइन थाने में शिक्षक व कर्मचारियों के खाने तथा अन्य व्यवस्था के लिए उन्होंने जीआईसी बहादरपुर के प्रधानाचार्य आशीष द्विवेदी और राजकीय हाईस्कूल रसूलपुर के प्रधानाचार्य ललित मोहन गुप्ता की जिम्मेदारी तय की। दोनों शिक्षकों ने थाने पहुंचकर शिक्षक और कर्मचारियों को ढांढस बंधाया तथा उनके लिए चाय नाश्ते का प्रबंध कराया। आशीष द्विवेदी ने बताया कि घटना के कारण शिक्षक संतोष और दोनों कर्मचारी सुबह तक भी दहशत में थे। वहीं घटना की जानकारी मिलने पर संयुक्त शिक्षा निदेशक सहारनपुर मंडल राणा सहस्त्रांशु कुमार सुमन भी स्टाफ के साथ मुख्यालय पहुंचे और डीआईओएस से घटना की जानकारी लेते हुए विभागीय रिपोर्ट मांगी। डीआईओएस डाॅ. धर्मेन्द्र शर्मा ने बताया कि शिक्षक की हत्या के घटनाक्रम को लेकर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. महेन्द्र देव को विभागीय रिपोर्ट प्रेषित कर दी गयी है और जिलाधिकारी को भी अवगत कराया गया है।

सहारनपुर जाने की थी तैयारी, अस्पताल ले जाने में लगे 40 मिनट, ये रहा घटनाक्रम

मुजफ्फरनगर। मृतक शिक्षक धर्मेन्द्र सिंह अन्य लोगों के साथ वाराणसी से चार दिन पहले सात जनपदों के लिए यूपी बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल लेकर डीसीएम से निकले थे। चार दिनों से उनका घर डीसीएम ट्रक ही बना हुआ था। न खाने का पता था और न ही सोने का कोई ठिकाना था। दिन के साथ ही रात भर भी सफर करना पड़ रहा था। धर्मेन्द्र के साथी शिक्षक संतोष कुमार ने बताया कि वाराणसी से यूपी बोर्ड की कापियां लेकर हमें सात जनपदों में पहुंचना था, इनमें प्रयागराज, शाहजहांपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद और बिजनौर के बाद वो मुजफ्फरनगर आये थे, यहां एसडी इंटर काॅलेज में इंटर की उत्तर पुस्तिकाएं जमा कराने के बाद उनको सहारनपुर जनपद कापियां लेकर जाना था। एसडी इंटर काॅलेज में नाश्ता-भोजन करने के बाद उन्होंने सहारनपुर जाने का प्लान तय किया था, उसके बाद घर वापसी तय थी, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गई।

सूत्रों के अनुसार शिक्षक धर्मेन्द्र की हत्या का घटनाक्रम आधी रात के बाद का है। करीब 12 बजे डीसीएम से वो एसडी इंटर काॅलेज के गेट पर पहुंचे, वहां उनको गेट बंद मिला और कोई नजर भी नहीं आया तो सभी की सहमति से डीसीएम में ही रात्रि विश्राम की बात तय हुई। डेढ़ बजे शिक्षक की हत्या कर दी गई। ताबड़तोड़ फायरिंग से एसएसपी आवास के सुरक्षा कर्मी भी दहशत में आ गये थे। एसपी सिटी के अनुसार 1.45 बजे सिविल लाइन पुलिस सूचना पर पहुंच गई थी। जबकि लहूलुहान शिक्षक धर्मेन्द्र को जिला अस्पताल ले जाने में पुलिस को 40 मिनट का समय लगा। अस्पताल के ईएमओ डाॅ. विक्रम ने पुलिस को भेजी रिपोर्ट में बताया है कि 18 मार्च की सुबह 2.20 बजे सिविल लाइन थाने का कांस्टेबल मनोज कुमार 35 वर्षीय शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार पुत्र राजकुमार को मृत अवस्था में लेकर अस्पताल पहुंचा था।

रात दो बजे पुलिस ने किया फोन, मृतक धर्मेन्द्र की पत्नी और भाभी भी हैं टीचर

मुजफ्फरनगर। एसएसपी आवास के सामने और एसडी इंटर काॅलेज की दहलीज पर कत्ल कर दिये गये शिक्षक धर्मेन्द्र का परिवार शिक्षा के क्षेत्र में ही सेवारत है। पुलिस ने रात दो बजे उनके पैतृक गांव के प्रधान को फोन किया था। जनपद चंदौली जिले के चहनिया ब्लाॅक के गांव बैराठ रामगढ़ निवासी दलित राजकुमार के दो पुत्र बताये गये हैं। गांव के प्रधान अभेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि ये परिवार शिक्षा के क्षेत्र में ही सेवारत है। राजकुमार के पास बीस बिस्से कृषि भूमि थे, उसने मेहनत कर अपने दोनों बच्चों को शिक्षित किया, जिनमें एक धर्मेन्द्र भी था। प्रधान अभेन्द्र ने बताया कि रात्रि करीब दो बजे उनको मुजफ्फरनगर से पुलिस अधिकारी का फोन आया था, लेकिन नींद गहरी होने के कारण उनको पता नहीं चला। बाद में पुलिस ने उनके पीएसी में सेवारत बेटे गौरव सिंह को फोन किया। उसका भी फोन रात्रि में आया, करीब तीन बजे बार बार फोन बजने पर उनकी नींद खुली तो उन्होंने वापस काॅल की। मुजफ्फरनगर पुलिस ने घटना की तभी उनको जानकारी दी और मृतक धर्मेन्द्र के परिवार के बारे में जानकारी ली। पुलिस को धर्मेन्द्र के भाई का नम्बर दिया गया था। प्रधान अभेन्द्र ने बताया कि धर्मेन्द्र और उसका भाई टीचर हैं, जबकि धर्मेन्द्र की पत्नी प्राइमरी विद्यालय में सहायक अध्यापिका हैं तो भाभी वाराणसी के एक महाविद्यालय में लेक्चरर हैं। यह परिवार अब बैराठ में नहीं रहता है। नौकरी लगने पर कृषि भूमि बेच दी थी और गांव का मकान उनके पास है, जिसमें ताला लगा रहा था। कभी कभार वो लोग परिवार के साथ यहां रहने आ जाते हैं। धर्मेन्द्र कुमार वाराणसी देहात के महगांव स्थित राजकीय हाईस्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत था।

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