कन्नौज में शहीद सिपाही सचिन की शहादत पर रोया पूरा गांव
गमगीन माहौल के बीच गांव शाहडब्बर में हुई शहीद सचिन की अंत्येष्टि, मंत्री संजीव बालियान और डीएम-एसएसपी ने दी सलामी, ग्रामीणों ने शहीद नौजवान को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, मंगेतर कोमल भी रहीं शामिल

मुजफ्फरनगर। हिस्ट्रीशीटर की गोली लगने के बाद शहीद हुए सिपाही सचिन राठी उर्फ अंकित राठी का शव बुधवार को उसके पैतृक गांव शाहडब्बर में लाया गया। शहीद का शव देखने को आसपास के गांवों से भी लोग वहां पहुंचे थे। इस नौजवान की शहादत को लेकर पूरा गांव ही गमगीन नजर आया और नम आंखों के साथ हजारों ग्रामीणों ने उसको अंतिम विदाई दी। सचिन की अर्थी का कंधा देने वालों में केन्द्रीय राज्यमंत्री डाॅ. संजीव बालियान, पूर्व विधायक उमेश मलिक, डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और एसएसपी संजीव सुमन के साथ सचिन की मंगेतर महिला कांस्टेबल कोमल भी शामिल रहे।
बता दें कि घायल सिपाही सचिन राठी की सोमवार देर रात कानपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। मंगलवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद शव कन्नौज जनपद की पुलिस लाइन स्थित शहीद स्थल लाया गया। पुलिस जवानों के साथ एडीजी आलोक सिंह, आईजी प्रशांत कुमार, डीएम शुभ्रांत शुक्ला, एसपी अमित कुमार आनंद ने सहयोगी अफसरों के साथ ही नम आंखों से श्र(ांजलि और जवानों ने शस्त्र झुकाकर सलामी दी। सदर विधायक व समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के साथ डीएम, एसपी ने पार्थिव शरीर को वाहन तक पहुंचाया और परिजनों के साथ सिपाही के पैतृक गांव के लिए रवाना किया। बुधवार को पैतृक गांव शाहडब्बर में शहीद सचिन के शव के अंतिम दर्शन को हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी रही। शहीद को सलामी देने के लिए पुलिस और प्रशासन के अफसरों के साथ ही मंत्री एवं अन्य लोग मौजूद रहे। शहीद सिपाही का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अंतिम संस्कार कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्यमंत्री डाॅ. संजीव बालियान, पूर्व विधायक उमेश मलिक ने सम्मिलित होकर परिजनों को ढांढस बंधाया। इसके साथ ही डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और एसएसपी संजीव सुमन ने भी शहीद सिपाही की अर्थी को कंधा दिया और पुष्प चक्र अर्पित करते हुए अपनी श्र(ांजलि दी।
सचिन राठी 2019 में पुलिस में भर्ती हुआ था। कन्नौज के विष्णुगढ़ थाने में उसकी तैनाती थी। बदमाशों के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से उपचार के दौरान कानपुर चिकित्सालय में उसने अंतिम सांस ली। सचिन राठी के पिता वेदपाल गांव में खेती तथा बुढ़ाना में प्रोपर्टी डीलर का कार्य करते हैं। मां गीता गृहिणी हैं। उसका बड़ा भाई जतिन पहले खेती में अपने पिता का हाथ बंटाता था। अब वह मेरठ-करनाल हाईवे पर टोल प्लाजा पर नौकरी करता है। छोटी बहन अंशु माता-पिता के साथ गांव में रहती है। सचिन व उसके भाई और बहन की अभी तक शादी नहीं हुई है। सचिन की शादी पांच फरवरी को महिला कांस्टेबल कोमल के साथ तय हुई थी। दोनों परिवारों में शादी की तैयारियों में परिजन दिन रात जुटे हुए थे।
केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि नौजवान सिपाही सचिन की शहादत बेहद दुखद है। स िचन के हत्यारोपी के आपराधिक इतिहास को देखते हुए कठोर से कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। अपराधी को न्यायालय के समझ प्रस्तुत कर कानून के जितने भी प्रावधान हैं, उन सभी का प्रयोग करते हुए कठोरतम सजा दिलाएंगे। उन्होंने परिजनों को भी आश्वासन दिया कि दुख की इस घड़ी में सरकार उनके साथ है। परिवार की हर संभव मदद होगी। इस दौरान एसपी देहात संजय कुमार, एसपी क्राइम प्रशांत कुमार प्रसाद सहित अन्य पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के साथ ही आसपास के ग्रामों से भी हजारों लोग मौजूद रहे।
एसएसपी के सीने से लिपटकर रोते रहे सचिन के पिता, मां का भी बुरा हाल
मुजफ्फरनगर। घर के आंगन से जब नौजवान बेटे की अर्थी उठी तो पूरा गांव ही रोता दिखाई दिया। शहीद सिपाही की मां का करूण क्रंदन सभी को भावुक कर रहा था। उसके पिता भी अपना शोक और भावना नहीं रोक पाये। वहां पर जब एसएसपी संजीव सुमन पहुंचे तो शहीद सिपाही के पिता वेदपाल राठी उनसे लिपट गये। एसएसपी के सीने से लिपट कर शहीद के पिता काफी देर तक रोते रहे। एसएसपी ने उनको संभाला और भरोसा दिया कि पूरा पुलिस फोर्स उनके साथ है। उन्होंने शहीद सिपाही की मांग गीता देवी और बहन अंशु को भी ढांढस बंधाया। इसके बाद वो शहीद की अर्थी लेकर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे।
मंगेतर कोमल ने सचिन के पिता को दिया बड़ा दिलासा
मुजफ्फरनगर। शहीद सिपाही सचिन की मंगेतर महिला कांस्टेबल कोमल कन्नौज पुलिस लाइन में अंत तक पार्थिव शरीर के पास बैठी रही। इस दौरान सचिन के पिता वेदपाल राठी को आला अफसरों के साथ ही समाज कल्याण मंत्री ने ढांढस बंधाया और हत्यारोपियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया। कोमल ने सचिन के पिता को संभाला और कहा कि पापा आप रो मत, मैं हूं न। इतना कहते ही दोनों की आंखों से आंसू छलक पड़े। कोमल ने भी पार्थिव शरीर को कंधा देकर वाहन तक पहुंचाया और वाहन के साथ सचिन के पैतृक गांव के लिए रवाना हो गई। सचिन के परिवार में मां गीता देवी, पिता वेदपाल राठी, बड़ा भाई जतिन और छोटी बहन अंशू हैं। घटना के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है और परिवार के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।