जल भराव पर जागी ‘सरकार’, डीएम ने ईओ से मांगा प्लान
जनप्रतिनिधियों को जनता ने झकझोरा तो टूटी लापरवाही सिस्टम की नींद, अंतर विभागीय कमेटी बनाकर ड्रेनेज सिस्टम की बाधाओं को चिन्हित करने पर दिया जोर
मुजफ्फरनगर। इस साल दो दिन की बड़ी बारिश के बाद शहर में जल भराव को लेकर बड़ा बवाल मचा हुआ है। जनता को गुस्से में देखकर जनप्रतिनिधि पूरी तरह से ग्राउण्ड जीरो पर हैं। बदहाल विकास पर रोती जनता आंसू पौंछकर जागी तो जनप्रतिनिधियों की कुर्सी को भी धक्का लगा और वो सड़कों पर नजर आने लगे। जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे तो उन्होंने जनता के प्रति जवाबदेही से बचकर आरामा की नींद सोते अधिकारियों को भी जगाने का काम किया। अधिकारी जागे और अब शहरी जल भराव की समस्या को समझने के लिए खुद डीएम सक्रिय हो गये हैं। उन्होंने अंतर विभागीय टीम का गठन करते हुए पालिका ईओ से समन्वय बनाकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करते हुए 48 घंटे में प्रस्तुत करने के सख्त निर्देश दिये हैं।
ज्ञात रहे कि 29 और 30 जून की रात के बाद नौ जुलाई को शहर में बड़ी बारिश हुई और इस कारण शहर के पॉश इलाकों से लेकर मलिन बस्तियों और निचले क्षेत्रों में भी भारी जल भराव हो गया। इतना ही नहीं शहर के मुख्य बाजारों में दुकानों में पानी घुस जाने के कारण व्यापारियों को भी करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। इसके खिलाफ पहली बार जनता में गुस्सा नजर आया और रामलीला टीला पर महिलाओं ने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ सड़क पर आकर मोर्चा बंदी शुरू कर दी। नगर विधायक व सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल और पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप, भाजपा नेता गौरव स्वरूप पूरे दलबल के साथ ग्राउण्ड जीरों पर उतरे और समस्याओं को समझा, जनता में विकास का एक विश्वास जगाया गया है। जनता जागी तो जनप्रतिनिधियों की भी नींद उचट गई और अफसरों को भी लापरवाही की चादर छोड़कर जवाबदेही के लिए तैयार होना पड़ा।
शनिवार को जब डीएम उमेश मिश्रा शिव चौक पर कांवड़ कंट्रोल रूम के उद्घाटन में पहुंचे तो यहां पर मंत्री कपिल देव और चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के साथ ही सभासदों ने उनके सामने शहर की जल निकासी की समस्या और नालों पर हो रहे अतिक्रमण की शिकायत को रखा। मंत्री कपिल देव ने डीएम से अंतर विभागीय समन्वय बनवाते हुए आगामी विकास कार्य कराये जाने पर जोर दिया। डीएम ने यहां ईओ पालिका डॉ. प्रज्ञा सिंह को निर्देश दिये कि वो शहरी जल निकासी की समस्या को समझने के लिए एक अंतर विभागीय कमेटी का गठन कर रहे हैं, जिसमें नगर पालिका के साथ ही एमडीए, जल निगम, सीएनडीएस जल निगम नागर इकाई, लोक निर्माण विभाग के तकनीकी अधिकारियों के साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी को भी शामिल किया जा रहा है। इस अंतर विभागीय कमेटी के साथ वो समन्वय बनाकर मीटिंग करते हुए जल निकासी में बन रही बाधाओं को चिन्हित करते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उनको उपलब्ध करायें, इसमें कोई भी लापरवाही न बरतें, इसके लिए उन्होंने 48 घंटे की समयावधि तय करते हुए कहा कि इस समय बारिश का समय चल रहा है और ऐसे में इस समस्या को समझने में आसानी होगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी रिपोर्ट मांगी है कि शहर में कहां पर नाले व नालियों पर अतिक्रमण है या उनको बंद किया गया है। साथ ही उन्होंने ईओ से कहा कि वो ऐसे पुराने लोगों की भी मदद ले जो शहर के ड्रेनेज सिस्टम पर पूरी जानकारी रखते हों, प्राइवेट तकनीकी पर्सन से भी वो सहायता लें और एक गंभीर कार्ययोजना तैयार करें। ताकि शासन को भेजकर इसके समाधान के लिए प्रयास किये जा सकें।
विकास के लिए लोगों को भी चुकानी पड़ेगी कीमत
मुजफ्फरनगर। डीएम उमेश मिश्रा के समक्ष सभासदों ने यह शिकायत रखी कि लोगों ने नालों और नालियों पर अतिक्रमण कर रखा है, जिस कारण उनकी सफाई नहीं हो पाती है। इस पर डीएम ने कहा कि ईओ को निर्देश दिया गया है। ये कमेटी इस पर भी अपनी रिपोर्ट तैयार करते हुए ऐसे सभी प्वाइंट को चिन्हित करेगी और कांवड़ के बाद एक योजना बनाकर ऐसे अतिक्रमण को हटवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान चाहिए तो लोगों को भी कीमत चुकाने के लिए तैयार होना पड़ेगा। समस्या के विकराल होने में नागरिकों का दोष भी शामिल हैं, लोग नालों में कूड़ा डालते हैं, सड़कों पर फैंकते हैं, तो बारिश के पानी के साथ जल निकासी में अवरोध उत्पन्न करता है। ऐसे लोग भी चिन्हित किये जायेंगे।
गोबर पर चालान न करने को लेकर भड़की ईओ, एनएसए को चेतावनी
मुजफ्फरनगर। मंत्री कपिल देव अग्रवाल के स्थलीय निरीक्षण के दौरान रामपुरी और अन्य क्षेत्र में बस्ती में डेयरी चलाकर गोबर को नालियों में बहाने वाले लोगों के खिलाफ चालान की कार्यवाही 24 घंटे बीत जाने पर भी नहीं की गई, इसको लेकर पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय शाही के प्रति कड़ी नाराजगी जताते हुए कार्यवाही की चेतावनी दी है। ईओ ने बताया कि मंत्री ने निरीक्षण के दौरान रामपुरी में गोबर बहाते हुए देखा था, मौके पर ही चालान करने के निर्देश दिये गये थे, इसके लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी को आरोपियों को चिन्हित कर कार्यवाही के लिए कहा गया था, लेकिन शनिवार तक भी चालान नहीं किये गये। ईओ ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी से जवाब तलब किया है। साथ ही चालान करने की व्यवस्था सीएसएफआई योगेश गोलियान, एसएफआई प्लाक्षा मैनवाल और वैशाली सोती को सौंप दी है। तीनों को निर्देशित किया है कि वो चालान बुक निरीक्षण में साथ रखेंगे और तत्काल ही चालानी कार्यवाही की जायेगी। डॉ. अजय का कहना है कि उन्होंने डेयरी वालों के खिलाफ चालान काटकर जुर्माना वसूलने के लिए विभागीय लिपिक को निर्देश दिये थे, लेकिन उसके द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है। इसके लिए लिपिक से भी जवाब मांगा गया है और आज ही चालानी कार्यवाही की जा रही है।